Valentine’s Day 2024: बनें एक-दूजे के लिए

विवाह के पहले और विवाह के बाद जीने के उद्देश्य अलगअलग प्रकार के होते हैं. विवाह से पहले हम सैल्फ सैंटर्ड लाइफ जीते हैं. विवाह के बाद एकदूजे के लिए जीने का अभ्यास करना ही पतिपत्नी की सफलता का मानदंड होता है. आइए जानते हैं कि हम कैसे स्वस्थ मानसिकता के साथ परिस्थितियों के अनुकूल या प्रतिकूल होने पर दोनों स्थितियों में अपनी सही सोच के साथ जीवन के इस अहम पड़ाव पर स्थिरता और खुशनुमा पारिवारिक माहौल बना कर अपने लाइफपार्टनर के सुखदुख के साथी बनें:

क्या करें

एकदूसरे के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करें, समय बात सुनने का, समय साथ रहने का, युगलरूप में काम में हाथ बंटाने का. जल्दीबाजी छोड़ कर धैर्य के साथ यह सब करने का पर्याप्त समय होना चाहिए.

जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति  करते हुए टीम भावना से छोटीछोटी बातों को भी ऐंजौय करें.

सभी के साथ रिलेशनशिप को मुसकरा कर उत्साह के साथ जीएं. ऐसा करेंगे तो संपर्क में आने वाले सभी लोग मुसकराहट और उत्साह के साथ पेश आएंगे.

इन शब्दों का इस्तेमाल उचित अवसर पर करते रहें- धन्यवाद, हां, डियर, आप ठीक हैं, क्षमा कीजिए, मैं गलत था, आई एम सौरी आदि.

महीने में कम से कम 1 दिन पूरा समय एकदूसरे के साथ बिताएं. जो दोनों को रुचिकर लगे वैसा कार्यक्रम बना कर उस में समय व्यतीत करें.

जो भी बात अच्छी लगे उस के लिए एकदूसरे से धन्यवाद की अभिव्यक्ति करें.

अपनी बातचीत में हास्य का पुट भरें. यहां तक कि यदि मतभेद हो तो उस का अंत भी हास्य के पुट के साथ करें.

टोटल मेकओवर और ड्रैस एकदूसरे की पसंद के अनुसार हो. इस से एकदूसरे के लिए आकर्षण बढ़ता है.

हमेशा खुश रहने का फैसला करें. पौजिटिव सोच अपना कर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें.

सामान्य जीवन बिताने के लिए भीड़ में समय बिताने से बचें. सरल तरीके से जीएं. जीवन जटिल न हो तो अच्छा है.

वार्त्तालाप करें वह स्नेह और प्यार की भावना के साथ करें. एकदूसरे को समझने की ईमानदारी से कोशिश करें.

मोनालिसा मिश्रा ने संबंधित विषय पर कई शोधपत्र लिखे हैं जिन का सार संक्षेप में प्रस्तुत है. वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने पर इस पर ध्यान देना बहुत लाभदायक रहेगा:

अच्छे संवाद और वार्त्तालाप: एकदूसरे से बातें करने में संकोच न करें. बातें कीजिए. एकदूसरें की बात ध्यान से सुनें. सीक्रेट भी शेयर करें. किंतु विवेक के साथ. बातें करते समय आईकौंटैक्ट का भी ध्यान रखें. संवाद और वार्त्तालाप मधुर हो. मुद्दे बना कर क्रोध और झगड़ा न करें: क्रोध झगड़े में आग में घी का काम करता है. जब क्रोध में हों तो संवाद स्थगित कर दें. बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल का इंतजार करें. एकदूसरे के लिए त्याग की भावाना रखें. मिथ्या भ्रम न पालें कि हर बात आप की मानी जाए. गिव ऐंड टेक की पौलिसी अच्छी पौलिसी है. तनावरहित होने पर सभी बातें उचित नजरिए के साथ ली जा सकती हैं. अपने लाइफपार्टनर को उत्साहित करते रहें. उस के हर अच्छे कार्य की सराहना करें. उस की सहायता करें. क्षमाशील बनें. उस की योग्यता बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयत्न करें. उसे वयस्क रूप में लें. किडिंग से परहेज करें.

क्रिया और प्रतिक्रिया: मानवी रिलेशंस के लेखकों का मत है कि हर व्यवहार और कार्य की प्रतिक्रिया स्वाभाविक होती है, इसलिए प्रतिक्रिया उचित सीमा के भीतर और समय के अनुसार होनी चाहिए. ऐसा न हो अपनी बात मनवाने में आप संबंध बिगाड़ लें. किसी भी कीमत पर संबंध बनाए रखना वैवाहिक जीवन का आधार होता है, यह ध्यान रखें. उचित मानसिकता के साथ शांति बनाए रखें.संबंध में संतुष्टि प्रमुख है: चिंता दीमक की तरह हानिकारक होती है. किसी भी समस्या को आवश्यकता से अधिक तूल न दें. संबंध बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. अपने लाइफपार्टनर का सैल्फ कौन्फिडैंस बनाए रखें. उसे कमजोर बना कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है. समयसमय पर विश्वास की अभिव्यक्ति करते रहें. मतभेद की स्थिति में मतभेद न पैदा होने दें. गौतम बुद्ध ने कहा है कि विजयी बनने के लिए दूसरे को हर्ट नहीं करना चाहिए.

परफैक्ट मैच बनने के लिए निम्न सुझाव अमल में लाएं:

विवाह दीर्घकालीन समन्वय और नजदीकी रिश्ता है, जो एकदूसरे की पसंद पर आधारित है. इसे खुले दिलदिमाग से स्वीकारें.

नजरिए को लचीला रखें ताकि पार्टनर के दृष्टिकोण और भावनाओं का आदर कर सकें. ऐसा करने से प्यार पनपता रहेगा. रिश्ता बनाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है.

वैवाहिक संतुष्टि को बढ़ाने के लिए एकदूसरे को इमोशनल सपोर्ट दें ताकि आपसी सूझबूझ से भावनात्मक जुड़ाव बना रहे. इस से कर्तव्यबद्धता और कमिटमैंट जैसे गुणों का विकास होगा.

पार्टनर की अपेक्षाओं पर खरे उतरें. उस की मानसिकता को पहचानें. संदेह द्वारा असंतुष्टि और असुरक्षा की भावना एकदूसरे को न दें.

अपने लाइफपार्टनर के बारे में कोई गलत धारणा न बनाएं. तथ्यों के बिना अर्थपूर्ण बातचीत होना संभव नहीं होता है. महत्त्वपूर्ण डिस्कशन पतिपत्नी अकेले में ही करें. किसी अन्य व्यक्ति से समस्या पर विचारविमर्श न करें. अपनी प्राइवेसी बनाए रखें.

अवास्तविक अपेक्षाएं रखेंगे तो दुख ही मिलेगा. गिव ऐंड टेक की भावना होगी तो अपेक्षाएं अवश्य पूरी होंगी. धैर्य बनाए रखें.

प्रसिद्ध कवि रूप नारायण त्रिपाठी की निम्न पंक्तिया सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेरक हैं:

जहां पर फूल खिलते हैं उसे उद्यान कहते हैं,
जहां पर रूप जलता है उसे श्मशान कहते हैं,
मगर उद्यान और श्मशान में बस फर्क इतना है,
कि हम उजड़े हुए उद्यान को श्मशान कहते हैं.

अब आप ही फैसला करें कि अपने जीवन को आप ने महकता हुआ उद्यान बनाना है या उन खुशियों से वंचित रहना है जिन के आप सही माने से हकदार हैं.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को कैसे मजबूत बना सकते हैं?

सवाल- 

मेरी उम्र 24 वर्ष है. डेटिंग ऐप के जरिए मेरा एक बौयफ्रैंड बना. हमारी आपस में खूब बातें, चैट होती हैं. वह बेंगलुरु का रहने वाला है. दिल्ली वह मुश्किल से 2 बार ही आया है. मु झे उस से बातें करना, उस का स्टाइल, इंटैलिजैंस बहुत पसंद है. उस का कहना है कि जो बातें वह अपनी गर्लफ्रैंड में चाहता था, मु झ में वे सब हैं. मैं अपना यह रिलेशनशिप इतना मजबूत बनाना चाहती हूं कि वह मु झे शादी के लिए प्रपोज कर दे. पहल मैं उस की तरफ से चाहती हूं. लेकिन डरती रहती हूं कि हमारी लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप कहीं कमजोर न पड़ जाए और मु झे उसे खोना न पड़ जाए. अगर ऐसा होगा तो मैं सह नहीं पाऊंगी. आप सु झाएं, मैं क्या करूं कि हमारा रिश्ता मजबूती से बना रहे?

जवाब-

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में ज्यादा परेशानी आती है, यह बात तो सही है लेकिन आपसी बातचीत और एकदूसरे के लिए समर्पण-  इन 2 चीजों का अच्छा तालमेल हो तो लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप नजदीकी रिश्तों को भी मात दे सकती है.

आप दोनों के बीच बातचीत में कमी नहीं आनी चाहिए. रैगुलर टच में रहें. जरूरी नहीं कि अपने दोनों के रिश्ते और भविष्य को ले कर ही बात की जाए. दुनिया में क्या हो रहा है या जानपहचान के लोगों की बात भी की जा सकती है, यदि बात करने के लिए कुछ नहीं है. बस ध्यान रखें, पार्टनर कहीं आप की बातों से बोर तो नहीं हो रहा.

लौंग डिस्टैंस में एकदूसरे पर विश्वास रखना बेहद जरूरी है. अपनी हर बात उस से शेयर करें. इस से पार्टनर का विश्वास आप पर बना रहेगा. कोई भी काम करें तो उसे बता दें. यदि किसी काम के लिए वह आप को मना करे तो उसे न करें. इस से आप दोनों के बीच लड़ाई नहीं होगी.

बौयफ्रैंड से कहें कि 3-4 महीने में मिलने का समय निकाले. बेंगलुरु से दिल्ली फ्लाइट से ढाईतीन घंटे से ज्यादा समय नहीं लगता. कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं. वह आप के पास नहीं आ सकता तो आप उस के पास जाने का प्लान बना सकती हैं, उसे स्पैशल फील कराने के लिए.

