शीना और समीर दोनों ही किसी कौमन दोस्त के विवाह में आए थे. जब उस दोस्त ने उन्हें मिलवाया तो वे एकदूसरे से बहुत प्रभावित हुए. वैसे तो यह उन की पहली मुलाकात थी, लेकिन दोनों ही जानीमानी हस्तियां थीं. रोज अखबारों में फोटो और इंटरव्यू आते रहते थे दोनों के. सो, ऐसा भी नहीं था कि कुछ जानना बाकी हो.
समीर सिर्फ व्यवसायी ही नहीं, बल्कि देश की राजनीतिक पार्टी का सदस्य भी था. उधर, शीना बड़ी बिजनैस वूमन थी. अच्छे दिमाग की ही नहीं, खूबसूरती की भी धनी. सो, दोनों का आंखोंआंखों में प्यार होना स्वाभाविक था. दोस्त की शादी में ही दोनों ने खूब मजे किए और दिल में मीठी यादें लिए अपनेअपने घरों को चल दिए.
शीना सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपने बिजनैस का विस्तार कर रही थी. नाम, पैसा और ऊपर से हुस्न. भला ऐसे में कौन उस का दीवाना न हो जाए. सो, समीर ने उस से अपनी मुलाकातें बढ़ाईं. शीना को भी उस से एतराज नहीं था. अपने पति की मृत्यु के बाद वह भी तो कितनी अकेली सी हो गईर् थी. ऐसे में मन किसी न किसी के प्यार की चाहत तो रखता ही है. और सिर्फ मन ही नहीं, तन की प्यास भी तो सताती है.
शीना भी समीर को मन ही मन चाहने लगी थी. बातों बातों में मालूम हुआ समीर भी शादीशुदा है लेकिन उस का पहली पत्नी से तलाक हो चुका था. दोनों अभी अर्ली थर्टीज में थे.
कई दिनों बाद समीर अपने व्यवसाय के सिलसिले में आस्ट्रेलिया गया और शीना भी उस वक्त वहीं किसी जरूरी मीटिंग के लिए गईर् थी.
दोनों को मिलने का जैसे फिर एक बहाना मिल गया. समीर अपना काम खत्म कर जब शीना से उस के होटल में डिनर पर मिला तो उस ने अपने मन की बात शीना से कह ही डाली, ‘‘शीना, आज जिंदगी के जिस पड़ाव पर तुम और मैं हूं, क्या ऐसा नहीं लगता कि कुदरत ने हमें एकदूसरे के लिए बनाया है? क्यों न हम दोनों विवाह के बंधन में बंध जाएं?’’
शीना को लगा समीर ठीक ही तो कह रहा है. उसे भी तो पुरुष के सहारे की जरूरत है. सो, उस ने समीर को इस रिश्ते की रजामंदी दे दी.
बस, फिर क्या था, दोनों ने भारत लौट कर दोस्तों को बुला कर अपने प्यार को दुनिया के साथ साझा किया और साथ ही विवाह की घोषणा भी. रातोंरात सारे जहां में उन का प्यार दुनिया की सब से बड़ी खबर बन गया था. सारे विश्व में फैले उन के सहयोगी उन्हें बधाइयां दे रहे थे. दोनों ने ट्विटर पर अपने दोस्तों व फौलोअर्स की बधाइयां स्वीकारते हुए धन्यवाद किया.
बस, अगले ही महीने दोनों ने शादी की रस्म भी पूरी कर ली. हनीमून के लिए मौरिशस का प्लान तो पहले ही बना रखा था, सो, विवाह के अगले दिन ही हनीमून को रवाना हो गए.
शीना कहने लगी, ‘‘समीर, जीवन में सबकुछ तो था, शायद एक तुम्हारी ही कमी थी. और वह कमी अब पूरी हो गई है. ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैं दुनिया की सब से खुशहाल औरत हूं.’’
समीर ने भी अपना मन शीना के सामने खोल कर रख दिया था, बोला, ‘‘सेम हियर शीना, तुम बिन जिंदगी अधूरीअधूरी सी थी.’’
दोनों ने अपने हनीमून के फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर किए. इतनी सुंदर तसवीरें थीं कि शायद कोई भी न माने कि यह उन दोनों का दूसरा विवाह था. शायद ईर्ष्या भी होने लगे उन तसवीरों को देख कर.
खैर, हनीमून खत्म हुआ और दोनों भारत लौट आए. और फिर से अपनेअपने काम में व्यस्त हो गए. दोनों खूब पैसा कमा रहे थे. पैसे के साथ नाम और शोहरत भी. 2 वर्ष बीते, शीना ने एक बेटे को जन्म दिया. अब ऐसा लग रहा था जैसे उन का परिवार पूरा हो गया हो.
