Summer Special: गरमी में ऐसे करें स्किन केयर

सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटौलोजिस्ट डा. नरेश भार्गव के अनुसार, गरमी हो या सर्दी हर मौसम में हमारी त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है. गरमी में सूर्य की हानिकारक किरणों, धूलमिट्टी और तैलीय ग्रंथियों की अधिक सक्रियता का प्रभाव हमारी त्वचा पर सब से ज्यादा पड़ता है, जिस के कारण प्रिक्ली हीट, पिग्मैंटेंशन, फंगस, ब्लैकहैड्स, पिंपल, एक्ने, डैंड्रफ और स्किन ऐलर्जी आदि समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है. लेकिन अगर हम कुछ खास बातों का ध्यान रखते हुए उन पर चलें तो इन समस्याओं से काफी हद तक बचाव संभव है.

बचाव के उपाय

ठंडक का एहसास:

डा. भार्गव के अनुसार, गरमियों में त्वचा के रोगों के निदान के लिए शरीर को ठंडा रखना बेहद जरूरी है. इस के लिए दिन में 2 से 3 बार नहाना चाहिए तथा शरीर को ठंडक देने वाले पेयपदार्थ, जैसे लस्सी, दही, नीबूपानी, दूध आदि का सेवन करना चाहिए. साथ ही, धूप के संपर्क में कम से कम आना चाहिए. अंदरूनी हिस्सों की साफसफाई: डा. भार्गव के अनुसार, शरीर के अंदरूनी हिस्सों की साफसफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि शरीर के अंदरूनी हिस्सों, जैसे बगलों, घुटने, कुहनियां आदि में पसीने के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं, जिस से शरीर में पसीने की दुर्गंध आने लगती है. इसलिए इन हिस्सों को अच्छी तरह साफ कर के और सुखा कर टैल्कम पाउडर लगाना चाहिए.

सही खाद्यपदार्थों का सेवन:

डा. भार्गव गरमियों में उचित खानपान की सलाह देते हैं. उन के अनुसार, गरमियों में तैलीय व गरिष्ठ भोजन की अपेक्षा ऐसा सादा एवं फलाहारी भोजन सब से उपयुक्त है, जो शरीर को उपयुक्त ऊर्जा व नमी प्रदान करे. इसलिए फलसब्जियों और पानी को अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए और कैफीन वाली चीजों, जैसे चायकाफी आदि का इस्तेमाल जरूरी हो तो भी कम से कम करना चाहिए.

फेसवाश का प्रयोग:

गरमियों में आमतौर पर हर कोई 2 से 3 बार नहाता है. ऐसे में साबुन के अत्यधिक प्रयोग से उस की त्वचा रूखी व बेजान हो जाती है. इसलिए साबुन की जगह सौम्य फेसवाश और बौडी शैंपू के प्रयोग से अपनी त्वचा की नमी बरकरार रखें.

नियमित टोनिंग:

आप की त्वचा हमेशा जवां व खूबसूरत बनी रहे, इस के लिए नियमित रूप से क्लींजिंग, टोनिंग व मौइश्चराइजिंग करें. तैलीय त्वचा होने पर औयलफ्री मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें. ज्यादा असर के लिए मौइश्चराइजर को फ्रिज में रखें. जब आप धूप से घर लौटें तो चेहरा धोने के बाद ठंडाठंडा मौइश्चराइजर चेहरे पर लगाएं और गरमी में ठंडक का एहसास पाएं.

सनस्क्रीन का प्रयोग:

त्वचा को खूबसूरत बनाए रखने के लिए टोनिंग के साथ सनस्क्रीन का प्रयोग जरूर व नियमित करें, क्योंकि धूप में निकलने पर सूर्य की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण हमारी त्वचा पर सनबर्न, असमय झुर्रियां आदि समस्याएं उभर आती हैं. जबकि नियमित सनस्क्रीन के इस्तेमाल से इन समस्याओं की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है तथा इन से बचा जा सकता है. इसलिए घर से बाहर निकलने से कम से कम आधा घंटा पहले इसे लगा लें तथा धूप में ज्यादा रहने की स्थिति होने पर 3 घंटे के बाद दोबारा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. सनस्क्रीन केवल चेहरे पर ही नहीं बल्कि शरीर के हर उस हिस्से पर लगाएं, जो धूप के सीधे संपर्क में आता है.

त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन

डा. भार्गव के अनुसार, त्वचा के अनुरूप ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे:

नौर्मल और ड्राई स्किन:

नौर्मल और ड्राई स्किन के लिए नौर्मल 30+एसपीएफ का सनस्क्रीन उपयुक्त है, जो त्वचा पर सुरक्षा कवच का काम करता है.

तैलीय त्वचा:

इस प्रकार की त्वचा के लिए नौनऔयली 30 या 30+एसपीएफ सनस्क्रीन बेहतर व उपयुक्त है.

सैंसिटिव त्वचा:

नाजुक त्वचा के लिए न्यूट्रल सोप स्किन सनस्क्रीन अच्छा है.

ब्लैकहैड्स के लिए:

गरमियों में ब्लैकहैड्स की समस्या में बढ़ोतरी हो जाती है, जो आप की खूबसूरती में ग्रहण लगा देते हैं. इन से निबटने के लिए महीने में 2 बार किसी अच्छे पार्लर में जा कर फेस क्लीनिंग कराएं तथा इस के बाद टोनर का प्रयोग करें. ब्लैकहैड्स को कभी भी जबरदस्ती दबा कर निकालने की कोशिश न करें.

पैडिक्योर:

गरमियों में पैरों की उंगलियों के बीच में नियमित सफाई नहीं होने के कारण फंगस की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस से बचने के लिए उचित साफसफाई का ध्यान रखते हुए महीने में 1 या 2 बार पार्लर जा कर पैडिक्योर करवाएं.

वैक्सिंग:

वैक्सिंग करवाने से अनचाहे बालों से छुटकारा तो मिलता ही है, त्वचा की डैडस्किन भी निकलती है. इसलिए नियमित रूप से बालों की ग्रोथ के हिसाब से वैक्सिंग जरूर करवाएं.

