तीज 2022: कोल्ड वैक्स स्ट्रिप है तो नो टैंशन

अकसर आप के साथ भी ऐसा होता होगा कि अंडरआर्म्स की वजह से आप को आखिरी समय में ड्रैस चेंज करनी पड़ती होगी और आप के पास इतना समय नहीं हो कि ब्यूटीपार्लर जा कर वैक्स करा सकें. ऐसे में आप को लेटैक्ट फैशन के बजाय अपनी वही पुरानी ड्रैस पहन कर जाना पड़ता होगा, जिसे सब ने कईर् बार देखा होगा.

मगर इस समर आप चाहती हैं कि हौट व फैशनेबल दिखें और आप को अपनी ड्रैस के साथ समझौता न करना पड़े, तो कोल्ड वैक्स स्ट्रिप आप के लिए बैस्ट औप्शन है. इस से आप कभी भी कहीं भी खुद वैक्स कर सकती हैं. आप को पार्लर में वैक्सिंग के लिए घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं है.

कैसे खास है कोल्ड वैक्स स्ट्रिप

ईजी टू यूज

कोल्ड वैक्स स्ट्रिप यूज करने में आसान है. इस में वैक्स को पहले गरम करने, धीरेधीरे लगाने और निकालने का झंझट नहीं होता. बस स्ट्रिप को हाथ से 5-10 सैकंड रब कर ग्रोथ की उलटी डाइरैक्शन में लगा मिनटों में हेयर फ्री स्किन पाएं. कोल्ड वैक्स स्ट्रिप की सब से खास बात यह है कि इसे सभी उम्र की महिलाओं के लिए इस्तेमाल करना आसान है.

समय की बचत

वैक्स कराने के लिए ब्यूटीपार्लर में घंटों इंतजार करना पड़ता है और फिर वैक्स होने में जो समय लगता है वह अलग. पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप में टाइम लिमिटेशन नहीं है. अब आप को जब समय मिले तब वैक्स कर सकती हैं और वह भी बिना किसी झंझट के.

कैरी करना आसान

कहीं घूमने जा रही हैं, तो आराम से हैंडबैग में कैरी कर सकती हैं. यह लीक नहीं होती और न ही वजनदार है.

नो पेन

वैक्सिंग का यह सब से आसान तरीका है. इस से बाल मिनटों में निकल जाते हैं. इस से न तो त्वचा पर किसी तरह की लालिमा आती है और न ही दर्द व जलन होती है. यह डैड स्किन की ऊपरी परत को भी निकालती है और त्वचा को स्मूद व सौफ्ट बनाती है.

हाइजिनिक

पार्लर में कई तरह की महिलाएं आती हैं. सभी पर एक ही प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जिस से इन्फैक्शन होने का खतरा रहता है, पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप हाइजिनिक है. बस इस्तेमाल किया और फेंक दिया. इस की सब से खास बात यह है कि इस में किसी तरह की बदबू नहीं आती.

कई वैराइटीज में उपलब्ध

ब्यूटीपार्लर में अलगअलग वैक्स के अलगअलग चार्जेज होते हैं पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप में एक ही दाम में अलगअलग स्किन के अनुसार अलगअलग स्ट्रिप्स की कई वैराइटीज उपलब्ध हैं जैसे बटर, बैरी, ऐलोवेरा, लोव्स, विटामिन ई आदि. मार्केट में कई कंपनियों की कोल्ड वैक्स स्ट्रिप उपलब्ध हैं, जिन में से वीट भी एक है.

जानें क्या है बीबी और सीसी क्रीम

बीबी और सीसी क्रीम का एक हिस्सा स्किन केयर प्रोडक्ट्स जैसे मौइश्चराइजर, सनस्क्रीन, ऐंटीऐजिंग क्रीम से बना होता है, तो दूसरे हिस्से में मेकअप प्रोडक्ट्स जैसे फाउंडेशन, कंसीलर, प्राइमर आदि होता है. इसलिए इसका इस्तेमाल करने के बाद चेहरे पर स्किन केयर या मेकअप प्रोडक्ट्स की अलग अलग परत चढ़ानी नहीं पड़ती है. आइए, बीबी और सीसी क्रीम की खूबियां और दोनों के अंतर के बारे में जानते हैं.

क्या है बीबी क्रीम

बीबी क्रीम को ब्लेमिश बेस और ब्यूटी बाम के नाम से जाना जाता है. यह एक मल्टीटास्किंग स्किन केयर प्रोडक्ट है, जो न सिर्फ स्किन केयर प्रोडक्ट्स, बल्कि मेकअप प्रोडक्ट्स का भी काम करता है. इस में मौइश्चराइजर, सीरम, सनस्क्रीन, प्राइमर, फाउंडेशन आदि के गुण होते हैं इसलिए इसे लगाने के बाद अलग से फाउंडेशन, सनस्क्रीन आदि लगाने की जरूरत नहीं होती.

बीबी क्रीम के ब्यूटी बैनिफिट्स

चूंकि इस में सनस्क्रीन के भी गुण होते हैं, इसलिए यह तेज धूप में सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की हिफाजत करती है. इस में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट उम्र से पहले त्वचा में फाइन लाइंस और झुर्रियों को उभरने से रोकते हैं. बीबी क्रीम में निहित मौइश्चराइजर त्वचा को कोमल बनाता है और फाउंडेशन की मौजूदगी चेहरे को मेकअप सा लुक देती है.

किसके लिए है बैस्ट बीबी क्रीम

बीबी क्रीम यंग स्किन के लिए ज्यादा असरदार होती है. इसका इस्तेमाल हर स्किन टाइप यानी नौर्मल, औयली और ड्राई स्किन टाइप की महिलाएं कर सकती हैं. बाजार में फाउंडेशन की तरह स्किनटोन के हिसाब से भी बीबी क्रीम उपलब्ध है. ऐसे में आप अपनी स्किनटोन को ध्यान में रख कर अपने लिए बैस्ट बीबी क्रीम चुन सकती हैं.

क्या है सीसी क्रीम

सीसी क्रीम में बीबी क्रीम के सारे गुण होते हैं जैसे बीबी क्रीम की तरह सीसी क्रीम का इस्तेमाल करने से त्वचा मुलायम बनती है, स्किन डैमेज का डर नहीं होता और चेहरे को मेकअप सा लुक भी मिलता है. लेकिन इस में कुछ खूबियां ऐसी भी होती हैं, जो बीबी क्रीम में नहीं होतीं जैसे सीसी क्रीम स्किनटोन को निखारती है यानी सांवली रंगत को उजली रंगत प्रदान करती है. इसलिए इसे कलर करैक्टर या कौंप्लैक्शन करैक्टर भी कहा जाता है.

सीसी क्रीम के ब्यूटी बैनिफिट्स

सीसी क्रीम डस्की स्किन कौंप्लैक्शन को फेयर इफैक्ट देती है. सन प्रोटैक्शन के साथ ही यह स्किन रिलेटेड प्रौब्लम्स जैसे पिंपल्स, डार्क स्पौट से भी छुटकारा दिलाती है. यह मुंहासों से चेहरे पर पड़े दागों को भी हलका करती है.

कुछ महिलाओं की त्वचा बहुत जल्दी लाल पड़ जाती है. अत: यह क्रीम उन के लिए भी फायदेमंद है.