इमोशनली वह आप से अटैच है ही, फिजिकली आप को देख कर हो सकता है, उस के लिए अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए और वह आप से शादी के लिए प्रपोज कर दे, जो आप चाहती भी हैं. ट्राई करने में क्या जाता है. लडके कई बार कुछ बातें बोल नहीं पाते, उन से बुलवानी पड़ती हैं. आखिर में आप से यही कहेंगे कि रिश्ते को बनाए रखने के लिए जितने प्रयास करेंगी, उतना ही रिश्ता मजबूत बनेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं अपने रिलेशनशिप को एक लेवल आगे बढ़ाना चाहता हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

गलफ्रैंड के साथ मेरी फ्रैंडशिप हुए अभी  6 महीने हुए हैं. हम आपस में खूब मिलते हैं, बातें करते हैं. वह मु झ से और मैं उस से सैक्सी बातें भी करता हूं. लेकिन मैं पता नहीं लगा पा रहा कि वह मेरे साथ सैक्स करने में कितनी इंट्रैस्टैड है. मैं उस से सैक्स के लिए पूछूं और वह मना कर दे, ऐसा मैं हरगिज नहीं चाहता. ऐसा क्या करूं कि वह मेरी फीलिंग्स सम झे,  मु झे गलत न सम झे और फिजिकल होने में उस की रजामंदी शामिल हो?  उस की रजामंदी मेरे लिए बहुत माने रखती है.

जवाब-

यह अच्छी बात है कि आप अपने पार्टनर की फीलिंग्स का ध्यान रखते हैं और सैक्स के लिए उस की रजामंदी आप के लिए उतनी ही माने रखती है जितनी खुद की.

फिलहाल कुछ तरीके अपना कर देखें जिन के जरिए आप अपनी गर्लफ्रैंड से अपनी ख्वाहिश जाहिर कर सकते हैं, जैसे कि साथसाथ चलते हुए, बातें करते हुए आप उस का हाथ अपने हाथ में ले सकते हैं. उंगलियों को आपस में उल झा सकते हैं. इस से वह महसूस करेगी कि आप ज्यादा नजदीकी चाहते हैं.

उस की तारीफ करते हुए आंखों में आंखें डाल कर उस के हावभाव देखें. उस की कमर पर हाथ रख कर देखें कि उस का क्या रिऐक्शन है. उस का अच्छा मूड देखते हुए एसएमएस या व्हाट्सऐप  भेजें, ‘आई वांट यू.’ इंतजार कीजिए वह क्या जवाब देती है या कोई उत्तर देती है भी या नहीं.

सरप्राइज में इनरवियर सैट गिफ्ट में दें लेकिन उस से कह दें कि अकेले में खोल कर देखे. गर्लफ्रैंड आप की इच्छा जरूर समझ जाएगी.

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प्यार, रोमांस फिर शादी ये चलन सदियों से चला आ रहा है. दो युगलों के बीच प्यार एक पराकाष्ठा को पार तब करता है जब दोनों का मिलन आत्मा से होता है. प्यार का समागम आत्मा और शरीर दोनों से ही होता है. जब नवविवाहिता आती है तो धारणा यह बनती है कि अब दोनों का शारीरिक मिलन तय है, पर यह गलत है. हालांकि, शारीरिक मिलन यानि कि सेक्स जीवन का एक आधार है एक नई पीढ़ी को तैयार करने का. पर नवविवाहित जोड़ों को सेक्स से संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है. या यूं कहें कि कुछ मतभेद जो उनके दिलों में कई सवाल बनकर खड़े हो जाते हैं. सेक्स से जुड़े वो कौन-से मतभेद हैं जो उनको एक-दूसरे के करीब नहीं आने देते –

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे और मेरे बौयफ्रेंड के बीच मनमुटाव हो गया था, अब मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं?

सवाल-

मैं एक लड़के से 5 वर्षों से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है. बीच में हम दोनों में कुछ मनमुटाव हो गया था. अब वह कहता है कि वह मुझे नहीं किसी और को चाहता है. मैं उसे भुला नहीं सकती. दिनरात रोती हूं. कभीकभी वह कहता है कि लौट आओ. मुझे उस के व्यवहार को ले कर बहुत गुस्सा आता है, यह सोच कर कि उस ने मेरा मजाक बना रखा है. क्या मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं?

जवाब-

एकदूसरे को समझने के लिए 5 साल का समय बहुत होता है. यदि आप का प्रेमी आप से साफसाफ कह चुका है कि वह आप को नहीं किसी और लड़की को चाहता है तो आप को किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए और उस से किनारा कर लेना चाहिए. अपने पहले प्यार को भुलाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है पर नामुमकिन नहीं. समय बीतने के साथ आप के दिलोदिमाग से उस की यादें मिट जाएंगी.

मैं 2 साल से एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे बेहद चाहता है. हमेशा मेरी इच्छाओं का सम्मान करता है. ऐसा कोई काम नहीं करता जो मुझे नागवार गुजरता हो. मगर अब कुछ दिनों से वह शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है पर साथ ही यह भी कहता है कि यदि तुम्हारी मरजी हो तो. मैं ने उस से कहा कि ऐसा करने से यदि मुझे गर्भ ठहर गया तो क्या होगा? इस पर उस का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा. कृपया राय दें कि मुझे क्या करना चाहिए?

दोस्ती में एकदूसरे की इच्छाओं को तवज्जो देना जरूरी होता है. तभी दोस्ती कायम रहती है. इस के अलावा आप का बौयफ्रैंड अभी आप का विश्वास जीतने के लिए भी ऐसा कर रहा है. जहां तक शारीरिक संबंधों को ले कर आप की आशंका है तो वह पूरी तरह सही है. यदि आप संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहर सकता है, इसलिए शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से हर हाल में बचना चाहिए.

मेरा बौयफ्रैंड छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाता है, क्या मुझे उससे अपनी दोस्ती तोड़ लेनी चाहिए?

सवाल
मैं 18 वर्षीय अविवाहित युवती हूं. मेरा एक बौयफ्रैंड है. हम दोनों एकदूसरे को पसंद करते हैं. लेकिन उस के  साथ एक समस्या है कि वह छोटीछोटी बातों पर नाराज हो जाता है, जैसे अगर उस का फोन रिसीव नहीं किया, उस ने बाहर चलने को कहा लेकिन मैं नहीं जा पाई, उस की पसंद की ड्रैस नहीं पहनी आदि. मुझे उस का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगता. ऐसा लगता है वह मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहता है. मैं उस के साथ खुश कम, परेशान ज्यादा रहती हूं. क्या मुझे उस से अपनी दोस्ती तोड़ लेनी चाहिए?

जवाब
आप का बौयफ्रैंड आप को इमोनशनल फूल बना रहा है और आप के साथ सिर्फटाइमपास कर रहा है. साथ ही, आप की बातों से लगता है कि वह आप पर हावी रहना चाहता है. जब आप खुद समझ रही हैं कि आप उस के साथ खुश कम और परेशान ज्यादा रहती हैं तो आप को यह भी समझ जाना चाहिए कि वह आप की दोस्ती के काबिल नहीं है. आप उस की बातों को महत्त्व न दें और अपना ध्यान उस से हटा लें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें. ऐसे टाइमपास लड़के के साथ आप की दोस्ती ज्यादा समय तक नहीं निभेगी इसलिए अभी से ही दूरी बनाने में भलाई है.

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बेवफाई रास न आई

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के अहिरौली थानाक्षेत्र का एक गांव है शंभूपुर दमदियावन. इसी गांव में हरिदास यादव अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के 2 बेटे थे संतोष यादव और विनोद यादव. संतोष बड़ा था. अपनी मेहनत और लगन की बदौलत वह सन 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भरती हो गया था. उस की पहली पोस्टिंग चंदौली जिले के चकिया थाने में हुई थी. नौकरी लग जाने पर घर वाले भी बहुत खुश थे. जब लड़का कमाने लगा तो घर वालों ने उस का रिश्ता भी तय कर दिया.

30 दिसंबर, 2017 को उस का बरच्छा था, इसलिए वह एक सप्ताह की छुट्टी ले कर अपने गांव आया था. बरच्छा का कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो गया था. अगली सुबह 8 बजे के करीब संतोष अपने 2 दोस्तों राहुल यादव और सुरेंद्र के साथ टहलते हुए गांव से बाहर की ओर निकला. शादी को ले कर राहुल और सुरेंद्र दोनों ही संतोष से हंसीमजाक कर रहे थे, तभी संतोष के मोबाइल पर किसी का फोन आ गया.

संतोष ने अपने मोबाइल स्क्रीन पर नजर डाली तो वह नंबर उस के किसी परिचित का निकला. काल रिसीव कर के उस ने उस से बात करनी शुरू की. अपने दोनों दोस्तों से वहीं रुकने और थोड़ी देर में लौट कर आने की बात कह कर वह वहां से चला गया. संतोष के इंतजार में राहुल और सुरेंद्र वहां काफी देर तक खड़े रहे. जब 2 घंटे बाद भी वह नहीं लौटा तो दोनों दोस्त यह सोच कर घर लौट गए कि हो सकता है संतोष अपने घर चला गया हो.

संतोष के यहां मांगलिक कार्यक्रम था. घर में मेहमान आए हुए थे. दोस्तों ने सोचा कि हो सकता है वह उन के सेवासत्कार में लग गया हो और उसे लौटने का समय न मिला हो. संतोष को घर से निकले 3 घंटे बीत चुके थे. घर वाले उसे ले कर काफी परेशान थे कि सुबह का निकला संतोष आखिर कहां घूम रहा है. सब से ज्यादा परेशान उस के पिता हरिदास थे.

उन्होंने छोटे बेटे विनोद को संतोष का पता लगाने के लिए भेज दिया. विनोद को पता चला कि 3 घंटे पहले संतोष को राहुल और सुरेंद्र के साथ गांव से बाहर जाते देखा गया था. यह जानकारी मिलते ही विनोद राहुल और सुरेंद्र के घर पहुंच गया. दोनों ही अपनेअपने घरों पर मिल गए. विनोद ने उन से संतोष के बारे में पूछा तो वह यह सुन कर चौंक गए कि संतोष अब तक घर पहुंचा ही नहीं था. आखिर वह कहां चला गया.

राहुल ने विनोद को बताया कि वे तीनों साथ में गांव से बाहर निकले थे तभी संतोष के मोबाइल पर किसी का फोन आया था. वह कुछ देर में वापस आने की बात कह कर चला गया था. जब 2 घंटे बीत जाने के बाद भी वह नहीं लौटा तो वे दोनों यह सोच कर लौट आए कि शायद वह घर चला गया होगा.

संतोष को ले कर जितना ताज्जुब दोस्तों को हो रहा था, विनोद भी उतनी ही हैरत में डूबा हुआ था कि बिना किसी को कुछ बताए भाई आखिर गया कहां. इस से भी बड़ी बात यह थी कि उस का मोबाइल फोन भी स्विच्ड औफ था. संतोष का नंबर मिलातेमिलाते विनोद भी परेशान हो चुका था.