उचित मेकअप प्रोडक्ट का चुनाव:

प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट सोनिया बत्रा के अनुसार, गरमियों में मैट मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए तथा शाइनी लुक के लिए मैट प्रोडक्ट पर शिमर या शाइनर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस के अलावा क्रीमी बेस प्रोडक्ट की जगह वाटरबेस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. इस के साथ आजकल न्यूड मेकअप फैशन में है, इसलिए मेकअप लाइट ही रखें.

मेकअप उतारना:

गरमियों में रात को सोने से पहले मेकअप उतारना बहुत जरूरी होता है ताकि आप की त्वचा खुल के सांस ले सके. मेकअप उतारने के लिए क्लींजिंग मिल्क या मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करें.

फेशियल:

गरमियों के मौसम और त्वचा के अनुसार आप फेशियल जरूर करवाएं ताकि आप का चेहरा हर पल खिलाखिला रहे. गरमियों के मौसम में आप ग्लाइकोलिक पीलिंग या स्पा फेशियल करवा सकती हैं.

बालों की देखभाल:

गरमियों में लगातार पसीने के कारण बाल बहुत चिपचिपे हो जाते हैं. अत: इन की नियमित सफाई पर ध्यान दें. आजकल मार्केट में कई प्रकार के शैंपू उपलब्ध हैं, जिन के नियमित इस्तेमाल से बालों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन इन्हें खरीदते समय अपने बालों की प्रकृति का विशेष ध्यान रखें.

तनमन महके:

गरमियों में पसीने की गंध से छुटकारा पाने के लिए नहाने के पानी में कुछ बूंदें एसेंशियल औयल की या फिर गुलाबजल की डाल कर नहाएं. इस के अलावा बौडी डियोड्रैंट, बौडी स्प्रे या परफ्यूम का इस्तेमाल जरूर करें. ध्यान रखें कि परफ्यूम हमेशा बौडी के वार्म पौइंट्स, जैसे गरदन और कलाइयों पर ही लगाना चाहिए.

घरेलू फेसपैक:

गरमियों में घरेलू फेसपैक बनाने के लिए दही व मुलतानी मिट्टी में थोड़ा सा शहद मिला कर चेहरे पर लगाएं. यह पैक गरमियों के लिए अति उत्तम है.

योग एक वरदान:

नियमित रूप से योग को अपने दैनिक कार्यों में सम्मिलित करें. स्वस्थ तनमन के लिए योग से बेहतर अन्य कोई साधन नहीं है.

Summer Special: सनस्क्रीन से स्किन को दें सुरक्षा कवच

सनस्क्रीन को सनब्लौक क्रीम, सनटैन लोशन, सनबर्न क्रीम, सनक्रीम भी कहते हैं. यह लोशन, स्प्रे या जैल रूप में हो सकता है. यह सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित या परावर्तित कर के सनबर्न से सुरक्षा उपलब्ध कराता है. जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन्हें त्वचा का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है. नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से झुर्रियां कम और देर से पड़ती हैं. जिन की त्वचा सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती है उन्हें रोज सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

क्या है एसपीएफ

एसपीएफ अल्ट्रावायलेट किरणों से सनस्क्रीन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुरक्षा को मापता है. लेकिन एसपीएफ यह नहीं मापता है कि सनस्क्रीन कितने बेहतर तरीके से अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा करेगा. त्वचारोग विशेषज्ञ एसपीएफ 15 या एसपीएफ 30 लगाने की सलाह देते हैं. ध्यान रखें, अधिक एसपीएफ अधिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराता है.

सनस्क्रीन न लगाने के नुकसान

सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. समर में इसे लगाना बहुत ही जरूरी है. इस सीजन को त्वचा के रोगों का सीजन कहा जाता है. इस मौसम में समर रैशेज, फोटो डर्माइटिस, पसीना अधिक आना और फंगस व बैक्टीरिया के संक्रमण से अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं. समर में थोड़ी देर भी धूप में रहने से सनटैन और सनबर्न की समस्या हो जाती है. टैनिंग इस मौसम में त्वचा की सब से सामान्य समस्या है. अत: घर से बाहर निकलने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाला सनस्क्रीन जरूर इस्तेमाल करें.

जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन की त्वचा समय से पहले बुढ़ा जाती है, उस पर झुर्रियां पड़ जाती हैं. यूवी किरणों का अत्यधिक ऐक्सपोजर त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है.

कैसे चुनें सनसक्रीन

सही सनस्क्रीन का चयन करना बहुत जरूरी है. अधिकतर महिलाओं के लिए एसपीएफ 15 वाला सनस्क्रीन बेहतर होता है. लेकिन जिन की त्वचा का रंग बहुत हलका हो, त्वचा के कैंसर का पारिवारिक इतिहास हो या फिर लुपुस जैसी बीमारी के कारण त्वचा सूर्य के प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो, उन्हें एसपीएफ 30 या उस से अधिक एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए. अगर आप सोचती हैं कि एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन एसपीएफ 15 वाले सनस्क्रीन से दोगुना अच्छा है तो यह सही नहीं है. एसपीएफ 15-93% यूवीबी को फिल्टर करता है तो एसपीफ 30 इस से थोड़ा सा अधिक यानी 97% यूवीबी को फिल्टर करता है.

त्वचारोग विशेषज्ञों का मानना है कि कम से कम एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन लगाएं. कई महिलाएं एसपीएफ 50 वाला सनस्क्रीन भी लगाती हैं, लेकिन बाजार में कोई ऐसा सनस्क्रीन उपलब्ध नहीं है, जो हानिकारक यूवी किरणों से 100% सुरक्षा उपलब्ध कराए. हमेशा अच्छे ब्रैंड के सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल करें. जिन्हें पसीना अधिक आता हो, उन्हें वाटरपू्रफ या स्वैटपू्रफ सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

सनस्क्रीन कैसे और कितना लगाएं

सही सनस्क्रीन से भी अधिक लाभ नहीं मिलेगा, अगर आप इस का रोज और सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगी. पेश हैं, कुछ सुझाव:

– सनस्क्रीन धूप में निकलने से 15 से 30 मिनट पहले लगाएं.

– अगर आप मेकअप करना चाहती हैं तो इसे मेकअप करने से पहले लगाएं.