किस के लिए है बैस्ट सीसी क्रीम

बीबी क्रीम की तरह सीसी क्रीम भी यंग स्किन के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है. साथ ही यह हर स्किनटोन पर सूट करती है. लेकिन अगर आप के चेहरे पर अकसर मुंहासे उभर आते हैं, आपकी त्वचा मुरझाई सी नजर आती है या फिर आपके चेहरे पर डार्क स्पौट, अनचाही लालिमा है, तो समझ लीजिए कि सीसी क्रीम खास आप के लिए बनाई गई है.

कैसे लगाएं बीबी या सीसी क्रीम

माना कि बीबी और सीसी क्रीम में कंसीलर के साथ साथ सनस्क्रीन की भी क्वालिटी होती है, लेकिन इन्हें न तो कंसीलर की तरह थोड़ी मात्रा में लगाया जाता है और न ही सनस्क्रीन की तरह भरपूर मात्रा में. इन का इस्तेमाल फाउंडेशन की तरह किया जाना चाहिए यानी पहले उंगली से चेहरे पर कुछ डौट बना लें, फिर हलके से उन्हें पूरे चेहरे पर फैला लें. इस से नैचुरल लुक मिलेगा, जबकि मेकअप ब्रश या स्पंज का इस्तेमाल आप को आर्टिफिशियल लुक दे सकता है.

क्या है डीडी क्रीम

बीबी और सीसी क्रीम के बाद डीडी क्रीम इन दिनों कौस्मैटिक बाजार में अपनी जगह बनाने में जुटी है. ऐक्सपर्ट की मानें तो डीडी क्रीम में बीबी और सीसी दोनों की सारी खूबियां होती हैं. लेकिन निहित ऐंटीऐजिंग के गुण इसे बीबी और सीसी क्रीम से अलग पहचान दिलाते हैं. ऐक्सपर्ट के अनुसार, डीडी क्रीम में पाई जानी वाली ऐंटीऐजिंग क्रीम चेहरे पर फाइन लाइंस और रिंकल्स उभरने नहीं देती, साथ ही चेहरे पर उभर आए बढ़ती उम्र के निशानों को भी हलका करती है. मैच्योर स्किन के लिए डीडी क्रीम एक बैस्ट क्रीम है.

मेकअप आर्टिस्ट मनीष केरकर के अनुसार, ‘‘बीबी क्रीम कहने को एक क्रीम है, लेकिन इस में सीरम, मौइश्चराइजर, प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन, सनस्क्रीन आदि के भी गुण होते हैं, इसलिए इसे आल इन वन फेशियल कौस्मैटिक भी कहा जाता है.’’

सीसी क्रीम के विषय में मनीष कहते हैं, ‘‘सीसी क्रीम को बीबी क्रीम का लाइट वर्जन कहा जा सकता है, जिस में बीबी क्रीम के सारे गुण होने के साथसाथ स्किनटोन को निखारने की भी खूबी होती है.’’

स्मार्ट टिप्स

1. अगर आप बीबी क्रीम लगा रही हैं, तो सीसी क्रीम न लगाएं. खूबसूरती को निखारने के लिए दोनों में से किसी एक का चुनाव करें.

2. माना कि बीबी और सीसी क्रीम में मौइश्चराइजर की मात्रा अधिक होती है, लेकिन आप की स्किन अगर ड्राई है, तो त्वचा पर बीबी या सीसी क्रीम लगाने से पहले मौइश्चराइजर जरूर लगाएं.

3. अच्छे परिणाम के लिए चेहरे पर पहले बीबी या सीसी क्रीम लगाएं. जब यह अच्छी तरह सूख जाए तो ऊपर से सैटिंग पाउडर लगा लें. इस से बीबी या सीसी क्रीम लंबे समय तक टिकी रहेगी.

हाथों की फाइन लाइंस को कैसे दूर करें?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है और मेरे हाथों में फाइन लाइंस दिखने लगी हैं जो मुझे अच्छे नहीं लगतीं. कोई उपाय बताएं?

जवाब-

हाथों को धोने के बाद हमेशा कोई मौइस्चराइजिंग क्रीम जरूर लगाएं. अगर ऐसा लगातार करती रहेंगी तो फाइन लाइंस नहीं आएंगी. रात को सोने से पहले किसी औयल से हलकी मसाज करें. किसी ऐरोमैटिक औयल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.

फाइन लाइंस के लिए आप हफ्ते में 2 बार यह पैक लगाएं-

तो फाइन लाइन कुछ कम जरूर होंगे. 1 चम्मच मुलतानी मिट्टी लें. 1/2 चम्मच कौफी पाउडर मिलाएं. थोड़ा सा हनी डालें और रोजवाटर मिला कर पेस्ट बना लें. इसे हाथों पर लगा लें. 1/2 घंटे बाद धो लें. इस पैक से फाइन लाइंस में काफी फायदा होगा.

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एक मां अपने बच्चे की खुशी के लिए क्या कुछ नहीं करती. कभी उस के लिए अपनी नींद से समझता करती है, तो कभी उस के लिए खुद भूखी रह जाती है. उस के कहीं बाहर जाने पर उस के इंतजार में बैठी रहती है. बच्चे की एक डिमांड पर वह अपनी सारी थकान को भूल कर उस की डिमांड को पूरा करने में जुट जाती है.

दुनियाभर से उस के लिए फाइट करने में भी पीछे नहीं रहती. उस की खुशी के लिए अपनी सारी खुशियां कुरबान करने के लिए तैयार हो जाती है.

भले ही हम मां को बहुत कुछ नहीं दे सकते, लेकिन मदर्स डे एक बेटी होने के नाते आप अपनी मां की इनर ब्यूटी की तरह आउटर ब्यूटी को बैस्ट ब्यूटी ट्रीटमैंट्स गिफ्ट में दे कर निखार सकती हैं क्योंकि वह खुद को हमेशा टिपटौप तो रखना पसंद करती है, लेकिन परिवार व बच्चों से हमेशा घिरी रहने के कारण खुद को संवारने पर ध्यान ही नहीं देती है. ऐसे में आप के ये गिफ्ट्स मां के चेहरे पर मुसकान लाने के काम करेंगे. तो आइए जानते हैं कैसे:

फेशिअल केयर बौक्स

अपने चेहरे को निखारना व अपनी खूबसूरती की तारीफ बटोरना हर मौम को अच्छा लगता है. लेकिन घरपरिवार में बिजी रहने के चक्कर में व पैसों के कारण हमेशा खुद की स्किन से समझता कर ही लेती हैं. ऐसे में आप उन्हें इस मदर्स डे पर फेशियल केयर बौक्स गिफ्ट कर के उन के होंठों पर मुसकान लौटाने के साथसाथ उन के चेहरे की खोई रौनक को भी लौटा सकती हैं क्योंकि इस बौक्स में होता है फेशियल क्लींजर, टोनर, पैक से ले कर नाइट ट्रीटमैंट क्रीम तक और सन प्रोटैक्शन देने वाला सनस्क्रीन भी जो उन की स्किन को क्लीन, डैड स्किन को रिमूव करने के साथसाथ फेस पर ग्लो तो लाएगा ही, साथ ही स्किन पर एजिंग को भी कम करने का काम करता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- मां को दें स्किन केयर से जुड़ा ये तोहफा

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

जैसी स्किन वैसी देखभाल

मौसम बदलने लगा है और आने वाले फुहारों के मौसम यानि मौनसून के दौरान हवा में ज्यादा नमी से आपको परेशानी हो सकती है. विशेषरूप से उन्हें जिन की त्वचा तैलीय या मिश्रित होती है. पसीने और तेलस्राव के कारण तैलीय त्वचा और अधिक तैलीय व सुस्त लगने लगती है. जब मौसम गरम और नमीयुक्त होता है तब लाल चकत्ते, फुंसियां, खुले रोमकूप जैसी समस्याएं पैदा होती हैं और गंदगी त्वचा पर जमने लगती है.