संतोष का जब कहीं पता नहीं चला तो विनोद घर लौट आया और पिता हरिदास को सब कुछ बता दिया. अचानक संतोष के लापता हो जाने की बात सुन कर हरिदास ही नहीं, बल्कि पूरा परिवार स्तब्ध रह गया.

संतोष की गांव भर में तलाश की गई, लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला. संतोष को तलाशते हुए पूरा घर और नातेरिश्तेदार परेशान हो गए. विनोद भी मोटरसाइकिल ले कर संतोष को खोजने गांव के बाहर निकल गया था. लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला.

दोपहर 2 बजे के करीब गांव के कुछ चरवाहे बच्चे गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर अरहर के खेत के पास अपने पशु चरा रहे थे. भैंसें चरती हुई अरहर के खेत में घुस गईं तो चरवाहे खेत में गए. चरवाहे जैसे ही बीच खेत पहुंचे तो वहां दिल दहला देने वाला दृश्य देख कर उन के हाथपांव फूल गए.

अरहर के खेत के बीचोबीच संतोष यादव की खून से सनी लाश पड़ी थी. लाश देखते ही चरवाहे जानवरों को खेतों में छोड़ कर चीखते हुए उल्टे पांव गांव की ओर भागे. वे दौड़ते हुए सीधे हरिदास यादव के घर जा कर रुके और एक ही सांस में पूरी बात कह डाली.

बेटे की हत्या की बात पर एक बार तो हरिदास को भी विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने उन बच्चों से कहा, ‘‘बेटा, किसी और की लाश होगी. तुम ने ठीक से पहचाना नहीं होगा.’’

बच्चे पासपड़ोस के थे, इसलिए वे संतोष को अच्छी तरह जानतेपहचानते थे. बच्चों ने जब उन्हें फिर से बताया कि लाश किसी और की नहीं बल्कि संतोष चाचा की ही है तो हरिदास के घर में रोनापीटना शुरू हो गया.

हरिदास छोटे बेटे विनोद को ले कर अरहर के खेत में उस जगह पहुंच गए, जहां संतोष की लाश पड़ी होने की सूचना मिली थी. बेटे की रक्तरंजित लाश देख कर हरिदास गश खा कर वहीं गिर पड़े. कुछ ही देर में यह बात पूरे गांव में फैल गई तो वहां पूरा गांव उमड़ आया.

यह सूचना थाना अहरौला के थानाप्रभारी चंद्रभान यादव को दे दी गई थी. चूंकि हत्या एक पुलिसकर्मी की हुई थी, इसलिए आननफानन में थानाप्रभारी एसआई रमाशंकर यादव, कांस्टेबल महेंद्र कुमार, अखिलेश कुमार पांडेय, ओमप्रकाश यादव और महिला कांस्टेबल अनीता मिश्रा के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने इस की सूचना एसपी अजय कुमार साहनी और एसएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह को भी दे दी.

सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद दोनों पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. जिस जगह लाश पड़ी थी, वहां आसपास अरहर की फसल टूटी हुई थी. इस से लग रहा था कि मृतक ने हत्यारों से संघर्ष किया होगा.

संतोष की हत्या कुल्हाड़ी जैसे तेज धारदार हथियार से की गई थी. हथियार के वार से उस का जबड़ा भी कट कर अलग हो गया था. गले पर कई वार किए गए थे. इस के अलावा उसे 2 गोली भी मारी गई थीं. इस से साफ पता चलता था कि हत्यारे नहीं चाहते थे कि संतोष जिंदा बचे. इसलिए मरते दम तक उस पर वार पर वार किए गए थे.

मौकेमुआयने के दौरान पुलिस को वहां कारतूस का एक खाली खोखा भी मिला. संतोष के पास मोबाइल फोन था, जो उस के पास नहीं मिला. इस का मतलब था कि हत्यारे उस का मोबाइल अपने साथ ले गए थे. बहरहाल, पुलिस ने कागजी काररवाई कर के लाश पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भिजवा दी.

पुलिस ने मृतक के पिता हरिदास यादव की तहरीर पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. थानाप्रभारी चंद्रभान यादव ने सब से पहले संतोष के फोन नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई.

काल डिटेल्स खंगाली तो पता चला कि संतोष के सेलफोन पर 30 दिसंबर, 2017 की सुबह आखिरी काल आजमगढ़ के छितौना गांव की रहने वाली ज्योति यादव की आई थी. पुलिस ने ज्योति को पूछताछ के लिए थाने बुला लिया. ज्योति से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह मृतक संतोष यादव की प्रेमिका थी.

पुलिस ने जब ज्योति से सख्ती से पूछताछ की तो उस ने संतोष की हत्या की पूरी कहानी बता दी. उस ने कहा कि संतोष को उस ने ही फोन कर के गांव से बाहर अरहर के खेत में मिलने के लिए बुलाया था. वहां पहले से छिपे बैठे उस के घर वालों ने उसे मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी तो वे सभी अपने घरों से गायब मिले.

पुलिस ने सिपाही संतोष यादव हत्याकांड का खुलासा 60 घंटों में कर दिया था. ज्योति से विस्तार से पूछताछ की गई तो उस ने अपने प्रेमी की हत्या की जो कहानी बताई, वह रोमांचित कर देने वाली थी—

22 वर्षीया ज्योति उर्फ रजनी मूलरूप से आजमगढ़ के अहरौला थाने के छितौना गांव के रहने वाले रामकिशोर यादव की बेटी थी. 3-4 भाईबहनों में वह दूसरे नंबर की थी. रामकिशोर यादव की खेती की जमीन थी, उसी से वह अपने 6 सदस्यों के परिवार की आजीविका चलाते थे. सांवले रंग और सामान्य कदकाठी वाली ज्योति बिंदास स्वभाव की थी. वह एक बार किसी काम को करने की ठान लेती तो उसे पूरा कर के ही मानती थी.

ज्योति ने 12वीं तक पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई नहीं की. आगे की पढ़ाई में उस का मन नहीं लग रहा था. हालांकि मांबाप ने उसे आगे पढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उन की कोशिश बेकार गई थी.

ज्योति जिस स्कूल में पढ़ने जाया करती थी, उस स्कूल का रास्ता शंभूपुर दमदियावन गांव हो कर जाया करता था. ज्योति सहेलियों के साथ इसी रास्ते से हो कर आतीजाती थी. इसी गांव का रहने वाला संतोष कुमार यादव ज्योति के स्कूल आनेजाने वाले रास्ते में खड़ा हो जाता और उसे बड़े गौर से देखता था. ज्योति भले ही सांवली थी, लेकिन उस में गजब का आकर्षण था. यही आकर्षण संतोष को उस की ओर खींच रहा था.

संतोष ने ज्योति के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि वह पड़ोस के गांव छितौना के रहने वाले रामकिशोर यादव की बेटी है और उस का नाम ज्योति है. ज्योति के बारे में सब कुछ पता लगाने के बाद संतोष उस के पीछे पागल दीवानों की तरह घूमने लगा.

ज्योति के घर से स्कूल जाते समय और स्कूल से लौटते समय वह गांव के बाहर खड़ा हो कर उस का इंतजार करता था. ज्योति ने संतोष की प्रेमिल नजरों को पढ़ लिया था. वह जान चुकी थी कि संतोष उस से बेपनाह मोहब्बत करता है. इस के बाद ज्योति के दिल में भी संतोष के प्रति चाहत पैदा हो गई.

ज्योति और संतोष दोनों एकदूसरे को चाहने जरूर लगे थे, लेकिन अपनी मोहब्बत का इजहार नहीं कर पा रहे थे. एक दिन ज्योति घर से स्कूल के लिए अकेली निकली. संतोष पहले से ही गांव के बाहर एक सुनसान जगह पर खड़ा उस का इंतजार कर रहा था.

जब उस ने देखा कि ज्योति अकेली है तो उस ने पक्का मन बना लिया कि कुछ भी हो जाए, आज उस से अपने दिल की बात कह कर ही रहेगा. ज्योति उस के नजदीक पहुंची तो संतोष उस के सामने आ कर खड़ा हो गया.

ज्योति के दिल की धड़कनें भी तेज हो गईं. जब वह रिलैक्स हुई तो संतोष बोला, ‘‘ज्योति, मैं तुम से कुछ कहना चाहता हूं.’’

ज्योति कुछ बोले बिना साइड से निकल कर आगे बढ़ गई.

‘‘रुक जाओ ज्योति, एक बार मेरी बात सुन लो, फिर चली जाना.’’ वह बोला.

‘‘जल्दी बताओ, क्या कहना चाहते हो. किसी ने देख लिया तो जान पर बन आएगी.’’ ज्योति घबराई हुई थी.

‘‘नहीं, मैं तुम्हारी जान पर आफत नहीं आने दूंगा.’’ संतोष ने कहा.

‘‘क्या मतलब?’’ ज्योति चौंक कर बोली.

‘‘यही कि आज से इस जान पर मेरा अधिकार है.’’

‘‘होश में तो हो तुम, क्या बक रहे हो, कुछ पता भी है.’’ ज्योति ने हलके गुस्से में कहा.

‘‘मुझे पता है कि तुम पड़ोस के गांव छितौना के रामकिशोर यादव की बेटी हो,’’ संतोष कहता गया, ‘‘जानती हो, जिस दिन से मैं ने तुम्हें देखा है, अपनी सुधबुध खो बैठा हूं. न दिन में चैन मिलता है और रात को नींद आती है. बस तुम्हारा खूबसूरत चेहरा मेरी आंखों के सामने घूमता रहता है. मैं तुम से इतना प्यार करता हूं कि अब मैं तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगा.’’

‘‘लेकिन मैं तो तुम से प्यार नहीं करती.’’ ज्योति ने तुरंत कहा.

‘‘ऐसा मत कहो ज्योति, वरना मैं सचमुच मर जाऊंगा.’’ संतोष गिड़गिड़ाया.

‘‘ठीक है तो मर जाओ, किस ने रोका है.’’ कहती हुई ज्योति होंठ दबा कर मुसकराती हुई स्कूल की ओर बढ़ गई. संतोष तब तक उसे निहारता रहा, जब तक वह उस की आंखों से ओझल नहीं हो गई. ज्योति की तरफ से कोई सकारात्मक उत्तर न पा कर वह मायूस हो कर घर लौट आया.