– सनस्क्रीन बहुत कम मात्रा में न लगाएं.

– चेहरे पर ही नहीं शरीर के बाकी खुले भागों पर भी लगाएं.

– हर 2 घंटे बाद सनस्क्रीन दोबारा लगाएं.

– ऐक्सपाइरी डेट वाला सनस्क्रीन न लगाएं, क्योंकि वह प्रभावी नहीं रहता है.

सनस्क्रीन: मिथ और तथ्य

मिथ: सनस्क्रीन लगाने से सनटैन नहीं

हो सकता.

तथ्य: अगर आप एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन लगाती हैं तो आप सनबर्न से बच सकती हैं. अच्छा सनस्क्रीन आप को यूवीए और यूवीबी किरणों से भी बचा लेगा. लेकिन अगर आप लंबे समय तक धूप में रहेंगी तो आप को सनटैन की समस्या हो सकती है.

मिथ: पानी में सनबर्न नहीं होता है.

तथ्य: पानी झुलसा देने वाली गरमी में शरीर को ठंडा कर देता है, क्योंकि पानी में डूबा शरीर सूर्य की किरणों से सुरक्षित रहता है. लेकिन यह धारणा बिलकुल गलत है. पानी वास्तव में यूवी किरणों को परावर्तित करता है. इस प्रकार से हमें इन के प्रति अधिक ऐक्सपोज कर देता है.

मिथ: कार या बस की खिड़की से आप को सूर्य की यूवी किरणें नुकसान नहीं पहुंचा सकती हैं.

तथ्य: यह बिलकुल गलत धारणा है, क्योंकि हानिकारक यूवी किरणें ग्लास को पैनिट्रेट कर लेती हैं. अगर आप को विंडोसीट के पास बैठना पसंद है या अपने काम के सिलसिले में लंबी ड्राइव करनी पड़ती है, तो आप को उस से अधिक मात्रा में सनस्क्रीन लगाना चाहिए जितना आप सामान्यतौर पर लगाती हैं.

(डा. मनीष पौल, स्किन लैजर सैंटर)

मुल्तानी मि‍ट्टी से निखारें खूबसूरती

दमकती त्वचा के लिए हमारे यहां मुल्तानी मि‍ट्टी का प्रयोग दादी-नानी की भी दादी-नानी के जमाने से हो रहा है. फिर ताज महल की खूबसूरती बढ़ाने और इस के पत्थर पर चढ़ी पीली परत हटाने के लिए भी इस पर मुल्तानी मिट्टी का लेप किया जा रहा है.

अब तो आप भी चाहेंगी इसके इस्तेमाल से त्वचा निखारी जाए. तो जानें इसे कैसे इस्तेमाल करें कि आपको हमेशा दमकती त्वचा मिले…

1. मुल्तानी मिट्टी में बादाम के कुछ टुकड़ों को कूटकर डाल दीजिए और उसी में कुछ मात्रा में दूध मिला लीजिए. इसे चेहरे पर लगाने से चेहरा कोमल भी बना रहेगा और साफ भी हो जाएगा.

2. पुदीने की कुछ पत्तियों को मिक्सर में पीस लीजिए. इसमें कुछ मात्रा में दही मिला लीजिए. इस पेस्ट को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं.

3. गुलाब जल को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर लगाने से चेहरे पर निखार आता है. पेस्ट को तब तक चेहरे पर लगा रहने दें जब तक वो सूख न जाए. इस पेस्ट को लगाने से चेहरे पर मौजूद अतिरिक्त ऑयल साफ हो जाता है.

4. पपीते के एक चम्मच गूदे और एक से दो बूंद शहद को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर पेस्ट बना लीजिए. इस पेस्ट को लगाने से चेहरा निखर जाएगा.

5. चंदन पाउडर में एक चम्मच टमाटर का रस मिला लीजिए. अब इसे मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लीजिए. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं.

डार्क सर्कल को दूर करने में कारगर

खीरे के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर एक पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को आंखों के नीचे लगाकर छोड़ दें. जब ये पैक सूख जाए तो इसे धो लें. खीरे के रस और मुल्तानी मिट्टी की ठंडक आंखों को ताजगी तो देगी ही वहीं कुछ ही दिनों में काले घेरे भी दूर हो जाएंगे.

इसके अलावा आप मुल्तानी मिट्टी, बादाम और ग्ल‍िसरीन को मिलाकर एक पेस्ट बना सकती हैं. पेस्ट को आंखों के नीचे लगाकर छोड़ दें. आप चाहें तो इस पैक को पूरे चेहरे पर भी लगा सकती हैं. जब ये सूख जाए तो चेहरे को साफ पानी से धो लें.

आमतौर पर महिलाएं मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग सीधे अपनी त्वचा पर कर लेती हैं. लेकिन अगर आप थोड़ी सी मेहनत और कर लें तो कहीं अधिक बेहतर परिणाम पा सकती हैं. ये चेहरे में कसावट लाने के साथ ही इसे साफ करने में भी बहुत कारगर है.

इसके इस्तेमाल से डेड स्‍क‍िन भी साफ हो जाती है. कई बार ऐसा होता है कि मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल से चेहरा बहुत अधिक ड्राई हो जाता है. ऐसे में इसके इस्तेमाल का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

औयली और ड्राय स्किन के लिए ट्राय करें ये फेसपैक

जितनी बुरी ऑइली स्‍किन होती है, उतनी ही बुरी ड्राय स्‍किन भी. रूखी त्‍वचा पर आप चहे जितना मॉइस्‍चराइजर लगाइये उस पर कोई फरक नहीं पड़ता. और आपकी जानकारी के लिये बता दं कि रूखी त्‍वचा वालों को झुर्रिंया काफी तेजी से पड़ती हैं. हांलाकि आप चाहें तो खुद का एलो वेरा फेस पैक बना सकते हैं.

अगर आपकी स्‍किन रूखी है तो हमेशा उसको नम रखने की कोशिश करें. इसके लिये सबसे पहले तो आपको ढेर सारा पानी पीना होगा और चेहरे पर कोई भी प्रोडक्‍ट यूज करने से पहले सावधानी बरतन होगी.