तरोताजा त्वचा के लिए

पसीने और तेल से मुक्त होने के लिए मौनसून में त्वचा को साफ और तरोताजा करना बहुत जरूरी होता है. स्क्रब की सहायता से रोमकूपों की गहरी सफाई करने से त्वचा अवरुद्ध नहीं होती और मुंहासों से भी बचाव होता है. टोनिंग के जरिए भी त्वचा को तरोताजा बनाने और रोमकूपों को बंद करने में मदद मिलती है.

फेशियल स्क्रब का प्रयोग सप्ताह में 2 बार करें. इसे चेहरे पर लगाएं और धीरेधीरे गोलाई में त्वचा पर रगड़ें. फिर साफ पानी से धो लें. आप चाहें तो दही में चावल का आटा या पिसे बादाम मिला कर घर में ही फेशियल स्क्रब तैयार कर सकती हैं. स्क्रब में सूखे नीबू का चूर्ण या फिर संतरे के छिलकों का चूर्ण भी मिला सकती हैं.

– ध्यान रखें कि मुंहासे और संवेदनशील त्वचा होने पर स्क्रब का प्रयोग न करें. मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए ओट्स और अंडे की सफेदी के मिश्रण का सप्ताह में 2 बार प्रयोग करें.

– इस मौसम में फूलों से बने किसी त्वचा टौनिक या फ्रैशनर का इस्तेमाल उपयोगी साबित होता है. गुलाबजल एक नैसर्गिक टोनर है. रुई पैड को गुलाबजल में भिगो कर या त्वचा टौनिक को फ्रिज में रखें. त्वचा को स्वच्छ और तरोताजा बनाने के लिए इससे चेहरे को साफ करें. घर से बाहर निकलते समय नम टिशू साथ ले जाएं. नम टिशू से चेहरा साफ करने के बाद कौंपैक्ट पाउडर लगाएं. इस से त्वचा की ताजगी बढ़ेगी और वह तैलीय भी नजर नहीं आएगी.

– अगर लाल चकत्ते, मुंहासे या फुंसियां हों तो सुबह और रात रोज 2 बार औषधीय साबुन या क्लींजर से चेहरा धोएं. एक कसैला लोशन खरीदें और उस में बराबर मात्रा में गुलाबजल मिला लें. रुई की सहायता से इस से दिन में 4-5 बार चेहरा साफ करें. फुंसियों पर चंदन का पेस्ट लगाएं.

– बारिश के मौसम में चेहरे को सादे पानी से कई बार धोएं. दिन भर त्वचा पर जो मैल एकत्रित हो जाती है उस की सफाई रात में जरूर करें. मौनसून के दिनों में शरीर से पानी पसीने के रूप में बाहर निकलता है. इसलिए शरीर में पर्याप्त पानी मौजूद रहे, इस के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं.

– गरम चाय की जगह आइस टी में नीबू रस और शहद मिला कर पीएं.

– त्वचा सामान्य हो या तैलीय, ऐसे फेसवाश का प्रयोग करें, जिस में नीम और तुलसी जैसे तत्त्व हों.

सही निखार पाना है, तो अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही उस की साफसफाई का ध्यान भी रखना होगा.

तैलीय त्वचा

त्वचा के तैलीय होने से अकसर मुंहासों, फुंसियों और लाल चकत्तों की समस्या हो

जाती है.

त्वचा की सफाई : बेसन और दही का पेस्ट तैयार कर चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें. सूखी पुदीनापत्ती का चूर्ण भी इस पेस्ट में मिला सकती हैं.

तैलीय त्वचा के लिए टोनर : गुलाबजल और खीरे का रस बराबर मात्रा में ले कर चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें.

सामान्य त्वचा

बादाम का चूर्ण दही में मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट बाद पानी से इसे गोलाकार मलें. फिर चेहरा पानी से धो लें.

– 2 चम्मच शहद, थोड़ाथोड़ा दूध, गुलाबजल और सूखे नीबू के चूर्ण का पेस्ट बनाएं. इसे हफ्ते में 2 या 3 बार चेहरे और गरदन पर लगाएं. 20 मिनट के बाद धो लें.

शुष्क त्वचा

2 चम्मच बादाम चूर्ण में 1 चम्मच शहद मिला कर चेहरे पर लगाएं और 5 मिनट बाद हलके हाथ से रगड़ने के बाद चेहरे को पानी से धो लें.

सामान्य एवं शुष्क त्वचा के लिए टोनर : 100 एमएल गुलाबजल में 1/2 चम्मच ग्लिसरीन मिला कर कांच की बोतल में भर कर अच्छी तरह हिला लें. फिर फ्रिज में रख दें. रोज इस्तेमाल करें.

शुष्क त्वचा के लिए मास्क : 3 चम्मच चोकर, 1 चम्मच बादाम चूर्ण और 1 अंडे की सफेदी को मिला कर उस में 1-1 चम्मच शहद और दही डाल कर पेस्ट तैयार करें. इसे सप्ताह में 1 या 2 बार चेहरे पर लगाएं. आधे घंटे के बाद चेहरा धो लें.

मुंहासों वाली त्वचा

अगर त्वचा तैलीय है और जल्दीजल्दी मुंहासे निकलते हैं, तो तैलीय क्रीम और मौइश्चराइजर का इस्तेमाल न करें. अगर त्वचा सूखी महसूस होती है तो अकसर यह ऊपरी परत की कृत्रिम शुष्कता होती है. इस से छुटकारा पाने के लिए निम्न तरीके अपनाएं :

– औषधीय क्लींजर या फेसवाश से सफाई करें. मुंहासे पर चंदन का पेस्ट लगाएं या चंदन के पेस्ट को गुलाबजल के साथ मिला कर पूरे चेहरे पर लगाएं. 20-30 मिनट के बाद चेहरे को पानी से धो लें.

– नीम के कुछ पत्तों को 4 कप पानी में हलकी आंच पर 1 घंटे तक उबालें. रात भर उसे छोड़ दें. सुबह छान कर पानी से चेहरा धोएं और पत्तियों का पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं.

क्या करें

दिन में ठंडे पानी से चेहरे को कई बार धोएं.

– रोमकूपों को बंद करने के लिए शीतल त्वचा टौनिक या गुलाबजल से टोन करें.

– सप्ताह में एक फेशियल स्क्रब का 2 बार प्रयोग करें.

. मेकअप, पसीने और तेल को हटाने के लिए रात में त्वचा की सफाई करें.

. त्वचा को ताजगी प्रदान करने के लिए कई बार चेहरे को नम टिशू से पोंछें.

क्या न करें

– भुना या भारी स्टार्च युक्त आहार लेने से बचें.

– तैलीय और मुंहासों वाली त्वचा के लिए क्रीम या मौइश्चराइजर का प्रयोग न करें.

– साबुन और पानी से दिन में 3 बार से अधिक मुंह न धोएं.