ज्योति ने संतोष के मन की टोह लेने के लिए अपने मन की बात जाहिर नहीं की थी, जबकि वह संतोष से दिल की गहराई से प्रेम करने लगी थी. ज्योति का नहीं में उत्तर सुन कर संतोष को रात भर नींद नहीं आई, इसलिए अगले दिन वह फिर उसी जगह जा कर खड़ा हो गया था, जहां उस की ज्योति से मुलाकात हुई थी.

ज्योति नियत समय पर घर से निकली. उस दिन उस के साथ उस की कई सहेलियां भी थीं. जैसे ही ज्योति संतोष के करीब आई, उस ने चुपके से एक कागज गिरा दिया और आगे बढ़ गई. संतोष ने जल्दी से कागज उठा कर अपनी कमीज की जेब में रख लिया. फिर ज्योति को वह तब तक निहारता रहा, जब तक उस की आंखों से ओझल नहीं हो गई.

इस के बाद वह जल्दी में जेब से कागज निकाल कर पढ़ने लगा. वह प्रेमपत्र था. ज्योति का प्रेमपत्र पढ़ने के बाद संतोष ऐसे उछला, जैसे उसे दुनिया का सब से बड़ा खजाना मिल गया हो. उस दिन के बाद से संतोष की हिम्मत और बढ़ गई. स्कूल की छुट्टी के बाद अकसर दोनों रास्ते में ही मिल जाया करते थे.

उन दिनों संतोष कोई काम नहीं करता था, लेकिन उस की ख्वाहिश थी कि उसे पुलिस विभाग में नौकरी मिल जाए. इसलिए वह तैयारी में जुट गया. साथ ही ज्योति के साथ उस की प्यार की उड़ान भी जारी रही. प्यार की बातें चाहे कोई कितनी भी छिपाने की कोशिश करें, छिपती नहीं हैं. लिहाजा इन दोनों के प्रेम के चर्चे दोनों के गांवों में होने लगे. उड़ती हुई यह खबर जब ज्योति के पिता रामकिशोर यादव तक पहुंची तो वह गुस्से से उबल पड़े. उन्होंने ज्योति का घर से बाहर निकलना बंद कर दिया.

इतना ही नहीं रामकिशोर ने शंभूपुर दमदियावन पहुंच कर संतोष के पिता हरिप्रसाद से शिकायत की. उन्होंने कहा, ‘‘आप अपने बेटे संतोष को संभाल लें. वह मेरी बेटी का स्कूल आतेजाते पीछा करता है. याद रखो, भविष्य में अगर उस ने मेरी बेटी से मिलने की कोशिश की तो इस का अंजाम बहुत बुरा होगा. ठीक से समझ लो, मैं अपनी मानमर्यादा और इज्जत से किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दूंगा.’’

हरिप्रसाद को बेटे की करतूतों के बारे में पता चला तो उन्हें बड़ा दुख हुआ. उन्होंने जब संतोष से यह बात पूछी तो उस ने सब सचसच बता दिया. हरिप्रसाद ने उसे समझाया कि पहले वह अपने भविष्य को देखे, नौकरी की तैयारी करे. समय आने पर वह किसी अच्छी लड़की से उस की शादी करा देंगे.

पिता ने संतोष को ठीक से समझाया तो उस पर उन की बातों का गहरा असर हुआ. लिहाजा वह अपने भविष्य की तैयारी में जुट गया. उस की मेहनत रंग लाई और उस की नौकरी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर लग गई.

सन 2015 में उस की चंदौली जिले के चकिया थाने में पहली पोस्टिंग हुई. ये बात उस ने सब से पहले ज्योति को बताई. यहां यह बताना जरूरी है कि रामकिशोर ने भले ही संतोष के पिता को धमकी दी थी. लेकिन संतोष और ज्योति पर इस का कोई खास असर नहीं हुआ.

वे दोनों फोन के जरिए एकदूसरे के करीब बने रहे. संतोष ने ज्योति को विश्वास दिलाया कि कुछ भी हो जाए, लेकिन वह शादी उसी से करेगा. यह सुन कर ज्योति काफी खुश थी. उस ने मां के जरिए यह बात अपने पिता और परिवार वालों तक पहुंचा दी. उस की यह कोशिश रंग लाई और उस का परिवार संतोष से उस की शादी कराने के लिए राजी हो गया.

एक तो संतोष को सरकारी नौकरी मिल चुकी थी, दूसरे दोनों एक ही जातिबिरादरी के थे. जब पूरा परिवार एकमत हो गया तो रामकिशोर बेटी का रिश्ता ले कर हरिप्रसाद के पास गए और कहा कि पुरानी बातें भूल कर नए रिश्ते जोड़ते हैं.

हरिप्रसाद रामकिशोर की धमकी को भूले नहीं थे. दूसरे संतोष भी पिता के पक्ष में आ गया था, इसलिए हरिप्रसाद ने रिश्ते से इनकार कर दिया. उस ने पिता से कह दिया कि वह उसी लड़की से शादी करेगा, जिस से वह चाहेंगे. रामकिशोर शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद घर लौट गए.

संतोष 2 साल तक ज्योति का दैहिक शोषण करता रहा था, उसे धोखे में रखे रहा था. अंत में उस ने ज्योति से शादी करने से साफ मना कर दिया था. उस ने ज्योति से साफ कह दिया था कि घर वालों के दबाव में उसे कहीं और शादी करनी पड़ रही है. वह भी किसी अच्छे से लड़के से शादी कर ले.

यह बात ज्योति से बरदाश्त नहीं हुई. उस ने रोरो कर मां के सामने सारी सच्चाई खोल दी. यह बात जब रामकिशोर और उस के बेटे सर्वेश को पता चली तो गुस्से के मारे उन के तनबदन में आग सी लग गई. दोनों ने फैसला किया कि जिस ने ज्योति की जिंदगी बरबाद की है, उसे किसी और लड़की से शादी नहीं करने देंगे. उस ने जो गुनाह किया है, उसे उस की सजा जरूर मिलनी चाहिए.

इस बीच सर्वेश को सूचना मिल गई थी कि 29 दिसंबर, 2017 को संतोष का बरच्छा होने वाला है. इस कार्यक्रम में वह गांव आएगा. संतोष 28 दिसंबर को एक सप्ताह की छुट्टी ले कर घर आया.

तय कार्यक्रम के मुताबिक 29 दिसंबर की शाम को संतोष का बरच्छा का कार्यक्रम संपन्न हुआ. वह बहुत खुश था. 30 दिसंबर की सुबह संतोष दोस्तों के साथ गांव के बाहर निकला, तभी उस के फोन पर ज्योति का फोन आ गया. उस ने संतोष को फोन कर के छितौना गांव के अरहर के एक खेत में मिलने को बुलाया. वहां पहले से ही ज्योति के अलावा उस के पिता रामकिशोर, भाई सर्वेश के साथ गांव के मनोज यादव, संजय यादव और आनंद मौजूद थे.

संतोष के पहुंचते ही रामकिशोर यादव, संजय यादव और आनंद ने संतोष को दबोच लिया. ज्योति को उन लोगों ने वहां से हटा दिया. गुस्से में सर्वेश ने कुल्हाड़ी से संतोष के चेहरे और गरदन पर वार कर के उसे मौत के घाट उतार दिया. संतोष की हत्या करने के बाद वहां से भागते समय सर्वेश ने कुल्हाड़ी एक झाड़ी में छिपा दी. सर्वेश संतोष का फोन भी अपने साथ ले गया. रास्ते में उस ने फोन से सिम निकाल कर कहीं फेंक दी.

ज्योति के गिरफ्तार होने के 15 दिनों के भीतर गांव से एकएक कर के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. सभी आरोपियों ने अपनेअपने जुर्म कबूल कर लिए थे. सर्वेश की निशानदेही पर पुलिस ने झाड़ी से कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली. कथा लिखे जाने तक किसी भी आरोपी की जमानत नहीं हुई थी. पुलिस ने अदालत में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

सवाल-

मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हूं. मैं जानना चाहती हूं कि इस दौरान जब हम शारीरिक संबंध बनाएं तो हमें क्याक्या सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि मैं गर्भवती न होऊं?

जवाब-

शारीरिक संबंध बनाने के उपरांत गर्भधारण से बचने के लिए आप को अपनी सुविधानुसार कोई गर्भनिरोधक प्रयोग करना चाहिए. 

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आज राहुल के दोस्त विनय के बेटे का नामकरण था, इसलिए वह औफिस से सीधे उस के घर चला गया था.

वैसे, राहुल को ऐसे उत्सव पसंद नहीं आते थे, पर विनय के आग्रह पर उसे वहां जाना ही पड़ा, क्योंकि विनय उस का जिगरी दोस्त जो था.

‘‘यार, अब तू भी सैटल हो ही जा, आखिर कब तक यों ही भटकता रहेगा,’’ फंक्शन खत्म होने के बाद नुक्कड़ वाली पान की दुकान पर पान खाते हुए विनय ने राहुल से कहा. ‘‘नहीं यार,’’ राहुल पान चबाता हुआ बोला, ‘‘तुझे तो पता है न कि मुझे इन सब झमेलों से कितनी कोफ्त होती है?

‘‘भई, मैं तो अपनी पूरी जिंदगी पति नाम का पालतू जीव बन कर नहीं गुजार सकता. मैं सच कहूं तो मुझे शादी के नाम से ही चिढ़ है और बच्चा… न भई न.’’

‘‘अच्छा यार, जैसी तेरी मरजी,’’ इतना कह कर विनय खड़ा हुआ, ‘‘पर हां, एक बात तेरी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरी पत्नी राशि की मुंहबोली बहन करिश्मा फिदा है तुझ पर. उस बेचारी ने जब से तुझे मेरी शादी में देखा है तब से वह तेरे नाम की रट लगाए बैठी है. उस ने जो मुझ से कहा वह मैं ने तुझे बता दिया, अब आगे तेरी मरजी.’’

उस के बाद काफी समय तक दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई, क्योंकि अपने घर वालों के तानों से तंग आ कर अब राहुल ज्यादातर टूर पर ही रहता था.

‘‘न जाने क्या है हमारे बेटे के मन में, लगता है पोते का मुंह देखे बिना ही मैं इस दुनिया से चली जाऊंगी,’’ जबजब राहुल की मां उस से यह कहतीं, तबतब राहुल की बेचैनी बहुत बढ़ जाती.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

सालों बाद मेरा पहला प्यार जिंदगी में वापस आ गया है, क्या करूं?