इसलिये आज हम आपको तीन चमत्‍कारी फेस पैक बनाना सिखाएंगे जो कि एलो वेरा से तैयार हो सकत हैं, आइये जानें इनके बारे में

1. एलो वेरा और दही से दूर करें खुशकी

रूखे चेहरे पर लालिमा और खुशकी हमेश रहती है. जिसको दूर करने के लिये आप 2 चम्‍मच एलोवेरा और दही ले कर मिक्‍स कर लें. फिर इसे पूरे चेहरे पर लगाएं. इससे चेहरा फटेगा नहीं और लालिमा भी दूर होगी. इस पैक को रोज लगाएं क्‍यंकि यह चेहरे को ठंडक पहुंचाता है.

2.एलोवेरा और हल्‍दी से पाएं चमक

1 चम्‍मच एलोवेरा जैल में 1 चुटकी हल्‍दी मिक्‍स करें और चेहरे पर लगाएं. जब यह सूख जाए तब चेहरे को धो लें. इससे चेहरा ड्राई भी नहीं होगा और चेहरे पर चमक भी आएगी.

3.एलोवेरा और पपीते से हटाएं चेहरे के बाल

पपीते में एक इंजाइम होता है, जिससे चेहरे के बाल कमजोर हो कर टूटने लगते हैं. 1 चम्‍मच एलोवेरा जैल में एक टुकडा पीता मिला कर पेस्‍ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें. इस पैक को नियमित लगाने से आपको पर्लर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

ऑइली स्‍किन या फिर तैलीय त्‍वचा वालों को अपना चेहरा साफ रखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ना वे कोई क्रीम लगा सकती हैं और मेकअप लगाने की तो बात ही छोड़ो.

ऑइली स्‍किन के लिये चंदन और मुल्‍तानी मिट्टी पाउडर काफी अच्‍छे माने जाते हैं क्‍योंकि ये चेहरे से तेल को सोख लेते हैं और उसे ऑइली नहीं होने देते हैं. चंदन पाउडर से बाइये रूप निखारने वाला फेस पैक अगर आप भी कुछ ऐसा प्राकृतिक इलाज चाहती हैं तो हमारा बताया हुआ चंदन पाउडर का यह फेस पैक लगाना ना भूलें.

आइये देखें इसे कैसे बनाया जाता है और इसके गुण क्‍या क्‍या हैं.

चंदन फेस पैक बनाने की विधि

– 1 चम्‍मच मुल्‍तानी मिट्टी में 1 चम्‍मच चंदन पाउडर और चुटकीभर हल्‍दी मिलाएं. फिर इसमें थोड़ा सा दूध मिला कर गाढा पेस्‍ट तैयार करें.

– इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 से 20 मिनट तक लगा रहने दें. फिर जब यह पेस्‍ट सूख जाए तब चेहरे पर थोड़ा पानी लगाएं और फेस पैक को उगंलियों से रगड़ कर गोलाई में छुड़ाएं.

– उसके बाद चेहरे को पानी से धो लें और सुखा लें. आप इस फेस पैक को हफ्ते में एक बार लगा सकती हैं.

यह कैसे काम करता है?

इस फेस पैक में मुल्‍तानी मिट्टी होता है जो चेहरे से एक्‍सट्रा तेल को सोख लेती है और उस पर से गंदगी तथा डेड स्‍किन को साफ करती है. इसके अलावा इसमें चंदन भी होता है, जो कि चेहरे को नमी प्रदान करता है और खुले पोर्स को छोटा करता है. इस पैक में हल्‍दी भी मिलाया जाता है, जो त्‍वचा का रंग साफ करने में मदद करता है. अगर इसे दूध के साथ मिला कर लगाया जाए तो चेहरे पर ग्‍लो आता है और सनबर्न तथा पिगमेंटेशन से राहत मिलती है.

इन 6 दवाईयों से बनाएं फेस पैक और पाएं बेदाग स्किन

हमारे सारे प्रयास बेदाग त्वचा पाने की दिशा में होते हैं. एक ऐसी त्वचा जिस पर कोई दाग, धब्बा, झुर्रियां, झाइयां व मुंहासे ना हों. ऐसी त्वचा पाना आसान नहीं है लेकिन कुछ विटामिन फेस मास्क यह करिश्मा दिखा सकते हैं.

एक साफ और निखरी त्वचा पाने के लिए आपको विटामिन व मिनरल की सबसे अधिक जरूरत होती है. विटामिन ई आपको दागों से छुटकारा दिलाता है जबकि विटामिन सी आपकी त्वचा को जवां बनाए रखता है.

इन फेस मास्क को बनाने के लिए आप किसी भी कैप्सूल का इस्तेमाल नहीं कर सकती. इसके लिए आपको आपकी त्वचा व त्वचा से जुड़ी समस्याओं की समझ होनी चाहिए.

जैसे एस्पिरिन की गोलियों में मौजूद सलिसीक्लिक एसिड मुंहासों से छुटकारा दिलाता है जबकि विटामिन ई के कैप्सूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को साफ व कोमल बनाते हैं.

लेकिन इन सब से भी अधिक जरूरी बात है कैप्सूल को इस्तेमाल करने की मात्रा. कौन सा कैप्सूल कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है या बनाए गए लेप को हफ्ते में कितनी बार लगाना चाहिए जैसे सवालों के जवाब भी पता होने चाहिए.

हमने नीचे कुछ फेस पैक को तैयार करने की विधि दी है. साइड-इफैक्ट्स से बचने के लिए पैक को बनाकर एक पैच टेस्क लें. इन पैकों को आजमाने पर परिणाम 15 से 30 दिनों के भीतर नजर आएंगे.

1. एस्पिरिन की गोलियां:

एस्पिरिन में मौजूद सलिसीक्लिक एसिड त्वचा से डेड स्किन को हटाता है तथा चेहरे को दागदार करने वाले धब्बों व मुंहासों से छुटकारा पाने में मदद करता है.

सामग्री: 3 एस्पिरिन की गोलियां, 1 कप पानी, 1 चम्मच जैविक शहद

विधि: एक चम्मच पानी में एस्पिरिन की गोलियां को घोलें. इसे एक लेप के रूप में तैयार करने के लिए आवश्यकता अनुसार पानी डालें. अब इसमें शहद डालकर घोलें. इस तैयार हुए लेप को अपने चेहरे व गर्दन पर फैलाएं. इस लेप को 20 मिनट तक रहने दें, बाद में अपने चेहरे को पानी से धो लें. इस पैक को हफ्ते में सिर्फ एक बार लगाएं.