– हाथों को धोए बिना चेहरा न छुएं और न ही मुंहासों या फुंसियों को कुरेदने की कोशिश करें.

मौनसून फेस पैक

– मुलतानी मिट्टी चेहरे को ठंडक पहुंचाती है और तेल को सोखती है. 1 चम्मच मुलतानी मिट्टी को गुलाबजल में मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15-20 मिनट बाद चेहरा धो लें.

– खीरे के रस या गूदे में 2 चम्मच मिल्क पाउडर और 1 अंडे की सफेदी मिलाएं. फिर ब्लैंडर में पेस्ट बनाएं. चेहरे और गरदन पर लगाएं. आधे घंटे के बाद चेहरा धो लें.

– नीबू के रस को पानी में मिला कर आइस क्यूब ट्रे में रख कर फ्रीज करें. जब भी ताजगी की जरूरत महसूस हो, एक क्यूब को चेहरे पर हलके से फिराएं और फिर रुई से पोछ लें. इस से तैलीय पदार्थ कम होता है और त्वचा को ताजगी मिलती है.

– अंडे की सफेदी, नीबू रस और शहद को मिला कर चेहरे पर मास्क की तरह लगाएं. 20 मिनट बाद चेहरा धो लें.

– 1 चम्मच शहद, 15 बूंदें संतरे का रस, 1 चम्मच ओट्स और 1 चम्मच गुलाबजल को मिलाएं. इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के बाद चेहरा धो लें. इससे तैलीय पदार्थ दूर होते हैं और चमक बढ़ती है.

– सेब, पपीता, संतरा जैसे फलों को मिला कर चेहरे पर लगाया जा सकता है. 20-30 मिनट के बाद चेहरा पानी से धो लें.

घर पर बनाएं ब्यूटी प्रोडक्ट्स

बाजार में आज ब्यूटी प्रोडक्ट्स की भरमार है. जब भी हमें लगता है कि हमारी त्वचा और बाल डल हो रहे हैं हम तुरंत ब्यूटीपार्लर में सिटिंग्स लेने लग जाते हैं या फिर मार्केट से महंगे प्रोडक्ट्स खरीद लाते हैं. मगर इन का असर कुछ ही दिनों तक रहता है, क्योंकि उन में कई कैमिकल्स मिले होते हैं. अत: जैसे ही इन का असर खत्म होता है वैसे ही त्वचा या बाल पहले जैसे हो जाते हैं.

स्किन के खराब होने का एक कारण यह भी है कि कई बार ब्यूटी प्रोडक्ट्स सही होते हैं, लेकिन हम जानकारी के अभाव में अपनी स्किन टाइप को इग्नोर कर के और गलत व्यक्ति से ट्रीटमैंट ले कर अपने लिए मुसीबत मोल ले लेते हैं. ऐसे में जरूरत है स्किन टाइप को जान कर उस के अनुसार ट्रीटमैंट लेने की.

इस संबंध में एन नेचर पाथ की कौस्मैटोलौजिस्ट अर्चना मेहंदीदा बताती हैं कि कुछ महिलाओं की यह धारणा होती है कि पार्लर में फैशियल, क्लींजिंग वगैरह करवा कर ही स्किन क्लीयर लग सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप घर पर?भी खुद ऐसे जैल, पैक वगैरह बना सकती हैं. इन की स्टैबलिटी भी लौंग टर्म रहती है. यही नहीं इन प्रोडक्ट्स को खुद बनाने के कारण इन पर लागत कम आने के कारण बचत भी हो जाती है.

आज मार्केट में फेस जैल की भरमार है. बस कहने भर की देर होती है कि मेरी स्किन पर यह प्रौब्लम हो रही है. वैसे आप के सामने ढेरों कंपनियों के प्रोडक्ट्स पेश कर दिए जाते हैं. ऐसे में चयन करना मुश्किल हो जाता है. अगर चयन कर के खरीद भी लिया फिर भी यह गारंटी नहीं होती कि परिणाम 100% मिलेगा ही. ऐसे में घर पर फेस जैल बना कर अपनी स्किन में निखार ला सकती हैं. सब से बड़ी बात यह कि यह हर स्किन टाइप पर सूट करेगा.

1. कैसे बनाएं फेस जैल

फेस जैल बनाने के लिए इस सामग्री की जरूरत होगी:

सामग्री

कारबोपोल 10 ग्राम, डिस्टिल वाटर 1 लिटर, प्रोपिलपराबेन 0.2 एमजी, मिथाइलपराबेन 0.2 एमजी, ट्रिथानोलामाइन

10 एमएल, ग्लिसरीन 10 एमएल, खुशबू के लिए जैसमीन, स्ट्राबैरी, थोड़ा सा कलर

विधि

सब से पहले कारबोपोल, प्रोपिलपराबेन, मिथाइलपराबेन और डिस्टिल्ड वाटर अच्छी तरह मिक्स करें. फिर इस पेस्ट को पानी डाल कर थोड़ी देर के लिए मिक्सी में चलाएं. फिर इस में ट्रिथानोलामाइन ऐड करें और दोबारा मिक्सी में चलाएं. इस के बाद कलर और खुशबू डालें. जब जैल गाढ़ा हो जाए तो समझें जैल तैयार है.

इस जैल को बनाने के लिए बताई गई सामग्री करीब 10-80 में आ जाएगी जबकि आप को इस तरह का जैल मार्केट से 400 या 500 में या फिर इस से भी अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है.

2. टैनिंग पैक

आप की स्किन थोड़ी सी भी डल लगी नहीं कि देखने वाले आप को यह कह कर टोकने लग जाएंगे कि तुम्हारी स्किन तो टैन हो रही है. ऐसे में आप टैनिंग दूर करने के लिए हर पैक आजमाती हैं. फिर भी कोई खास इंप्रूवमैंट नहीं होता. ऐसे में आप घर बैठे आसानी से मिलने वाली सामग्री से टैनिंग पैक बना कर अपनी स्किन की टैनिंग दूर करने के साथसाथ उस में ग्लो भी ला सकती हैं.

सामग्री

मुलतानी मिट्टी 100 ग्राम, चावल का आटा 100 ग्राम, चंदन पाउडर 25 ग्राम, धनिया पाउडर 2 चम्मच, गुलाब की पत्तियों का सूखा पाउडर 2 चम्मच, हलदी

1 चम्मच, पिसे बादाम 14-15, थोड़ा सा पपीता कद्दूकस किया.

विधि

सारी चीजों को खीरे के रस में मिक्स करें. आप का टैनिंग पैक तैयार है.

3. डीप कंडीशनर

आज शैंपू व कंडीशनर यूज करने के बावजूद बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारे हेयर डल हो जाते हैं, जिस के कारण जहां हम नए हेयरस्टाइल्स बनाने से कतराते हैं, वहीं हमारा कौन्फिडैंस भी लूज होता है. ऐसे में आप को परेशान होने की नहीं, बल्कि घर पर बने डीप कंडीशनर के जरीए अपने बालों में शाइन व उन में नई जान डालने की जरूरत है.

डीप कंडीशनर बनाने की विधि

डिस्टिल्ड वाटर 100 एमएल, ऐप्पल सिडर विनेगर 50 एमएल, लैमन ऐसेंशियल औयल 20 बूंदें. इन को मिक्स करते ही आप का डीप कंडीशनर तैयार हो जाएगा.