सवाल-

मैं कौलेज टाइम में किसी लड़के से बहुत प्यार करती थी. मगर कभी उस से अपने प्यार का इजहार नहीं कर सकी. बाद में मेरी अरेंज्ड मैरिज हो गई. पति काफी अंडरस्टैंडिंग और केयरिंग नेचर के हैं. मैं अपनी जिंदगी में काफी खुश थी, मगर एक दिन अचानक जिंदगी में तूफान आ गया. दरअसल, फेसबुक पर उसी लड़के का मैसेज आया कि वह मुझ से बात करना चाहता है. मेरे मन में दबा प्यार फिर से जाग उठा. मैं ने तुरंत उस के मैसेज का जवाब दिया. फेसबुक पर हमारी दोस्ती फिर से परवान चढ़ने लगी. मैं अपना खाली समय उस से बातें करने में गुजारने लगी. धीरेधीरे शर्म और संकोच की दीवारें गिरने लगीं. फिर एक दिन उस ने मुझे अकेले में मिलने बुलाया. मैं उस के इरादों से वाकिफ हूं, इसलिए हिम्मत नहीं हो रही कि इतना बड़ा कदम उठाऊं या नहीं. उधर मन में दबा प्यार मुझे यह कदम उठाने की जिद कर रहा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

यह बात सच है कि पहले प्यार को इंसान कभी नहीं भूल पाता, मगर जब जिंदगी आगे बढ़ चुकी हो तो लौट कर उस राह जाना मूर्खता होगी. वैसे भी आप को कोई अपने पति से शिकायत नहीं है. ऐसे में प्रेमी से रिश्ता जोड़ कर नाहक अपनी परेशानियां न बढ़ाएं. उस लड़के को स्पष्ट रूप से ताकीद कर दें कि आप उस से केवल हैल्दी फ्रैंडशिप की उम्मीद रखती हैं, जो आप के जीवन की एकरसता दूर कर मन को सुकून और प्रेरणा दे. मगर शारीरिक रूप से जुड़ कर आप इस रिश्ते के साथसाथ अपने वैवाहिक रिश्ते के साथ भी अन्याय करेंगी. इसलिए देर न करते हुए बिना किसी तरह की दुविधा मन में लिए अपने प्रेमी से इस बारे में बात कर उसे अपना फैसला सुनाएं.

Valentine’s Special: कैसें संभाले Intimate रिलेशनशिप को

जब लगातार दूसरे महीने भी पीरियड्स नहीं आए तो 44 वर्षीय निमिषा घबरा उठी. एक आशंका उन के जेहन में कौंध गई कि कहीं वह प्रैगनैंट तो नहीं हो गई.

एक सरकारी विभाग में ऊंच पद पर कार्य कर रही निमिषा के संबंध अपने ही सहकर्मी मनीष से थे पर इस की हवा किसी को उन्होंने नहीं लगने दी थी. दफ्तर में वे एकदूसरे से औपचारिक तरीके से पेश आते थे. अपने काम से काम रखने वाली निमिषा कब और कैसे मनीष के इतने नजदीक आ गई कि उस से वर्षों से दबी सैक्स इच्छा पूरी करने को तैयार हो गई.

अब वह घबरा रही है कि कहीं गर्भ न ठहर गया हो. शहर के दूरदराज के कैमिस्ट के यहां से वह झिझकते झिझकते प्रैगनैंसी किट लाई और यूरिन टैस्ट किया तो 2 गुलाबी लाइनें देख उस के होश उड़ गए.

कुछ पारिवारिक वजहों के चलते निमिषा वक्त रहते शादी नहीं कर पाई थी, इस का उसे कोई खास मलाल नहीं था, लेकिन करीब 10 साल पहले तक मां बनने की इच्छा होती थी, फिर धीरेधीरे कब इस सुखद अनुभूति को भी दूसरे जज्बातों की तरह तनहाई निगल गई इस का भी उसे पता नहीं चला.

करीब 4 साल पहले जब मनीष उस के नजदीक आया तो सारी वर्जनाएं टूट गईं हालांकि परिचय को सैक्स तक पहुंचने के दिन मनीष ने उसे समझया भी था कि सोचा लो कोई जबरदस्ती नहीं, कल को यदि मन में कोई गिल्ट या पछतावा आए तो सैक्स बहुत जरूरी नहीं.

हरज की बात नहीं

मगर निमिषा के लिए अब खुद को और नियंत्रित कर पाना मुश्किल लग रहा था. खुद उस ने यह फैसला लेने के पहले बहुत सोचविचार कर लिया था और इस नतीजे पर पहुंची थी कि इस में कोई हरज की बात नहीं. आखिर कब तक अपनी इच्छा को मारती रहेगी. मनीष की हिचक को देख खुद उस ने उसे बढ़ावा दिया और फिर यह रोजरोज का तो नहीं पर महीने में 2-3 बार का सिलसिला हो गया.

मनीष से वह बहुत खुल गई थी और जबजब वह सैक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करता था तो निमिषा ही मजाक में उसे टोक देती थी कि अब क्या बुढ़ापे में बच्चा होगा तो जवाब में मनीष उसे समझता था कि यह खतरा तो 60 के बाद तक या मेनोपौज तक बना रहता है और तुम्हारी प्रतिष्ठा और मेरी घरगृहस्थी के लिए यह सावधानी भी जरूरी है.

जरूरी बातें

पिछले 2-3 बार से जल्दबाजी में मनीष कंडोम नहीं खरीद पाया था क्योंकि कैमिस्टों पर तो कोविड-19 वालों की भीड़ लगी रहती थी, जिस का नतीजा सामने था. मौका पा कर जब निमिषा ने मनीष को प्रैगनैंट होने की बात बताई तो एक दफा तो वह भी घबरा गया जो पहले से ही 2 बच्चों का पिता था, लेकिन फिर जल्द ही संभल भी गया. शाम को अंधेरा होते ही हमेशा की तरह अपनी गाड़ी पार्किंग में खड़ी कर के पैदल ही निमिषा के घर पहुंचा और हमेशा की तरह पीछे के दरवाजे से दाखिल हुआ तो निमिषा का उतरा चेहरा देख ग्लानि से भर उठा.

काफी देर विचारविमर्श करने के बाद दोनों ने फैसला किया कि जितनी जल्दी हो सके अबौर्शन करा लेना ही बेहतर रास्ता है. मनीष को थोड़ीबहुत जानकारी डाक्टरों की थी पर दोनों साथ जाएं कैसे इस में वे हिचक रहे थे.

आखिर में तय हुआ कि निमिषा अकेले ही जा कर लेडी डाक्टर से बात करेगी और अबौर्शन करा लेगी. मनीष अप्रत्यक्ष रूप से उस के साथ रहेगा.

मनीषा ने जब योजना के मुताबिक डाक्टर को सारा सच बता दिया तो कोई खास दिक्कत नहीं आई. लेडी डाक्टर ने जांच कर आश्वस्त किया कि भ्रूण अभी 8 सप्ताह के लगभग का है और आसानी से अबौर्शन हो जाएगा तो उन्हें सुकून मिला और डाक्टर से बात कर लेने से घबराहट भी कम हुई.

3 दिन बाद ही छुट्टी ले कर वह चुपचाप भरती हो गईर् और 2 दिन बाद गर्भ से छुटकारा पा कर घर वापस भी आ गई. पड़ोसी को यह कह कर गई थी कि 3 दिन के लिए बाहर टूर पर जा रही है.

सावधानी हटी दुर्घटना घटी

हफ्तेभर बाद ही वह और मनीष के शहर के एक नामी होटल में कौफी पीते जश्न मना रहे थे क्योंकि एक मामली चूक भयंकर बखेड़ा करने वाली थी. उंगलियां एक प्रतिष्ठित परिवार की अकेली रह रही महिला के चालचलन पर भी उठ सकती थीं जिस की अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियां थीं और उस के सहकर्मी पर भी उठतीं जिस के बारे में लोग यह जानते थे कि वह अपने बीवी बच्चों को बहुत प्यार करता है.

मनीष बेवजह 2 पाटों के बीच पिसना नहीं चाहता था तो निमिषा की मजबूरी यह थी कि प्राइवेसी और सैक्स के मामले में मनीष उसे भरोसेमंद और समझदार व्यक्ति लगा था जो आखिरकार निकला भी. प्रैगनैंसी की बात सुनते ही खुद की बराबर की गलती और लापरवाही मानते जैसे निमिषा चाहे वैसा करने की बात पूरी ईमानदारी से उस ने कह दी थी कि उस पर अमल करने के लिए दृढ़ भी दिख रहा था.

वैसे भी मनीषा को उस पर किसी तरह का शक नहीं था इसलिए अबौर्शन कराने में उसे ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ा जितनी कि वह सोच रही थी. दोनों अब भी पहले की तरह तयशुदा दिनों में मिलते हैं, लेकिन कोई रिस्क नहीं उठाते.

हरेक के लिए जरूरी

वजहें कुछ भी हों निमिषा जैसी अकेली रह रही महिलाओं के लिए सैक्स संबंध बनाने से पहले यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि यह कभीकभी बेहद दिक्कत वाला काम भी साबित हो सकता है. लिहाजा किसी किस्म की लापरवाही काफी महंगी पड़ सकती है.

सैक्स किसी भी वयस्क के लिए किसी भी लिहाज से वर्जित नहीं है पर कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें अकेली रह रही महिला वह भी अधेड़ावस्था में नजरअंदाज नहीं कर सकती और अगर करेगी तो बड़ी दिक्कतों में पड़ जाएगी.

सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाएं

समझदार और समाज के प्रति जवाबदेह लोगों के बीच मरजी से बने सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाने चाहिए लापरवाही से नहीं, आइए जानते हैं:

– जिस से सैक्स संबंध बनाएं वह विश्वसनीय होना चाहिए.

– विश्वसनीयता आंकने का हालांकि कोई तयशुदा पैमाना नहीं पर वह हर लिहाज से बराबरी का होना चाहिए.

– आमतौर पर शादीशुदा गृहस्थ पुरुष सैक्स संबंधों के लिए विश्वसनीय होते हैं क्योंकि उन पर कई पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियां होती हैं जिन के चलते वे भी आप की तरह नहीं चाहते कि ये संबंध आम हों.

– सैक्स संबंध रोजरोज खुलेआम या दिनदहाड़े नहीं बनाना चाहिए.

– आतेजाते कोई देखे नहीं या जासूसी या फिर निगरानी न करे इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए.

– सैक्स करने के लिए महिला का खुद का ही घर उपयुक्त रहता है बजाय पुरुष के साथ कहीं और जाने के क्योंकि खुद के घर में सुरक्षा भी रहती है और बेफिक्री भी.