ध्यान रहे: कभी भी 8 से ज्यादा गोलियां का इस्तेमाल ना करें.

2. विटामिन ई:

विटामिन ई के कैप्सूल एंटीऑक्सीडेंट से युक्त होते हैं तथा इनसे बनाया गया पैक त्वचा के भीतर जल्द समाता है. यह पैक आपकी त्वचा को नर्म, मुलायम व जवा बनाएगा.

सामग्री: 3 विटामिन ई के कैप्सूल, 5 बूंदें बादाम के तेल की

विधि: विटामिन ई के कैप्सूल को तोड़कर उसके अंदर मौजूद जेल को एक कटोरी में निकालें. अब इसमें बादाम का तेल मिलाएं. रात में सोने से पहले इस पैक से अपनी त्वचा की मालिश करें. सुबह अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोएं.

3. विटामिन सी की गोली:

विटामिन सी में मौजूद एल-एस्कॉर्बिक एसिड त्वचा में कोलेजन स्तर को बढ़ाता है, जिससे आपकी त्वचा जवा व टाइट बनी रही है.

सामग्री: 1 विटामिन सी का कैप्सूल या गोली, 1 चम्मच गुलाब जल,  ½ बड़ा चम्मच ग्लिसरीन,  5 बूँदें रोजहिप तेल की

विधि: ऊपर दी गई सारी सामग्री को मिलाकर एक लेप तैयार करें. इस लेप को रात में सोने से पहले अपनी त्वचा पर एक मोइस्चराइज़र के रूप में लगाएं. विटामिन सी से बना यह पैक केवल मुंहासों से ही छुटकाना नहीं दिलाएगा बल्कि चेहरे पर नजर आने वाली झुर्रियों व फाइनल लाइन से भी आपका पीछा छुड़ा देगा.

4. प्रोबायोटिक कैप्सूल:

इन कैप्सूल में मौजूद गुड बैक्टीरिया, फ्री रैडिकल से आपकी त्वचा की रक्षा करता है, तथा चेहरे पर नजर आने वाले काले धब्बों को घटाकर त्वचा को कोमल बनाता है.

सामग्री 2 या 3 प्रोबायोटिक के कैप्सूल, 5 बूंदें लैवेंडर के तेल की, 5 बूँदें बादाम के तेल की

विधि: पहले दोनों तेलों को मिलालें फिर इसमें कैप्सूल को तोड़ कर डालें. सारी सामग्री को अच्छे से मिलालें. इस मिश्रण को अपने चेहरे व गर्दन पर लगाएं. जब मास्क आपके चेहरे पर सूख जाएं तब चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. बेदाग चेहरा पाने के लिए इस उपाय को हफ्ते में दो बार आजमाएं.

5. सीवीड कैप्सूल:

सीवीड कैप्सूल में भरपूर मात्रा में विटामिन व मिनरल होते हैं. ये त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाते हैं तथा त्वचा को स्वस्थ बनाकर झुर्रियों से छुटकारा दिलाते हैं.

सामग्री: 3 सीवीड कैप्सूल, खूबानी के तेल की 10 बूंदें, 1 चम्मच जैविक शहद

विधि: कैप्सूल को तोड कर उसमें शहद व खूबानी के तेल को मिलाएं. इस विटामिन से युक्त पैक को अपने चेहरे व गर्दन पर लगाएं. इस पैक को अपने चेहरे पर 30 मिनट के लिए रहने दें और बाद में अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. इस घरेलू नुस्खे को सप्ताह में दो बार आजमाएं.

6. गाजर के तेल के कैप्सूल

हम सब जानते हैं कि गाजर में बीटा-कैरोटीन होता है, जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता है व रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है. इससे आपका चेहरा चमक उठता है.

सामग्री: 2 गाजर के तेल के कैप्सूल, 2 बूंदें गुलमेहंदी का तेल 2 बूंदें बादाम का तेल

विधि: पहले अपने चेहरे को धोलें. फिर इन सारी चीजों को मिलाकर इनसे अपनी चेहरे की मालिश करना आरंभ करें. इसे रात भर रहने दें सुबह अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. यदि चिपचिपाहट महसूस हो तो मिश्रण को थोड़ा कम लगाएं.

Valentine’s Special: Facepack से खोया निखार लाएं वापस

स्वाद, सुगंध और रंग के लिए तो ज्यादातर घरों में केसर का इस्तेमाल होता है. केसर के इस्तेमाल से न केवल चेहरे पर निखार आता है बल्क‍ि स्क‍िन से जुड़ी कई प्रॉब्लम्स भी दूर हो जाती हैं. केसर रंगत निखारने के काम आता है और अगर आपको झांइयां हैं तो इससे बेहतर कोई दूसरा उपाय हो ही नहीं सकता है.

अगर आप चाहें तो केसर को शहद के साथ या फिर ग्ल‍िसरीन के साथ मिलाकर लगा सकती हैं लेकिन अगर आपको स्कि‍न से जुड़ी प्रॉब्लम है तो आपके लिए दूध और केसर का पैक सबसे अधिक फायदेमंद रहेगा.

कैसे तैयार करें ये फेसपैक?

केसर और दूध का फेसपैक तैयार करना बहुत ही आसान है. दो चम्मच दूध में एक चम्मच केसर मिलाकर रख लें. इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. पैक को सूखने दें. जब पैक सूख जाए तो इसे हल्के गुनगुने पानी से धोकर साफ कर लें.

दूध और केसर का पैक चेहरे पर लगाने के फायदे:

1. केसर और दूध के फेसपैक के नियमित इस्तेमाल से बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं. इसके इस्तेमाल से कोलाजिन का प्रोडक्शन बढ़ता है जिससे त्वचा जवान और खूबसूरत नजर आती है.