लगाने का तरीका

सब से पहले बालों में शैंपू करें. फिर नौर्मल कंडीशनर जो आप यूज करती हैं. इस के बाद तैयार डीप कंडीशनर को 2-3 मिनट तक बालों में लगा रहने दें. फिर धो लें. बाल चमक उठेंगे.

ड्राय स्किन की प्रौब्लम से कैसे छुटकारा पाएं?

सवाल-

मेरी स्किन बहुत जल्दी ड्राई हो जाती है और सौफ्ट भी नहीं रह पाती. क्या मुझे ज्यादा क्रीम अप्लाई करने की जरूरत है?

जवाब-

क्रीम के कम या ज्यादा इस्तेमाल से स्किन रूखी हो जाती है, यह बिलकुल गलत है. क्रीम की वजह से नहीं, बल्कि मौसम के अनुसार स्किन के भीतर खून का संचरण धीरे होने लगता है, जिस से शरीर का तापमान कम हो जाता है. शरीर का तापमान कम होने की वजह से शरीर से सीवम कम उत्पन्न होता है. यह सीवम तेलग्रंथियों से निकलता है, जो स्किन को मुलायम और चमकदार बनाने में सहायक होता है.

सर्दियों में सब से अधिक स्किन खराब होने लगती है. सर्दियों में हमारी स्किन की पहली परत पर असर पड़ता है. इस से हमारी स्किन की ऐपिडर्मिस में सिकुड़न आने लगती है, जिस के कारण स्किन में मौजूद कोशिकाएं टूटने लगती हैं. साथ ही सर्दियों में शरीर का तापमान कम होने लगता है, जिस के कारण सीवम गाढ़ा हो जाता है और वह स्किन की बाहरी परत पर नहीं आ पाता और स्किन सख्त हो जाती है. इसलिए आप को जरूरत है स्किन के अंदर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने की जो नियमित फेशियल और मालिश से बढ़ाया जा सकता है.

सवाल-

मैं ऐंटीएजिंग क्रीम यूज करती हूं, लेकिन उस के यूज करने के बाद स्किन अधिक ड्राई हो गई है. क्या स्किन ड्राई होने का कोईर् और भी कारण हो सकता है?

जवाब

स्किन ड्राई होने के कई कारण हैं, जिन में साबुन का अधिक इस्तेमाल करने, शरीर में पानी और फ्लूइड की कमी होने, स्किन को बहुत ज्यादा रगड़ने, बारबार धोने और स्क्रब करने से भी स्किन का मौइस्चर खत्म हो जाता है और स्किन रूखी हो जाती है. आप जिस ऐंटीएजिंग क्रीम को यूज कर रही हैं हो सकता है उस में रेटिनोल जैसे तत्त्व का उपयोग किया गया हो. क्रीम हमेशा बैंडेड ही यूज करें.

सवाल-

मेरे हाथों की स्किन बेजान और ड्राई दिखने लगी है. हमेशा हाथों को मुलायम बनाए रखने के खास टिप्स बताएं?

जवाब-

हाथों को सुंदर बनाए रखने के लिए स्क्रब करना बेहद जरूरी होता है. हाथों को स्क्रब करने से त्वचा से मृत कोशिकाएं हट जाती हैं और हाथ सुंदर दिखने लगते हैं. इस के बाद हाथों पर मौइश्चराइजर लगाना जरूरी होता है. इस से त्वचा पर मौइस्चर बना रहता है.

हाथों के लिए स्क्रब बनाने के लिए 1 मुट्ठी बादाम पीस कर पाउडर बना लें. उस में आधा छोटा चम्मच शहद डाल कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से हाथों को स्क्रब करें. चीनी, नमक और नारियल तेल से बना स्क्रब भी यूज कर सकती हैं.

इस स्क्रब को बनाने के लिए 1 चम्मच नारियल तेल और

1 चम्मच शहद को अच्छी तरह मिला लें. अब इस में एकचौथाई कप नमक और चीनी मिलाएं. अब इस में थोड़ा सा नीबू का रस मिला कर 30 सैकंड तक ब्लैंड करें. इस से हाथों पर स्क्रब करने से मृत कोशिकाएं हट जाती है.

मैं 5 फुट 3 इंच लंबी हूं और वजन 85 किलोग्राम है. मुझे किस तरह का डै्रसिंग स्टाइल अपनाना चाहिए ताकि मैं स्लिम दिखूं?

आप डार्क कलर के कपड़े पहनें. अगर आप को ब्लैक कलर पसंद है तो इस कलर की ड्रैस अपने वार्डरोब में जरूर रखें. पार्टी में जाना है और आप स्लिम दिखना चाहती हैं तो एक बार स्ट्राइप्स

ड्रैस जरूर ट्राई करें. यह हमेशा फैशन में रहती है और पतला दिखाती है. आप हाई वेस्ट जींस, पैंट, स्कर्ट कुछ भी ट्राई कर सकती हैं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

गरदन की झुर्रियों से ऐसे पाएं छुटकारा

ढलती उम्र की झुर्रियों को रोकना तो मुश्किल है, हां इस की रफ्तार को धीमा जरूर किया जा सकता है. त्वचा में कहीं भी नजर आती झुर्रियां किसी व्यक्ति के उम्रदराज होने की निशानी होती हैं. ये अच्छी नहीं लगती हैं खासकर तब जब किसी को कम उम्र में ही निकल आएं. आज ब्यूटी एवं ऐंटीऐजिंग उद्योग की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई हैं और कोई भी समय से पहले उम्रदराज नहीं दिखना चाहता.

गरदन की झुर्रियां जब चेहरे की झुर्रियों से ज्यादा नजर आने लगती हैं, तो उस व्यक्ति की खूबसूरती बिगड़ जाती है. चेहरे और गरदन की उम्र अलगअलग दिखने लगती है और यही असंतुलन खूबसूरती को बिगाड़ देता है.

झुर्रियां होने की कुछ खास वजहें

त्वचा को सूर्य की किरणों से होने वाली क्षति, धूम्रपान, असंतुलित खानपान, डीहाइड्रेशन, तनाव, प्रदूषण, चेहरे के हावभाव, स्वाभाविक उम्र, करवट ले कर सोना.

यहां कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं, जिन से गरदन पर जल्दी झुर्रियां नहीं आएंगी और उन की रफ्तार भी धीमी हो जाएगी.

स्किन केयर

गरदन की भी चेहरे की तरह देखभाल करनी चाहिए. आप जो उपाय चेहरे की खूबसूरती के लिए करती हैं, उन्हें गरदन पर भी आजमाएं.

गरदन को अच्छी तरह धो कर मौइश्चराइजर लगा लें. मौइश्चराइजिंग का तत्काल असर होता है. इस से त्वचा में अच्छी नमी आती है और वह मुलायम बनती है. इस के लिए नारियल, जैतून, जोजोबा औयल का इस्तेमाल कर सकती हैं. मैडिकेटेड बौडी बटर या मौइश्चराइजर भी अच्छे होते हैं.

गरदन की नाजुक त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. 30 से 50 एसपी को दिन में कम से कम 3 बार लगाएं. जब पहाड़ या समुद्र तट की यात्रा पर रहें, तो ज्यादा बार लगाएं.

धूम्रपान छोड़ दें. धूम्रपान से उम्रदराज होने के सभी लक्षण तेजी से उभरने लगते हैं और त्वचा समय से पहले ही लटकने लगती है.