– सैक्स के लिए घर के बाहर खासतौर से होटलों में जाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि आजकल आए दिन पुलिस ताकझंक करते हैं और होटल वाले भी रिश्ते को ले कर कभीकभी प्रमाण मांगने लगते हैं.

– संबंध शारीरिक स्तर तक ही सीमित रहे तो बेहतर है. पुरुष से भावनात्मक लगाव या प्यार करना बाद के लिए दिक्कत देने वाला काम साबि होता है. कोई पुरुष अपनी गृहस्थी और सामाजिक प्रतिष्ठा में आग लगाना पसंद नहीं करता.

– मोबाइल पर ज्यादा बात न करें कि कहीं दूसरा रिकौर्ड न कर रहा हो. जिस के साथ आज खुशी से रहे हैं वह कल को ब्लैकमेल भी कर सकता है.

– पीरियड्स का विशेष खयाल रखें खासतौर से यह कि उम्र का गर्भधारण से कोई संबंध नहीं होता. जरा सी लापरवाही से गर्भ ठहर सकता है जैसाकि निमिषा के साथ हुआ.

– गर्भनिरोधकों की जानकारी शैक्षणिक तरीके से हासिल कर खासतौर से पत्रपत्रिकाओं से. जरूरत पड़ने पर डाक्टर से भी जानकारी ली जा सकती है.

– सैक्स को आदत न बनाएं, इस के लिए जरूरी है कि बीचबीच में संबंधों में लंबा गैप दें.

– यह ठीक है कि जिस से सैक्स संबंध बनाएंगी उस से बहुत कुछ छिपा नहीं रह पाएगा लेकिन फूहड़ हंसीमजाक और अश्लील मैसेज तथा सोशल मीडिया पर अश्लील कहीं जाने वाली पोस्टों के आदानप्रदान से बचें.

– बहुत ज्यादा पुरुषों से सैक्स संबंध स्थापित करने से बचें.

– शराब या किसी दूसरे नशे में आदी पुरुष से संबंध न बनाएं न ही उस के साथ बैठ कर कभी शराब पीएं. अगर यह संबंध बनाए रखने की जिद है तो संबंध तोड़ लेना ही बेहतर होता है.

– पार्टनर से पैसों का लेनदेन कतई न करें.

– अगर कभी वह किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग करे या संबंध उजागर करने की धमकी दे तो डरें बिलकुल नहीं उलटे उसे धमकाएं कि आप की एक शिकायत से उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

एक्स बौयफ्रेंड न बन जाए मुसीबत

नेहा की शादी बड़ी धूम-धाम से हुई थी. पति के नये घर-परिवार में नेहा को स्पेशल ट्रीटमेेंट मिल रहा था. अक्षय अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, ऐसे में उसकी पत्नी नेहा की आव-भगत भला क्यों न होती? तीन महीने हो गये थे, सास ने उसे रसोई में घुसने भी नहीं दिया था. नेहा 15 दिन के हनीमून के बाद लौटी, तो जरूरत की हर चीज उसके कमरे में ही पहुंच जाती थी. घर के तीनों नौकर हर वक्त उसकी खिदमत में हाजिर रहते थे. किट्टी पार्टी, रिश्तेदारों और मोहल्ले भर में उसकी सास उसकी खूबसूरती और व्यवहार के कसीदे काढ़ते घूमती थी. शाम को नेहा अक्सर सजधज कर हसबैंड के साथ घूमने निकल जाती. दोनों फिल्म देखते, रेस्ट्रां में खाना खाते, शॉपिंग करते. जिन्दगी मस्त बीत रही थी. मगर अचानक एक दिन नेहा के सुखी वैवाहिक जीवन का महल भरभरा कर गिर पड़ा.

उस दिन उसकी सास पड़ोसी के वहां बैठी थी, जब पड़ोसी के बेटे ने अपने कम्प्यूटर पर नेहा के अश्लील चित्र उसकी सास को दिखाये. ये चित्र उसने नेहा के फेसबुक अकाउंट से डाउनलोड किये थे, जहां वह अपनी अर्द्धनग्न तस्वीरें पोस्ट करके सेक्स के लिए युवकों को आमंत्रित करती थी. शर्म, अपमान और दुख से भरी नेहा की सास ने बेटे को फोन करके तुरंत घर बुलाया. पड़ोसी के कम्प्यूटर पर बैठ कर नेहा का फेसबुक अकाउंट चेक किया गया तो अक्षय के भी पैरों तले धरती डोल गयी. तस्वीरें देखकर इस बात से इनकार ही नहीं किया जा सकता था कि यह नेहा नहीं थी और इस अकाउंट से यह साफ था कि वह एक प्रॉस्टीट्यूट थी. उसने वहां पर बकायदा घंटे के हिसाब से अपने रेट डाल रखे थे. अपनी अश्लील कहानियां तस्वीरों के साथ डाल रखी थीं. बड़ा हंगामा खड़ा हो गया. नेहा के परिवार वालों को बुलाया गया. खूब कहा-सुनी हुई. नेहा मानने को ही तैयार नहीं थी कि वह फेसबुक अकाउंट उसका था, मगर जो तस्वीरें सामने थीं वह उसी की थीं. नेहा के माता-पिता भी हैरान थे.

नेहा का कहना था कि वह फेसबुक पर कभी थी ही नहीं. उसने लाख मिन्नतें कीं, लाख सफाईयां दीं, लाख कहा कि ये फर्जी अकाउंट है, मगर सब बेकार. उसको उसी दिन उसके माता-पिता के साथ मायके वापस जाना पड़ा. उसके ससुराल वाले ऐसी बहू को एक पल के लिए भी अपने घर में नहीं रखना चाहते थे, जिसके चरित्र के बारे में मोहल्ले वालों को भी पता चल चुका था. अक्षय के परिवार के लिए यह घटना शर्म से डूब मरने जैसी थी. जैसे उनके मुंह पर भरे बाजार किसी ने कालिख पोत दी थी. इस परिवार का मोहल्ले में बड़ा आदर-सम्मान था.
उधर नेहा का रो-रोकर बुरा हाल था. मायके लौटते वक्त उसे बार-बार अपने एक्स बौयफ्रैंड नितिन का ख्याल आ रहा था. हो न हो, यह काम उसी का हो सकता है. उसी ने बदला लेने के लिए उसकी ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की हैं. मगर यह तस्वीरें उसने कब और कैसे खींचीं, यह बात नेहा को परेशान कर रही थी. नितिन के साथ वह तीन साल प्रेम में रही. कॉलेज खत्म होने के बाद उसने पाया कि नितिन शादी या अपने फ्यूचर को लेकर बिल्कुल चिन्तित नहीं है. न तो वह जौब ढूंढ रहा था, न किसी कौम्पटिशन की तैयारी कर रहा था. वह बस सैर-सपाटा, मौज-मस्ती में ही जी रहा था. ज्यादातर समय उसकी जेब खाली होती थी. यहां तक कि जब वे घूमने जाते या फिल्म देखने जाते तो सारा खर्चा नेहा ही करती थी क्योंकि उसको कॉलेज खत्म करते ही जॉब मिल गयी थी.

एक साल तक तो नेहा ने नितिन के इस लापरवाह व्यवहार को बर्दाश्त किया मगर फिर उसने फ्यूचर प्लैनिंग को लेकर उससे सवाल पूछने शुरू कर दिये. आखिर उसकी भी जिन्दगी का सवाल था. उसके सवालों से नितिन खीज उठता. उससे लड़ने लगता. नेहा को अहसास हो गया कि नितिन पति लायक मिटीरियल नहीं है. वह घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहता है. जबकि नेहा अब सेटेल होना चाहती थी. नेहा के माता-पिता को उसकी शादी की जल्दी थी. एक से एक रिश्ते आ रहे थे. अच्छे पढ़े-लिखे और बढ़िया जॉब वाले हैंडसम पुरुषों के रिश्ते थे. जिन्हें नजरअंदाज करना बेवकूफी थी.
आखिरकार तंग आकर नेहा ने नितिन के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने का फैसला कर लिया. नितिन को उसका दूर होना काफी अखरा था.

ब्रेकअप की बात पर वह उससे काफी लड़ा-झगड़ा भी. मगर, कब नौकरी करोगे? कब शादी करोगे? कब अपने मां-बाप से मिलवाओगे? नेहा के ऐसे सवालों का उसके पास कोई जवाब नहीं था. नितिन से अलग होने के साल भर के अन्दर ही नेहा की शादी अक्षय से हो गयी. इस बीच वह न तो नितिन से मिली और न ही उससे फोन पर कोई बात हुई. इतना वक्त गुजरने के बाद नितिन इस तरह नेहा के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर बदला लेगा, उसे बदनाम करने की कोशिश करेगा, ऐसा तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था.
नेहा के कहने पर उसके माता-पिता ने पुलिस के साइबर सेल में नितिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया, मगर पुलिस की लेट-लतीफी के चलते छह महीने बीत चुके हैं, नितिन अभी तक उनके हत्थे नहीं चढ़ा है. इधर अक्षय के वकील की ओर से नेहा को तलाक का नोटिस मिल चुका है. एक्स बौयफ्रैंड की जलन और बदले की भावना ने नेहा की अच्छी-भली खुशहाल जिन्दगी खत्म कर दी है.

मेरठ की रागिनी भी अपने एक्स बौयफ्रैंड की हरकतों से परेशान है. पेशे से टीचर रागिनी को उसका एक्स बौयफ्रैंड मधुर आये दिन रास्ते में रोक कर डराने-धमकाने की कोशिश करता है. रागिनी पांच साल तक मधुर के साथ रिलेशनशिप में थी. मधुर की मोहक छवि ने रागिनी के दिलो-दिमाग पर जैसे कब्जा कर लिया था. वह अपनी आधी से ज्यादा सैलरी उस पर लुटाने लगी थी. मगर शादी की बात पर मधुर भी चुप लगा जाता था. रागिनी के माता-पिता ने भी कई बार मधुर से शादी के बारे में पूछा, मगर उसने कोई पक्का जवाब नहीं दिया. आखिरकार तंग आकर रागिनी ने उससे सम्बन्ध तोड़ लिये. कोलकाता के एक बड़े बिजनेसमैन प्रकाश के साथ जबसे रागिनी का रिश्ता तय हुआ है, वह खुश तो बहुत है, मगर दिल में मधुर का भय भरा हुआ है. यह डर इतना हावी है कि वह न तो शादी की खरीदारी के लिए घर से बाहर निकल रही है, न किसी से अपने रिश्ते की बात शेयर कर रही है. उसे और उसके माता-पिता को डर है कि जैसे ही मधुर को पता चलेगा कि उसकी शादी तय हो गयी है, वह जरूर कोई न कोई गलत हरकत करेगा. हो सकता है वह उसके होने वाले पति की जानकारी प्राप्त करके वहां कोई ऐसी बात पहुंचा दे, जिससे यह रिश्ता टूट जाएगा. हो सकता है वह रागिनी के साथ मारपीट करे या उसे शारीरिक नुकसान पहुंचाये. यह तमाम बुरे ख्याल रागिनी की खुशियों पर ग्रहण की तरह चस्पा हो गये हैं.