2. अगर आपकी स्किन बहुत अधि‍क ड्राई है तो ये फेसपैक लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. एक ओर जहां केसर रंगत निखारने में मददगार है वहीं दूध मॉइश्चर को खोने नहीं देता है. इस पैक के इस्तेमाल से ड्राईनेस कम होती है.

3. भले ही आप सबसे अच्छी सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकलें, बावजूद इसके टैनिंग तो हो ही जाती है. ऐसे में केसर और दूध का फेसपैक लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इससे टैनिंग दूर हो जाएगी.

4. अगर आपके चेहरे पर झांइयां हो गई हैं तो भी ये फेसपैक आपके लिए है. केसर और दूध का मिश्रण झांइयों को दूर करने का काम करता है.

5. त्वचा में कसावट लाने के लिए भी इस पै‍क का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा. केसर में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो मुंहासों को ठीक करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है.

सेंसिटिव स्किन को चाहिए खास क्लींजर

ह र महिला चाहती है कि उसकी स्किन ग्लोइंग, अट्रैक्टिव होने के साथसाथ हर तरह की प्रोब्लम से भी फ्री हो. लेकिन लाख सोचने के बावजूद जरूरी नहीं कि हर महिला की स्किन ठीक हो ही, क्योंकि स्किन एक प्रोटेक्टिव लेयर से बनी होती है. लेकिन मौसम में आए बदलाव, केमिकल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स, धूलमिट्टी व गंदगी के ज्यादा संपर्क में जब हम रहते हैं तो ये हमारी स्किन की सेंसिटिविटी का कारण बनते हैं, जिससे हमें ढेरों स्किन प्रोब्लम्स का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में जरूरी है सही स्किनकेयर करने के साथसाथ सही स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना ताकि हमारी स्किन हमेशा चमकतीदमकती रहे.

तो आइए, जानते हैं कैसे करें स्किन की केयर:

स्किन सेंसिटिविटी के कारण

हार्मफुल इनग्रीडिएंट्स: लंबे समय तक ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने, जिनमें मिनरल ऑयल्स, सिलिकोंस व स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले इनग्रीडिएंट्स होते हैं, का इस्तेमाल करने से पोर्स बंद होने के साथसाथ स्किन पर एक्ने, जलन जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है, जिसके समाधान के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में इनग्रीडिएंट्स को देखकर ही प्रोडक्ट को खरीदें. कोशिश करें नेचुरल इनग्रीडिएंट्स से बने प्रोडक्ट्स व माइल्ड प्रोडक्ट्स का ही  इस्तेमाल करें. साथ ही रात को सोते समय मेकअप को रिमूव करना न भूलें.

पोल्यूशन: चाहे हम घर में रहें या फिर बाहर निकलें, हम अपने चारों ओर पोल्यूशन से घिरे होते हैं. इस के कारण न सिर्फ हमें अपनी स्किन गंदी लगती है, बल्कि प्रदूषण के कणों से जुड़े कुछ केमिकल्स त्वचा की परतों में प्रवेश कर जाते हैं, जो ऑक्सिडेशन स्ट्रेस का कारण बनने के कारण हमारी स्किन बैरियर को कमजोर बनाने के साथसाथ सूजन, एजिंग का भी कारण बनते हैं, जिससे सेंसीबायो ॥२० क्लींजर आपको फुल प्रोटेक्शन देने का काम करता है.

गंदगी: आपकी स्किन केमिकल्स व रोगजनकों के खिलाफ एक नेचुरल बैरियर का काम करती है. ऐसे में अगर आप स्किन के हाइजीन यानी उसे प्रोपर रोजाना क्लीन करते हैं, तो वह त्वचा की सतह से डेड स्किन सेल्स, गंदगी व रोगाणुओं को हटाने में सक्षम बन जाती है.

टैप वाटर: टैप वाटर बैक्टीरिया, कैल्शियम व अन्य अवशेषों से भरा होता है, जो हमारी स्किन की बाहरी परत कही जाने वाली एपिडर्मिस को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे स्किन में जलन व एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है. ऐसे में सही फेस क्लींजर का इस्तेमाल करके आप सेंसिटिव स्किन की प्रोब्लम से लड़ कर इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

फेस मास्क: कोविड-19 वायरस के कारण जहां आज खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए मास्क लगाना जरूरी हो गया है, वहीं यह स्किन के लिए भी किसी मुसीबत से कम साबित नहीं हो रहा है, क्योंकि इसके कारण चेहरे के निचले हिस्से में मुंहासों की समस्या हो जाती है, साथ ही सेंसिटिव स्किन वालों को इससे स्किन में जलन, स्किन का लाल पड़ना और यहां तक कि इससे एक्जिमा की समस्या भी हो जाती है. इसके लिए फेस को क्लीन करते रहना बहुत जरूरी है ताकि स्किन को ठंडक मिल सके.

बेसिक रूल्स फॉर स्किन सेंसिटिविटी

– स्किन दिन के दौरान पर्यावरण के खिलाफ सुरक्षात्मक भूमिका निभाने के लिए खुद को तैयार करती है. इसके लिए जरूरी है कि आप रातभर की अशुद्धियों को दूर करने के लिए स्किन को जेंटल क्लींजर से क्लीन करें. ठीक इसी तरह चेहरे से दिनभर की अशुद्धियों को दूर करना बहुत जरूरी है वरना चेहरे पर जमा गंदगी आसानी से स्किन में प्रवेश करके उसे नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए स्किन को डे व नाइट में सेंसीबायो ॥२० क्लींजर से क्लीन करना न भूलें.

– सेंसिटिव स्किन वालों को इस बात का ध्यान रखना है कि अगर फेस को किसी प्रोडक्ट से क्लीन करने के बाद फेस पर टाइटनेस फील हो, तो इसका मतलब आप समझ जाएं कि वह प्रोडक्ट आपकी स्किन के लिए अच्छा नहीं है.

– आप सनस्क्रीन, मेकअप, क्रीम को कभी भी फेस पर ओवरनाइट लगाकर न सोएं., बल्कि क्लींजर से क्लीन करके स्किन को डिटॉक्स करें.