अच्छी नींद लें. अपने  शरीर और त्वचा को आराम देते हुए इन्हें खुद मरम्मत का काम करने दें. 8 घंटे की नींद त्वचा की सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है. खानपान स्वस्थ रखें. सब्जियों और फलों के साथ संतुलित भोजन लेना अनिवार्य है. इन में मिनरल्स, विटामिन और ऐंटीऔक्सीडैंट्स होते हैं, जो स्वस्थ त्वचा के लिए जरूरी हैं. मछली और सोयाबीन का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए.

हाइड्रेट रहें. खूब सारे तरल पदार्थ लें. दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं.

तनाव से बचें.

सप्लिमैंट लें. ग्रीन टी, पालक, अखरोट, बादाम, कीवी, बींस, टमाटर जैसे ऐंटीऔक्सीडैंट समय पूर्व झुर्रियां नहीं आने देते हैं.

कोलोजन की मौजूदगी वाले जिलेटिन सप्लिमैंट्स भी अच्छे विकल्प हैं.

घरेलू उपाय

केले और पपीते का मास्क लगाएं. इन में भरपूर मिनरल्स होते हैं और ये त्वचा को अच्छी तरह हाइड्रेट करते हैं.

अंडे का सफेद हिस्सा, नीबू और शहद का पैक भी त्वचा में मिनरल्स, विटामिन सी तथा पानी की कमी को दूर करने में कारगर होता है.

त्वचा पर ऐलोवेरा जूस लगाते ही इस का तत्काल असर दिखता है. इस से त्वचा की मरम्मत हो जाती है.

मसाज और कुछ आसान ऐक्युपंचर से भी आप लंबे समय तक झुर्रियों से बच सकती हैं.

सरल लेकिन मिनिमली इनवेसिव रहित कौस्मैटिक पद्धतियां

कैमिकल पीलिंग पद्धति एक सुरक्षित और आसान उपाय है, जिस से फाइन लाइंस एवं रिंकल्स खत्म हो जाती हैं. इस से डैड स्किन बड़े सौम्य तरीके से हट जाती है और त्वचा में कोलोजन का उत्पादन बढ़ जाता है.

डा. गुलिमा अरोड़ा

कंसल्टैंट डर्मेटोलौजिस्ट एवं कौस्मैटोलौजिस्ट, नई दिल्ली

 

फेस क्रीम चुनते वक्त रखें इन बातों का ख्याल

कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट मिला होता है, जो स्किन को नुकसान पहुंचाता है. इन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से कोई सुंदर तो दिखने से रहा, उल्टा स्किन खराब हो सकती है. कई शैंपू, माउथवॉश और टूथपेस्ट में भी ये मिला होता है. इनसे स्किन एलर्जी के अलावा, फेस और चिन पर पानी वाले एक्ने होने जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है. जानिए, सल्फेट प्रोडक्ट्स किस तरह स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

जानलेवा भी हो सकते हैं साबित

आज कई छोटी कंपनियां ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट की क्वांटिटी ज्यादा मिला देती है, जिससे वे यूज करते समय लगेंगे तो अच्छे, लेकिन नुकसान बेहद करेंगे. शैंपू और फेश वॉश जैसी चीजों में अगर झाग ज्यादा आ रहा है, तो समझ जाएं कि उनमें सल्फेट की मात्रा अधिक मिली है. सल्फेट मिलने से दूसरी चीजें कम मिलानी पड़ती हैं, जिससे प्रोडक्ट की लागत कम हो जाती है. सल्फेट के साथ ही वे टॉक्सिक इंग्रेडिएंट्स प्रोडक्ट्स में मिला देते हैं, जिनका इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है. दरअसल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स लगाते ही आपकी स्किन पर काम करना शुरू कर देते हैं, ऐसे में कई बार ये प्रोडक्ट स्किन के अंदर समाकर आपके लिए घातक भी हो जाते हैं. सल्फेट स्किन को ड्राई और डल भी कर देता है.

बैक्टीरिया रोकता है

सल्फेट मिलने से प्रोडक्ट में बैक्टीरिया को रोकने और डिओ, लोशन, लिपस्टिक, शैंपू, स्क्रब्स आदि प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें कम हो जाती है, जिससे आपको स्किन इन्फेक्शन, दाग धब्बे और पिंपल्स जैसी प्रॉब्लम्स आ सकती है.

बालों का नेचुरल रंग फेड

अधिक सल्फेट मिले शैंपू से बालों का नेचुरल रंग फेड हो जाता है. यही नहीं, इससे बालों के क्यूटिकल खुल जाते हैं और इनके कमजोर होने और टूटने का खतरा बढ़ जाता है. सल्फेट से बालों के ड्राई होने और स्कैल्प में खुजली होने जैसी परेशानियां सामने आती हैं.

प्रोटेक्टिव लेयर को नुकसान

यह हाथों की त्वचा, बालों या मुंह के लिए ठीक नहीं होता. ज्य़ादा फोमिंग से त्वचा की नमी और प्रोटेक्टिव बैरियर नष्ट हो जाते हैं. सल्फेट युक्त टूथपेस्ट से त्वचा की तरह मुंह की बाहरी प्रोटेक्टिव लेयर नष्ट होती है.

ऑक्सीबेनजॉन

ये सनक्रीम में अधिक मिलाया जाता है. रिसर्च के मुताबिक, ऑक्सीबेनजॉन हमारे हार्मोनल सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है. यह प्रोडक्ट स्किन पर एक ऐसी लेयर बना देता है, जिससे इसकी टॉक्सिन्स रिलीज करने की एबिलिटी कम हो जाती है. एक्ने होने के अलावा ये स्किन फंक्शन और सेल्स का डेवलपमेंट भी धीमा कर देता है. यह पारा, कोलतार, एल्युमिनियम, डीट, डाइऑक्सिन, फॉर्मल्डिहाइड, पारा-अमीनोबेन्जॉइक एसिड, कैंफर और कार्बन ब्लैक भी ब्यूटी प्रोड्क्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कुछ कॉमन टॉक्सिक इंग्रीडिएंट्स हैं.

टोनर

अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो ऐसे प्रोडक्ट का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें, जिसमें अल्कोहल या एथनोल का इस्तेमाल हो. इनके बजाय आप यूज करें नेचरल टोनर का.

क्लींजर

क्लीनजिंग प्रोडक्ट्स में सोडियम लायरल सल्फेट के रूप में सल्फेट पाया जाता है. ये सल्फेट्स फोमिंग एजेंट होते हैं और ये आपकी त्वचा की ड्राईनैस को बढ़ा देते हैं.

स्क्रब्स

अगर स्किन ड्राई है, तो किसी भी तरह के स्क्रब का प्रयोग न करें. हां, हफ्ते में एक बार किसी ऐसे स्क्रब का इस्तेमाल करें, जिसमें किसी दानेदार चीज का इस्तेमाल न हो.

सनस्क्रीन

जेल बेस्ड सनस्क्रीन आपकी रुखी त्वचा पर टिक नहीं पाती है इसलिए यह आपके त्वचा के लिए असरदार नहीं है.