इस डर से रागिनी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट भी डिलीट कर दिये हैं, अपना मोबाइल फोन का नम्बर भी बदल दिया है, मगर डर है कि जाता ही नहीं है. मधुर के कारण ही रागिनी के माता-पिता बेटी की शादी कोलकाता जाकर कर रहे हैं. लड़के वालों को पहले तो यह बात अटपटी लगी थी, मगर इसमें उन्हें ही सहूलियत नजर आयी कि चलो, भारी-भरकम बारात लेकर मेरठ नहीं जाना पड़ेगा. काफी खर्चा बच जाएगा, यह सोच कर वे राजी भी हो गये. मेरठ में रागिनी के माता-पिता ने बेटी की शादी की बात बहुत नजदीकी रिश्तेदारों को बतायी है. कुछ गिने-चुने लोग ही शादी अटेंड करने के लिए कोलकाता जा रहे हैं. सबकुछ बेहद गुपचुप तरीके से प्लान हो रहा है. एक्स बौयफ्रैंड रागिनी के लिए ऐसा हौव्वा बन गया है कि वह अपनी खुशियां तक इन्जौय नहीं कर पा रही है.

‘प्यार’, ये शब्द किसी के भी मन में उमंग जगा देता है. दो लोग जब प्यार में होते हैं, तो उनके लिए एक-दूसरे की खुशी सबसे ज्यादा जरूरी होती है. लेकिन हर लव स्टोरी सक्सेसफुल हो, ऐसा होता नहीं है. रिश्ते टूटते भी हैं, और यहीं से पैदा होती है – ‘नफरत’. जरूरी नहीं कि हर केस में ऐसा हो, लेकिन ज्यादातर में ऐसा होता है. ब्रेकअप होने पर कुछ लोग अपनी जिन्दगी में मस्त हो जाते हैं या दूसरा साथी ढूंढ लेते हैं, वहीं कुछ लोग बदला लेने की ठान लेते हैं. सोचते हैं कि वो मेरी नहीं हुई तो किसी और की कैसे हो सकती है?
शाहरुख खान की फिल्म ‘डर’ आपको याद होगी. ‘क…क….क… किरण’ वाली. ये भी दिल टूटे आशिक की कहानी है, जो ऐसा ही सोचता कि तू मेरी न हुई तो तुझे किसी और का होने न दूंगा. खैर, वो तो फिल्म थी, जिसमें जूही चावला एक पगलाये आशिक से बच जाती हैं, मगर नेहा और रागिनी की जिन्दगी कोई फिल्म नहीं है, हकीकत है. जिसमें वे अपने एक्स बौयफ्रैंड की गलत हरकतों, साजिश और बदले का शिकार बन गयी हैं.

रिश्ता तोड़ते वक्त रखें सावधानी

एक मशहूर गीत के बोल हैं – वो अफसाना जिसे अन्जाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा…. किसी के साथ रिश्ते में होना बेहद खूबसूरत अहसास है, मगर यह सुन्दर सपना जब टूटता है तो बड़ी चोट पहुंचती है. प्रेम सम्बन्ध टूटने की कुछ वजहें होती हैं – जैसे दोनों में से किसी एक का शादी के लिए राजी न होना, घरवालों का दबाव होना, धर्म-जाति का अलग-अलग होना, लड़के का नौकरी न करना, कोई फ्यूचर प्लैनिंग न होना वगैरह, वगैरह. जब आपको लगे कि आपका रिश्ता किसी मन्जिल तक नहीं पहुंच सकता तो ठीक-ठीक वजहें सामने रखकर अलग-अलग राह चुनने के लिए अपने पार्टनर से खुल कर बात करें. अगर वह आपसे सचमुच प्यार करता है तो वह आपकी बात को जरूर समझेगा.

ऐसे में आप आपसी समझौते के साथ एक दूसरे से खुशी-खुशी अलग हो सकते हैं. यदि आपका बौयफ्रैंड आपसे किसी मतलब से जुड़ा हुआ है तो वह आपको धमकी देने की या डराने की कोशिश करेगा. हो सकता है वह आपको ब्लैकमेल भी करे. ऐसे में तुरंत अपने माता-पिता को उसके बारे में बताएं और उसकी पुलिस कम्प्लेंट करें. ऐसे लोगों से डरने की कतई जरूरत नहीं है. डरने से इनके हौंसले बुलंद होते हैं और आप ठगी और ब्लैकमेलिंग का शिकार बन सकती हैं.
इसके अलावा ब्रेकअप के वक्त और उसके बाद कुछ बातें आपको ध्यान में रखनी चाहिएं ताकि भविष्य में जिससे भी आपकी शादी हो, उसके साथ आप खुश रह सकें और कभी अपने एक्स बौयफ्रैंड की किसी साजिश का शिकार न बनें.

बौयफ्रैंड से धीरे-धीरे दूरीं बनाएं

अगर आपकी शादी तय हो गयी है, तो जरूरी नहीं कि आप एक झटके में अपने प्रेमी से रिश्ता तोड़ दें. जब रिश्ता बनने में वक्त लगता है, तो उसे खत्म करने में भी लगेगा. इसलिए दूरी धीरे-धीरे बनाएं. उसे उन बातों का अहसास दिलाएं कि वह क्या मजबूरियां हैं, जिनके कारण आप उनसे दूर हो रही हैं. आप उनको इस बात के लिए तैयार करें कि वह उन मजबूरियों को समझे और अपनी उन कमियों को माने जिसके कारण आप उनसे दूर हो रही हैं. खुल कर सारी बात करें. अपनी परेशानी और अपनी इच्छाएं बताएं. एक पल में सबकुछ खत्म करने की कोशिश न करें, क्योंकि हो सकता है कि सामने वाला अचानक हुए खालीपन को बर्दाश्त न कर पाए. उसे समय दें और धीरे-धीरे सारे कॉन्टैक्ट खत्म करें. अगर आपके फोटोज या अन्य चीजें उसके पास हों तो वह वापस लेने की कोशिश करें.

बौयफ्रैंड के दिये गिफ्ट नष्ट कर दें

जब हम किसी के साथ रिलेशनशिप में होते हैं तो हमारे बीच तमाम चीजों का आदान-प्रदान होता है. हम बर्थडे, वैलेंटाइन डे या अन्य कई मौकों पर अपने प्रिय को गिफ्ट देते-लेते हैं. आपके बौयफ्रैंड ने भी आपको गिफ्ट, कार्ड या कपड़े इत्यादि दिये होंगे. इन्हें आप जितनी जल्दी खुद से दूर कर देंगी, उतनी जल्दी आप उसकी यादों से मुक्त हो पाएंगी. बौयफ्रैंड के दिये गिफ्ट को संभाल कर रखना कोई समझदारी नहीं है और इन्हें अपने साथ अपने पति के घर ले जाना तो महाबेवकूफी कहलाएगी. इसलिए इन तमाम चीजों को या तो लौटा दें या नष्ट कर दें. कोशिश करें कि आपने भी उन्हें जो गिफ्ट या कार्ड्स वगैरह दिये हैं, वो सब उससे वापिस मिल जाए. इन चीजों को भी नष्ट कर दें. नये जीवन में पुरानी चीजों की छाया नहीं पड़नी चाहिए.

ब्रेकअप के बाद खुद को समय दें

ब्रेकअप के बाद अक्सर यह अहसास होता है कि यह कुछ वक्त की दूरी है, हम फिर एक हो जाएंगे. इस अहसास से निकलना आसान नहीं होता है. ज्यादातर लोग ब्रेकअप के बाद उत्पन्न हुए खालीपन को भरने के लिए तुरंत कोई दूसरा दोस्त ढूंढ लेते हैं, या शादी के लिए तैयार हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है. बौयफ्रैंड के साथ बिताये पलों को भूलने के लिए और सच्चाई को पूरी तरह स्वीकार करने के लिए खुद को समय दें. चिन्तन करें और अपने आपको समझाएं कि आपने जो कदम उठाया है, वह बिल्कुल ठीक है. नया दोस्त या जीवनसाथी चुनने में हड़बड़ी न करें. ठंडे दिमाग से, अच्छे भविष्य की आशा संजो कर, ठोंक-बजा कर नये रिश्ते में जाएं ताकि दोबारा आपको जुदाई का दर्द न सहना पड़े. इसके लिए अगर ब्रेकअप के बाद आपको साल-दो साल का वक्त लेना पड़े, तो गलत नहीं है. इस बीच आप अपनी पसंदीदा चीजें करें. ध्यान, व्यायाम, खानपान आदि पर ध्यान दें. चाहें तो कहीं फुल टाइम या शॉर्ट टाइम नौकरी कर लें. इससे आपको पुरानी बातें भूल कर भविष्य की योजनाएं बनाने में आसानी होगी.

शादी में बौयफ्रैंड को भूलकर भी न बुलाएं

भले आप आपसी समझौते के तहत अपने बौयफ्रैंड से अलग हुई हों और हो सकता है आप शादी के बाद भी अपने लवर को दोस्त की हैसियत से अपने करीब रखना चाहें, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि आप उन्हें अपनी शादी पर न बुलाएं, क्योंकि उस हालात में एक दूसरे का सामना करना मुश्किल होगा और आप खुद उनकी मौजूदगी में किसी और से शादी करने में असहज महसूस करेंगी. वहीं आपका एक्स बौयफ्रैंड उस व्यक्ति से जलन महसूस करेगा, जिसके गले में आप वरमाला डाल रही हैं. यह जलन कब बदले की भावना में बदल जाए, कहा नहीं जा सकता है. अपनी शादी की फोटोज भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर न डालें, न दोस्तों को वॉट्सेप वगैरह करें. इन फोटोज के सामने आने पर आपके एक्स के मन में जलन पैदा होगी, जो भविष्य में आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.

पैसों का हिसाब-किताब खत्म करें

ऐसे कई प्रेमी जोड़े होते हैं, जो ज्वॉइन्ट अकाउंट, इंश्योरेंस पॉलिसी, प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट मिलकर करते हैं. शायद ये सोचकर कि उन दोनों को रिश्ते को साथ आगे लेकर जाना है. लेकिन अगर ब्रेकअप हो रहा है, तो ये सुनिश्चित कर लें कि आप पैसे-प्रॉपर्टी से जुड़े सारे हिसाब-किताब निपटा लें ताकि अन्य व्यक्ति से आपकी शादी के बाद कोई परेशानी पैदा न हो.