Winter Special: फटी एड़ियों को मुलायम बनाएं

सर्दियों में हमारी त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है. त्वचा के लिए तो हम एकबार फिर भी मॉइश्चराइजर, कोल्ड क्रीम खरीद लेते हैं लेकिन एड़ियों की हिफाजत का ख्याल भी बहुत कम लोगों को ही आता है. नतीजा यह होता है कि सर्दियां बढ़ने के साथ ही एड़ियों की दरारें भी बढ़ने लग जाती हैं और एक समय ऐसा आता है कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है.

ऐसे में बेहतर यही है कि समय रहते एड़ियों की देखभाल शुरू कर दी जाए ताकि आगे जाकर यह तकलीफ बढ़े नहीं. एड़ियों की देखभाल से पहले यह जानना जरूरी है कि एड़ियां फटती क्यों हैं.

क्यों फटती हैं एड़ियां

सही देखभाल न मिल पाना और गंदगी तो एक वजह है ही साथ ही अनियमित खानपान भी इसका एक मुख्य कारण है.

बनाएं एड़ियों को खूबसूरत और मुलायम

1. नारियल का तेल

रात को सोने से पहले पैरों को अच्छी तरह से साफ कर लें. इसके बाद साफ तौलिए से सुखाकर तेल लगाएं. इसके बाद मोजे पहन लें. इससे पैरों को गर्माहट मिलेगी और मॉइश्चर उड़ेगा भी नहीं. इस उपाय को सिर्फ 10 दिन करके देखें, फायदा होगा.

2. शहद

शहद एक बहुत अच्छा मॉइश्चराइजर है. एक बर्तन में इतना पानी ले लें कि उसमें आपके पैर डूब जाएं. इसमें आधा कप शहद मिलाकर पैर डुबोकर बैठ जाएं. कुछ देर बाद पैर धो लें. कुछ बार के ही इस्तेमाल से आपके पैर सॉफ्ट हो जाएंगे.

3. ग्लिसरीन

गुलाब जल और ग्लिसरीन का एक मिश्रण तैयार कर लें. इसे एड़ियों पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. इसके बाद पैरों को पानी से धो लें. कुछ दिनों में ही आपको असर नजर आने लगेगा.

4. पेट्रोलियम जेली

इसके अलावा पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करके भी फटी एड़ियों की तकलीफ से राहत पायी जा सकती है. सिर्फ एक बात का ख्याल रखें कि गंदे पैर न रहें और अच्छी क्वालिटी के ही जूते-चप्पल पहनें.

Winter Special: ताकि ठंडी हवाएं स्किन की नमी न चुराएं

हौलेहौले सर्दियों ने दस्तक दे दी है. इस मौसम का ठंडापन और रूखापन त्वचा से नमी को चुरा लेने वाला होता है, जिस से त्वचा सूखीसूखी, फटीफटी सी लगने लगती है और थोड़ी सैंसिटिव भी हो जाती है. लेकिन ऐसे मौसम में अगर आप चाहें तो सर्द हवाओं को अपनी त्वचा का दोस्त भी बना सकती हैं, जिस के उपाय बता रही हैं साकेत सिटी हौस्पिटल की डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर लिपि गुप्ता:

1. त्वचा क्यों होती है ड्राई

सर्दियों के मौसम में त्वचा इसलिए ड्राई हो जाती है क्योंकि खुश्क हवा त्वचा के नीचे से नमी सोख लेती है. त्वचा में नमी की कमी होने से सेल्स की बाहरी सतह सूखी हो कर चटकने लगती है, तो नमी का सुरक्षा कवच हट जाता है. इस से अंदरूनी त्वचा पर भी मौसम का असर होने लगता है. ऐसी त्वचा पर स्थायी या अस्थायी लकीरें अपना स्थान बनाने लगती हैं. ऐसा न हो इस के लिए आप आगे बताए जा रहे उपाय अपना कर त्वचा की देखभाल कर उस की नमी बरकरार रख सकती हैं.

2. हौट शौवर स्नान

इस मौसम में हर सुबह स्फूर्तिदायक गरम पानी से स्नान बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा स्नान आप को ताजगी प्रदान करता है और त्वचा की हाइजीन को बनाए रखता है. पर यह ध्यान रहे कि पानी बहुत ज्यादा गरम नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह त्वचा की कुदरती नमी को सोख लेता है. अच्छी तरह से हाइड्रेटेड त्वचा के लिए कुनकुना पानी सब से बेहतर उपाय है.

3. बौडी औयलिंग

सर्दी के मौसम में खुश्क हवा से त्वचा को बचाने व सूखेपन को दूर करने का असरदार तरीका है कुनकुने तेल से मालिश करना. लेकिन मालिश के लिए ऐसे तेल का चुनाव करें जो बहुत ज्यादा चिकनाईयुक्त न हो और शरीर में जल्दी मर्ज हो जाने वाला हो. जैसे औलिव, जोजोबा और ऐलोवेरा औयल. तेल की मसाज सोने से पहले या नहाने से 1 घंटा पहले करें, जिस से तेल का असर बौडी पर अच्छी तरह से हो जाए.

4. फेसवाश कैसा हो

सरदी के मौसम में सब से ज्यादा चेहरे की देखभाल की जरूरत पड़ती है. इस के लिए संतुलित, सौम्य व हाइडे्रटिंग फेसवाश का इस्तेमाल करें, जिस में क्लींजिंग व मौइश्चराइजिंग जड़ीबूटियों के साथसाथ ऐलोवेरा पर्याप्त मात्रा में हो. ये तत्त्व त्वचा को हाइड्रेट करते हैं.

5. साबुन का चुनाव

त्वचा की नियमित सफाई व नमी के लिए ऐसे सौफ्ट साबुन का चुनाव करें जिस में औलिव औयल और ऐलोवेरा के गुण हों.

6. घरेलू मौइश्चराइजर

आधा चम्मच गुलाबजल में 1 चम्मच शहद मिलाएं और चेहरे पर आहिस्ताआहिस्ता मलें. इसे 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर पानी से साफ कर लें. शहद से सूखी त्वचा की नमी लौट आएगी. इस के अलावा नाखूनों के आसपास मौइश्चराइजर लगाएं क्योंकि पानी में ज्यादा देर काम करने से वे भुरभुरे और सूखे हो सकते हैं. आप दस्तानों का प्रयोग भी कर सकती हैं.