अवाइड करें इन्हें भी

पैराबेन

मेकअप प्रोडक्ट्स, मॉइश्चराइज़र, शेविंग जेल, शैंपू, पर्सनल ल्यूब्रिकैंट्स और स्प्रे टैन प्रोडक्ट्स (स्किन टैन करने लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्प्रे) में पैराबेन की मात्रा डाली जाती है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लॉन्ग चेन वाले पैराबेन (प्रोपाइल और ब्यूटाइल पैराबीन्स) और इस ग्रुप के दूसरे केमिकल्स जैसे आइसोप्रोपाइल और आइसोब्यूटाइल पैराबीन्स एंडोक्राइन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में गड़बड़ियां आने के साथ ही इससे मेंटल ग्रोथ भी रुक सकती है. पेग्स ये भी फेस वॉश, स्क्रब्स, बॉडी वॉश, मेकप और टूथपेस्ट बनाने में इस्तेमाल होता है. फेस वॉश और स्क्रब्स में मौजूद रहने वाले ये बेहद छोटे प्लास्टिक बीड्स पॉलिथिलीन से बने होते हैं.

बेबी स्किन केयर में हो नो मिस्टेक

क्रैडल कैप से कैसे डील करें यह प्रोब्लम बहुत ही छोटे बेबीज में देखने को मिलती है, जिस के कारण आप को उन की स्कैल्प पर यलो या फिर ग्रीसी पैच दिखने लगते हैं. कई बार ये आप को अपने बेबीज के माथे, आईब्रो व कानों के आसपास भी देखने को मिल जाएंगे. ये वैसे तो धीरेधीरे कुछ समय में निकल जाते हैं, लेकिन अगर आप अपने बच्चे की स्कैल्प को क्लीयर व साफसुथरा देखने के लिए हाथ से उसे निकालेंगी तो उस की सैंसिटिव स्किन को नुकसान हो सकता है. यह समस्या अकसर हेयर फौलिकल्स के आसपास स्किन ग्लैंड्स के द्वारा अत्यधिक औयल का उत्पादन करने के कारण पैदा होती है. यह समस्या वैसे तो खुदबखुद ठीक हो जाती है, लेकिन अगर स्थिति में कोई सुधार न आए तो तुरंत डर्मैटोलौजिस्ट को दिखाएं.

बच्चों की स्किन बहुत सैंसिटिव होती है, इसलिए हम उस पर बिना सोचेसमझे कोई भी प्रोडक्ट यूज नहीं कर सकते खासकर के वे प्रोडक्ट्स जिन्हें हम अपनी स्किन पर इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उन की कोमल स्किन को तो सौफ्ट, कैमिकल फ्री व जैंटल प्रोडक्ट्स की जरूरत होती है.

इस संबंध में जानते हैं एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज के डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर अमित बांगया से:

शावर में नो मिस्टेक

बेबी को जब भी आप नहलाएं तो हलके कुनकुने पानी से ही नहलाएं. इस से आप का बेबी सेफ रहने के साथसाथ उस की स्किन को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा क्योंकि बेबी की स्किन व सिस्टम दोनों ही सैंसिटिव जो होते हैं. इस बात पर भी ध्यान दें कि बेबी को सिर्फ 4-5 मिनट का ही बाथ देना है वरना ज्यादा देर बाथ देने से स्किन पर रैशेज, ड्राइनैस व उस के ज्यादा सैंसिटिव होने के कारण उस के पील होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं.

अगर आप बेबी बाथ के समय इन बातों का ध्यान रखती हैं तो आप के बेबी की स्किन सौफ्ट रहने के साथसाथ हैल्दी भी बनी रहती है.

आफ्टर बाथ मौइस्चराइजर

अब सवाल यह है कि बेबी का मौइस्चराइजर कैसा हो? इस के लिए आप अच्छी गंध देख कर मौइस्चराइजर का चयन न करें किसी की देखादेखी नहीं और न ही यह सोचें कि पिछली बार हम ने अपने फर्स्ट बेबी के लिए यह प्रोडक्ट यूज किया था तो इस बार भी यही करेंगे. यह जान लें कि हर बच्चे की स्किन अलग होती है और वह अलग तरह से रिएक्ट करती है.

ऐसे में आप जब भी अपने बेबी के लिए मौइस्चराइजर का चयन करें तो वह कैमिकल, पैराबिन व फ्रैगरैंस फ्री होना चाहिए. कोशिश करें कि आप जिंक औक्साइड वाला मौइस्चराइजर या फिर जैंटल मौइस्चराइजर का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यह बेबी की स्किन पर बैरियर का काम करता है ताकि स्किन को ऐक्स्ट्रा केयर के साथसाथ ऐक्स्ट्रा प्रोटैक्शन भी मिल सके.

बेबी पाउडर चूज करें रिसर्च के साथ

अपने बेबी के लिए किसी भी बेबी पाउडर का चयन कर लेना सही नहीं है. मार्केट में आप को कई ब्रैंड की बेबी पाउडर देखने को मिल जाएगा, लेकिन आप के लिए सही यही है कि खुद रिसर्च कर के या फिर डर्मैटोलौजिस्ट की सलाह के बाद ही अपने बच्चे के लिए बेबी पाउडर का चयन करें.

आप बेबी के लिए जिंक औक्साइड वाले जैंटल बेबी पाउडर का चयन कर सकती हैं क्योंकि इस में हैं आप के बेबी की स्किन को कूल, फ्रैश और हैप्पी फील करवाने वाली प्रौपर्टीज, साथ ही इस में हीलिंग प्रौपर्टीज होने के कारण यह स्किन को स्मूद बनाने का भी काम करता है. वहीं अगर बेबी पाउडर में नैचुरल ऐक्टिव जैसे राइस स्टार्च हों तो वे बेबी की सैंसिटिव स्किन को प्रोटैक्ट करने का काम करता?है. यह स्किन पर ब्रीदेबल लेयर बनाता है, जिस से पोर्स के क्लोग होने की समस्या नहीं होती है.

एलैनटोइन करे स्किन को रिपेयर

बेबी चैन की नींद सोए, इस के लिए कारण पेरैंट्स अपने बेबी को हमेशा डायपर पहना कर रखते हैं जो स्किन पर रैशेज, रैडनैस व इचिंग का कारण बनता है. ऐसे में जरूरी है कि थोड़ीथोड़ी देर में नैपी बदलती रहें और जितना हो सके, उस की स्किन को ड्राई रखें. आप बेबी की स्किन पर एलैनटोइन इनग्रीडिएंट युक्त मौइस्चराइजर, लोशन या फिर पाउडर का इस्तेमाल करें क्योंकि ये सैंसिटिव स्किन के लिए भी परफैक्ट होने के साथ स्किन को ऐक्सफौलिएट कर उसे हील करने का काम करता है, जिस से स्किन सौफ्ट व स्मूद बनी रहती है.

ताकि ढलती उम्र में भी दिखें जवां

अपनी उम्र से कम दिखना भला कौन नहीं चाहता. अगर बात महिलाओं की की जाए, तो वे अपनी बढ़ती उम्र को छिपाने के लिए कुछ भी ट्राई करने से पीछे नहीं हटतीं.

तभी तो कौस्मैटिक इंडस्ट्री ने भी बढ़ती उम्र पर लगाम लगाने वाले कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध कराए हैं. ये उत्पाद चेहरे पर उभरती उम्र की रेखाओं को छिपाने में महिलाओं की बड़ी मदद करते हैं. मगर यह जरूरी है कि इन उत्पादों का उपयोग करने से पहले महिलाओं को इन के सही इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी हो वरना इन का त्वचा पर विपरीत असर भी देखने को मिल सकता है.