हसबैंड को ‘सबकुछ’ न बताएं

ये गलत होगा कि आप अपने जीवनसाथी से अपने पिछले रिश्ते की बात छुपाएं, लेकिन जरूरी ये भी नहीं कि अपने अतीत के बारे में ‘सबकुछ’ बताया जाए. आजकल स्कूल-कॉलेज में बौयफ्रैंड-गर्लफ्रेंड बनना आम बात है. इसको लेकर अक्सर पति अपनी पत्नी से सवाल नहीं करते हैं. जवानी में औपोज़िट सेक्स के प्रति आकर्षण होना एक स्वाभाविक क्रिया है. लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि स्कूल-कौलेज में आपका कोई प्रेमी या प्रेमिका नहीं रहा होगा. यह आम चलन है. इसलिए पति से यह बताना कि हां, आपका प्रेमी था, कोई गजब ढाने वाली बात नहीं होगी. हां, अगर आप अपने प्रेमी के बेहद करीब थीं, और उससे आपके शारीरिक सम्बन्ध थे, या आप उससे कभी प्रेगनेंट हुईं या आपका अबॉर्शन हुआ, तो जरूरी नहीं कि आप अपने पति को यह सारी बातें बताएं, क्योंकि यह कन्फेशन आपके रिश्ते में कड़वाहट भर देगा. इसलिए भावुकता में बह कर अतीत को पति के सामने खोल कर रख देना कोई समझदारी नहीं होगी. कोई भी पुरुष भले खुद को बेहद आधुनिक या खुले विचारों का बताये मगर यह बात कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता कि उसकी पत्नी पहले किसी के साथ सो चुकी है.

शादी दूसरे शहर में करें

बौयफ्रैंड से ब्रेकअप के बाद जब आप नये रिश्ते में नया जीवन शुरू करें तो कोशिश करें कि किसी नये शहर में करें. अपने शहर में वही जगहें, वही पिक्चर हॉल, वही बाजार, वही पार्क जहां आप अपने बौयफ्रैंड की बाहों में बाहें डाले घूमा करती थीं. जहां आपने अपने जीवन के सबसे सुखद पल बिताये थे. ऐसे में पुरानी यादें हर वक्त आपके दिल पर तारी रहेंगी और आपको अपने नये जीवनसाथी के रंग में कभी रंगने नहीं देंगी. जब आप पति के साथ उन्हीं जगहों पर होंगी, तो मन ही मन पति की तुलना अपने बौयफ्रैंड से भी करती रहेंगी. बौयफ्रैंड की हर हरकत आपको याद आएगी. दिल में टीस उठेगी और आप अपने पति के साथ अपना वैवाहिक जीवन कभी एन्जॉय नहीं कर पाएंगी. इसलिए कोशिश करें कि शादी के लिए किसी अन्य शहर में रहने वाले पुरुष को चुनें. यदि ऐसा सम्भव न हो और शादी अपने ही शहर के लड़के से हो जाए तो अन्य शहर में नौकरी करने के लिए उन्हें प्रेरित करें. पुरानी जगह छोड़ने पर पुरानी यादें भी पीछे छूट जाती हैं और आने वाला वक्त हर घाव भर देता है.

पति की तुलना बौयफ्रैंड से न करें

हर शख्स की अपनी पर्सनेलिटी, आदतें, चाहतें और काम करने के तरीके होते हैं. हमारी दोस्ती किसी व्यक्ति से तब होती है, जब उसकी बातें, आदतें, पसन्द-नापसन्द हमसे मिलती-जुलती होती है. आपके बौयफ्रैंड की बहुत सी बातें शायद आपसे मिलती होंगी, तभी आपकी दोस्ती हुई और हो सकता है जिस व्यक्ति से आपकी शादी हुई है, उसकी आदतें आपसे कतई न मिलती हों. उस हालत में आपको अपने बौयफ्रैंड का ख्याल आ सकता है. सुमन को गाने का शौक था. उसका बौयफ्रैंड भी गाता था. इस हॉबी के चलते ही दोनों एक दूसरे के करीब आये थे. मगर किसी कारणवश दोनों शादी नहीं कर पाये. सुमन की शादी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से हुई है, जो गीत-संगीत में जरा भी रुचि नहीं रखता. ऐसे में सुमन को हर वक्त अपने बौयफ्रैंड की याद आती है और वह अक्सर अपने रूखे पति की तुलना उससे करती है. यही वजह है कि उसका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है.

वह हर वक्त अनमनी सी रहती है. हालांकि उसके पति में और कई खूबियां हैं, मगर सुमन ने उन खूबियों की ओर अब तक नजर नहीं डाली है. याद रखें कि आपने जिस व्यक्ति से शादी की है वह आपके एक्स से बहुत बेहतर है, क्योंकि उसने आपको स्थायित्व दिया है, आपको आर्थिक सुरक्षा दी है, समाज के सामने आपको अपना बनाया है, आप पर विश्वास किया है और अपना घर आपके हवाले किया है. क्या आपका बौयफ्रैंड आपको कभी इतना सब दे सकता था? शायद नहीं. तो इसलिए कभी भी अपने पति की तुलना उस व्यक्ति से न करें जो बेहद कमजोर था, जिसके अन्दर आपको अपनाने की ताकत नहीं थी, जिसने आपको प्रेम में धोखा दिया, आपके भोले मन को छला और आपको पीड़ा पहुंचायी.

मैरिड लाइफ से जुड़ी प्रौब्लम के बारे में बताएं?

सवाल

मैं 25 वर्षीय अविवाहिता युवती हूं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या प्रथम बार सैक्स करते समय ब्लीडिंग होनी जरूरी है और क्या उस समय दर्द भी होता है? मेरे मन में इस बात को ले कर अनेक डर व शंकाएं हैं. कृपया समाधान करें.

जवाब

पहली बार इंटरकोर्स के समय ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं और न ही इसे वर्जिनिटी के साथ जोड़ें. कुछ लड़कियों को पहली बार सैक्स करते समय स्पौटिंग होती है, कुछ को कुछ घंटों तक ब्लीडिंग होती है तो कुछ को मासिकधर्म की तरह होती है. दरअसल, ब्लीडिंग होने का कारण सैक्स करते समय हाइमन का ब्रेक होना होता है. कई बार लड़कियों में हाइमन घुड़सवारी, मैस्ट्रूबेरेशन या टैंपून के प्रयोग से भी ब्रेक हो जाता है. सो, उन लड़कियों को फर्स्ट इंटरकोर्स के समय ब्लीडिंग नहीं होती. जहां तक पहली बार सैक्स के समय दर्द का सवाल है, वह भी तब होता है जब महिला शारीरिक व भावनात्मक रूप से पूरी तरह से तैयार न हो. अगर सैक्स से पहले फोरप्ले किया जाए और युवती इमोशनली और फिजिकली कंफर्टेबल हो तो दर्द नहीं होता. आप चाहें तो अपनी समस्या के लिए किसी गाइनीकोलौजिस्ट से भी संपर्क कर सकती हैं.

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कई दिनों से निशा की बढ़ती व्यस्तता नितिन की बेचैनी बढ़ा रही थी. जब भी नितिन सेक्स के मूड में होता वह उस की व्यस्तता के कारण यौनसुख प्राप्त नहीं कर पाता. यह नहीं कि निशा को इस की जरूरत महसूस नहीं होती, पर वह अपने काम को अपनी इस जरूरत से अधिक महत्त्व देती. इस से नितिन की यौन भावनाएं आहत होतीं.  धीरेधीरे वह यौन कुंठा का शिकार हो गया. अकसर व्यस्त दंपती अपनी सेक्सलाइफ का पूर्णरूप से आनंद नहीं उठा पाते, क्योंकि अगर वे सेक्स करते भी हैं तो किसी कार्य को निबटाने की तरह. न तो उन्हें एकदूसरे से रोमांटिक बातें करने की फुरसत होती, न ही वे परस्पर छेड़छाड़ का मजा ले पाते. सेक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति तभी हो पाती है जब पतिपत्नी दोनों पूरी तरह उत्तेजित हों और यह उत्तेजना उन में तभी आ सकती है, जब वे सेक्स से पहले आवश्यक क्रियाएं जैसे परस्पर छेड़छाड़, एकदूसरे के गुप्त अंगों को सहलाना, होंठ चूमना, आलिंगनबद्ध होना इत्यादि करें. इन क्रियाओं से सेक्सग्रंथियां तेजी से काम करना शुरू कर देती हैं व पतिपत्नी में अत्यधिक उत्तेजना पैदा हो जाती है, जो उन्हें चरमसुख प्रदान करने में सहायक होती है. पर जो दंपती अपने काम को सेक्स से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानते हैं, वे ऐसा कदापि नहीं कर पाते.

घातक स्थिति है यह

राघव की जौब ऐसी है कि वह रात को 11 बजे से पहले घर नहीं लौट पाता. उस की पत्नी ट्विंकल भी नौकरी करती है. दोनों इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें एकदूसरे से ढंग से बात  करने तक की फुरसत नहीं मिलती. सेक्स को भी दोनों अपने जौबवर्क की तरह ही निबटाते हैं. नतीजा यह होता है कि वे कई सप्ताह तक शारीरिक तौर पर एकदूसरे के साथ जुड़ते ही नहीं, क्योंकि सेक्स में उन्हें बिलकुल भी आनंद नहीं आता और इसी कारण उन की इस में रुचि घटती जा रही है. अधिक व्यस्त रहने के कारण पतिपत्नी लगातार अपनी यौनइच्छाओं को दबाते रहते हैं, क्योंकि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि उन में से एक जल्दी फ्री हो जाता है व दूसरे के साथ अपना समय गुजारना चाहता है, शारीरिक सुख प्राप्त करना चाहता है परंतु उस की यह चाहत पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि उस का साथी बिजी है. ऐसे में पतिपत्नी न तो कभी अपनी यौन भावनाओं को एकदूसरे से शेयर कर पाते हैं, न ही सेक्स के विषय पर एकदूसरे से खुल कर बातचीत करते हैं. या तो वे लगातार सेक्स को नजरअंदाज करते हैं या इसे सिर्फ निबटाते हैं. ऐसी स्थिति में उन के सेक्स संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ता है. धीरेधीरे सेक्स उन्हें बोर करने लगता है.

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