7. स्क्रबिंग

सर्दी के मौसम में धूलमिट्टी से त्वचा को बचाने के लिए सप्ताह में 2 बार स्क्रबिंग जरूर करवाएं. स्क्रबिंग त्वचा से जमा मैल और डैडस्किन प्रभावी तरीके से निकालने और त्वचा से अतिरिक्त मौइश्चर को सोखने में सक्षम होती है, इसलिए आप की त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाए रखती है.

8. टोनर और क्लींजिंग मिल्क

सर्दी के मौसम में पसीना न आने की वजह से लोग फेसवाश करने पर कम ध्यान देते हैं, जिस से त्वचा की सफाई बेहतर ढंग से नहीं हो पाती. ऐसे में अच्छी क्वालिटी के टोनर और क्लींजिंग मिल्क प्रभावी तरीके से त्वचा की गहराई से सफाई करते हैं और सूखी त्वचा को स्वच्छ, नर्म व नमीयुक्त बनाते हैं.

9. मौइश्चराइजर

सर्दी के मौसम में ऐसे मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें जो धूप से सुरक्षा दे. आप नौर्मल मौइश्चराइजर की जगह सेरेमाइकयुक्त मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें. सैलिब्रिटीज मेकअप ऐक्सपर्ट, आशमीन मुंजाल के अनुसार, मौइश्चराइजर त्वचा में पीएच बैलेंस को मैंटेन करता है. अगर पीएच बैलेंस बढ़ता है, तो ऐक्ने की शुरुआत होती है और अगर कम होता है, तो फेस पर रिंकल्स उभर आते हैं. इसलिए ऐसे मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जो त्वचा में पीएच बैलेंस सही बनाए रखे. इस के अलावा बादाम क्रीम, वैसलीन व ग्लिसरीन का इस्तेमाल करें. ये त्वचा पर एक सुरक्षा कवच बना देते हैं जिस से उस पर शुष्क हवाओं का असर नहीं पड़ता. अच्छा मौइश्चराइजर त्वचा की खोई नमी तो लौटाता ही है, साथ ही नए ऊतकों को पैदा करने में भी मददगार होता है. यह धूल, धूप और मौसम की तीखी मार से बचाते हुए मेकअप की नमी बनाए रखता है. जहां सूखी त्वचा के लिए सामान्य मौइश्चराइजर मददगार साबित होता है, वहीं तैलीय त्वचा के लिए औयलफ्री मौइश्चराइजर बेहतर विकल्प है.

10. सनस्क्रीन लोशन जरूर इस्तेमाल करें

डाक्टर लिपि के अनुसार, जाड़े में धूप भी आप की त्वचा पर सीधा असर डालती है, इसलिए गरमी की तरह ही जाड़े में भी सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल जरूर करें. दरअसल, सर्दी में भी अल्ट्रावायलेट किरणें नुकसानदेह होती हैं और चूंकि आप जाड़े में धूप में ज्यादा समय बिताती हैं, इसलिए त्वचा पर अल्ट्रावायलेट किरणों का असर भी ज्यादा होता है. सनस्क्रीन लोशन उस के असर से तो त्वचा को बचाता ही है, उस की वजह से आप की खुली त्वचा पर होने वाली फाइनलाइन झुर्रियों और ऐज स्पौट वगैरह से भी बचाता है.

11. खानपान का रखें खास खयाल

सर्दी के मौसम में अपने खानेपीने का खास खयाल रखें. अपनी त्वचा को हाइड्रेट करने के लिए दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं. इस मौसम में प्यास कम लगती है फिर भी आप कुछकुछ देर में कोई न कोई लिक्विड जरूर लेती रहें. गरम पानी में नीबू डाल कर भी पीएं. इस से शरीर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. इस के अलावा ग्रीन टी, नारियल पानी, स्प्राउट, फल वगैरह लें. खानपान में संतुलन रखें व पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता दें.

12. पर्याप्त नींद लें

त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए 7-8 घंटे नींद जरूर लें क्योंकि यह हमारी ऊर्जा को ताजा करती है और शरीर को फुरतीला बनाए रखती है.

Winter Special: ताकि सर्दियों में ना फटें आपके होंठ

सर्दियां का मौसम आते ही ज्यादातर लोगों की त्वचा रूखी होने लगती है. त्वचा की नमी कहीं खो सी जाती है और त्वचा रूखी-बेजान नजर आने लगती है. त्वचा के साथ ही हमारे होंठ भी फटने शुरू हो जाते हैं. कई बार ये समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि होंठों से खून भी आना शुरू हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम अपनी त्वचा को लेकर फिक्रमंद रहें ताकि वो हमेशा खूबसूरत और जवां बनी रहे.

सर्दियों के मौसम में त्वचा को ज्यादा से ज्यादा नमी की जरूरत होती है. ऐसे में आप चाहें तो ग्लिसरीन का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह एक नेचुरल लिप बाम भी है.

कैसे करें ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल

आप चाहें तो ग्ल‍िसरीन को बाम की तरह लगा सकते हैं. इसके अलावा इसे दूध, शहद या गुलाब जल के साथ मिलाकर भी लगाया जाता है.

ग्ल‍िसरीन लगाने के फायदे

सर्दियों में शुष्‍क हवाओं के कारण होठ सूख जाते हैं और फटने लग जाते हैं. होठों पर ग्ल‍िसरीन के इस्तेमाल से होंठ मुलायम बनते हैं जिससे फटने की समस्या भी नहीं होने पाती है.

अगर आपके होंठों पर दाग-धब्बे हैं और ये काले पड़ चुके हैं तो भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है. कई बार धूम्रपान करने के कारण लोगों के होंठ काले पड़ जाते हैं. ऐसी स्थिति में भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है.

सर्दियों में हवाओं के प्रभाव से होठों की ऊपरी परत सूख जाती है और पपड़ी बन जाती है. ऐसे में ग्लसिरीन का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है.

अगर आपके होंठ कहीं से कट गए हों या फिर अगर उनमें किसी तरह का घाव बन गया हो तो भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है.

होठों के लिए ग्ल‍िसरीन एक पोषक तत्व की तरह काम करता है, जिससे होठों को नमी मिलती है.

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