कौस्मैटोलौजिस्ट, अवलीन खोखर कहती हैं, ‘‘कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स खूबसूरती को बढ़ाने के लिए होते हैं. इन से चेहरे की कमियों को सुधारा जा सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि उन कमियों के बारे में पता हो और उन्हें किस उत्पाद से ठीक करना है, यह भी जानकारी हो वरना उम्र कम लगने की जगह ज्यादा लगने लगती है.’’

त्वचा को करें मेकअप के लिए तैयार

अवलीन के अनुसार त्वचा पर कोई भी कौस्मैटिक उत्पाद लगाने से पहले उस का प्रकार जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि त्वचा के अुनरूप मेकअप उत्पाद का चुनाव करने पर ही सही लुक मिलता है. बाजार में ड्राई, औयली और कौंबिनेशन स्किन के लिए अलगअलग कौस्मैटिक उत्पाद उपलब्ध हैं. सही चुनाव के साथ मेकअप के लिए त्वचा को तैयार करना भी जरूरी है. यदि त्वचा को साफ किए बगैर मेकअप किया जाए तो गंदगी स्किन पोर्स के अंदर ही रह जाती है और मेकअप की लेयर पोर्स को बंद कर देती है. इस से संक्रमण का डर रहता है. इसलिए मेकअप से पहले त्वचा की क्लीनिंग, टोनिंग और मौइश्चाराइजिंग जरूर करें. इस से मेकअप में स्मूदनैस आती है.

बचें कंसीलर के इस्तेमाल से

कंसीलर का इस्तेमाल काले धब्बों को छिपाने के लिए किया जाता है. इसे चेहरे के केवल उन हिस्सों पर लगाया जाता है जहां काले धब्बे होते हैं. मगर कुछ महिलाएं इसे पूरे चेहरे पर लगा लेती हैं. ऐसा करने से चेहरे की झाइयां उजागर होने लगती है. अवलीन कहती हैं कि कंसीलर थिक होता है और जरा सा लगाने पर ही असर दिखा देता है. ज्यादा लगाने पर यह चेहरे पर लकीरें बना देता है. कुछ महिलाएं काले घेरों को छिपाने के लिए भी कंसीलर का इस्तेमाल करती हैं, जोकि गलत है, आंखों के नीचे कंसीलर हमेशा इनर कौर्नर पर ही लगाना चाहिए. ज्यादा कंसीलर लगाने पर आंखें अलग से चमकती दिखाई देती हैं, जिस से पता लग जाता है कि आंखों पर कंसीलर लगाया गया है.

न लगाएं ज्यादा फाउंडेशन

सब से पहले फाउंडेशन का चुनाव अपनी स्किन टाइप के हिसाब से करें. मसलन, नौर्मल त्वचा वाली महिलाएं जहां मिनरल बेस्ड या फिर मौइश्चराइजर युक्त फाउंडेशन का इस्तेमाल कर सकती हैं, वहीं ड्राई त्वचा के लिए हाइड्रेटिंग फाउंडेशन उचित रहेगा. फाउंडेशन सेम स्किन कलर टोन का ही लें वरना स्किन ग्रे दिखने लगेगी. औयली त्वचा के लिए पाउडर डबल फाउंडेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. यह त्वचा को मैटीफाई करता है.

फाउंडेशन के सही चुनाव के साथ ही इस का सही इस्तेमाल भी बहुत जरूरी है. अमूमन महिलाएं पूरे चेहरे पर फाउंडेशन की परत चढ़ा लेती हैं, जो गलत है. फाउंडेशन को चेहरे पर लगाने का सही तरीका है कि जरा सा फाउंडेशन उंगली में ले कर डैब करते हुए अच्छी तरह चेहरे पर लगाया जाए. यह उम्र के साथ त्वचा में हुए डिस्कलरेशन को दूर करता है.

कौंपैक्ट से दें फिनिशिंग

बहुत सी महिलाएं फाउंडेशन के बाद कौंपैक्ट पाउडर नहीं लगातीं. अवलीन इसे मेकअप ब्लंडर मानती हैं. वे कहती हैं कि कौंपैक्ट पाउडर मेकअप को फिनिशिंग देता है. हां, इस का भी अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वरना चेहरे पर लकीरें उभर आती हैं.

इस का चुनाव भी सावधानी से करना चाहिए. सब से पहले तो स्किन कलर टोन के हिसाब से ही शेड चुनें. अपनी स्किन टाइप का भी ध्यान रखें. मसलन, औयली त्वचा के लिए औयल कंट्रोल मैट फिनिशिंग वाला कौंपैक्ट पाउडर तो ड्राई स्किन के लिए क्रीमी कौंपैक्ट लें. यह त्वचा को हैल्दी लुक देता है. सैंसिटिव स्किन के लिए इमोलिएंट औयल एवं वैक्स युक्त कौंपैक्ट सब से अच्छा विकल्प होता है.

आई मेकअप करें ध्यान से

यंग दिखने के लिए बहुत जरूरी है कि आई मेकअप अच्छी तरह किया गया हो. अधिकतर महिलाओं को भ्रम होता है कि आंखों पर डार्क मेकअप करने से जवां लुक आ जाता है मगर अवलीन इसे भ्रम करार देते हुए कहती हैं कि  ‘एशियन स्किन कलर टोन पर अर्थी कलर नैचुरल लगते हैं. खासतौर पर उम्र को कम दिखाने में कौपर, ब्राउन और रस्ट कलर सब से अधिक कारगर हैं. आईशेड्स में इन रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि क्रीमी आईशेड्स न चुनें, क्योंकि ये आंखों की झुर्रियों को छिपाने में सफल नहीं होते. आईशेड्स के साथ ही आईलाइनर भी ब्राउन ही चुनें.’

आंखों का मेकअप काजल और मसकारे के बिना अधूरा है. काजल आंखों को हाईलाइट करता है. आजकल स्मजप्रूफ काजल फैशन में है इसलिए अपने लिए यही काजल चुनें. मसकारा चुनते वक्त भी थोड़ी सावधानी बरतें. बढ़ती उम्र के साथ आईलैशेज झड़ने लगती हैं. गलत मसकारे से डाउन फाल बढ़ सकता है, वहीं हाइडे्रटिंग मसकारे से आईलैशेज को मजबूती मिलती है. सही मसकारा चुनने और इस के सही इस्तेमाल से ही जवां लुक पाया जा सकता है. इसलिए मसकारे को हमेशा अपर और लोअर लैशेज पर लगाएं. इस से आंखों को बहुत अच्छा लुक मिलता है.

लिपस्टिक के ब्राइट शेड्स चुनें

वैज्ञानिक तौर पर डार्क शेड्स किसी भी सरफेस को छोटा दिखाते हैं. मगर बात जब होंठों की आती है तो इस का विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है. डार्क शेड होंठों को बड़ा दिखाते हैं. अपनी उम्र से कम दिखना है तो न्यूड और ग्लौसी लिपस्टिक का चुनाव करें. साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि लिपलाइनर लिपस्टिक के शेड से मैच करता हो और फटे होंठों पर लिपस्टिक न लगाएं. होंठ फटे हैं तो पहले पैट्रोलियम जैली लगा कर स्मूद कर लें.

इस तरह अगर मेकअप की बारीकियों की सही जानकारी हो तो ढलती उम्र में भी आप जवांजवां दिख सकती हैं.

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