शीना अपनी जिंदगी में भरपूर खुशियां समेट रही थी और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाती जा रही थी. समीर और उस के विवाह के 10 वर्ष कैसे बीत गए, उन्हें कुछ मालूम ही न हुआ. बेटा भी होस्टल में पढ़ने के लिए चला गया था.
समीर अब व्यवसाय से ज्यादा राजनीति में सक्रिय हो गया था. एकदो बार किसी घोटाले में फंस भी गया. लेकिन, उस ने सारा पैसा शीना के अकाउंट में जमा किया था, जिस से बारबार बच जाता. वैसे तो शीना इन घोटालों को खूब सम?ाती थी लेकिन अकसर व्यवसाय में थोड़ाबहुत तो इधरउधर होता ही है. इसलिए उसे भी कुछ फर्क नहीं पड़ता था.
शौकीनमिजाज समीर जनता के पैसों से अपने सारे शौक पूरे कर रहा था. साथ में शीना भी. अब वे स्पोर्ट्स टीम के मालिक भी बन चुके थे. कभी दोनों साथ में रेसकोर्स में, तो कभी स्पोर्ट्स टीम को चीयर्स करते नजर आते थे. दोनों को साथ मौजमस्ती करते देख भला किस की नीयत खराब न हो जाए.
अंधेरे आसमान में चांदनी फैलाने वाले चांद में भी कभी तो ग्रहण लगता ही है. शीना को अपने पति के रंगढंग कुछ बदलेबदले लगने लगे थे. उसे लगने लगा कि आजकल समीर पहले की तरह उसे दिल से नहीं चाहता है. जैसे, वह उस के साथ हो तो भी उस का मन कहीं और होता है. वैसे तो वह 50 वर्ष की उम्र पार कर रहा था, लेकिन दौलतमंद लोग अपने जीवन को जीभर कर जी लेना चाहते हैं. उन के शौक तो हर दिन बढ़ते जाते हैं और साथ ही साथ, वे उन्हें पूरा भी कर ही लेते हैं.
शीना को महसूस होने लगा था कि अब समीर उस से दूरियां बनाने लगा है. न तो वह पहले की तरह उसे वक्त देता है और न ही उस की तारीफ करता है. जहां शीना को देख समीर के चेहरे पर मुसकराहट खिल जाती थी वहीं अब वह काम का बहाना कर उस से नजरें तक नहीं मिलाना चाहता था. वह समझने लगी थी कि जरूर समीर के जीवन में कोई और औरत आई है.
अब वह उस की ज्यादा से ज्यादा खबर रखने लगी थी. जैसे, बैंक अकाउंट में कितने पैसे हैं, वह कहां और कितने पैसे खर्च कर रहा है आदि. इस बार जब शीना के बिजनैस अकाउंट से समीर ने कुछ पैसे निकालने चाहे तो उस ने समीर को साफ न कह दिया. वह बोली, ‘‘समीर, तुम्हारी मौजमस्ती के लिए नहीं कमाती मैं. तुम्हारे पास मेरे लिए फुरसत के दो क्षण नहीं, अकेले मौजमस्ती के लिए वक्त है? अगर ऐसा ही है तो वह मौजमस्ती तुम अपने पैसों से करो.’’
यह बात समीर को चुभ गई थी. उस ने तो घोटाले के पैसों से शीना को बहुत ऐश करवाईर् थी. खैर, इतना अनापशनाप पैसा था दोनों के पास कि पैसे का झगड़ा तो मामूली ही बात थी.
शीना अब समीर की दूसरी गतिविधियों पर भी नजर रखने लगी थी. जैसे, अपनी फेसबुक वौल पर वह किसे ज्यादा तवज्जुह देता है, किस के फोटो ज्यादा शेयर करता है, किस महिला मित्र को ज्यादा कमैंट करता है आदि.
कुछ ही दिनों में वह समीर की बेरुखी की तह तक पहुंच गई. उस की फेसबुक वौल पर किसी जवान लड़की के ऐसे कमैंट दिखे कि उसे लगा कि समीर के उस लड़की से संबंध हैं. ट्विटर पर भी उस ने नजर गड़ा रखी थी कि समीर किस के नाम पर क्या ट्वीट करता है.
तभी उस का ध्यान पड़ा कि जो लड़की समीर से काम के सिलसिले में अकसर मिलती जुलती है उस के और समीर के मैसेज कुछ साधारण नहीं. उसे कहीं से उन संदेशों में प्यार की गंध आने लगी थी. वह सब समझ गई थी कि शौकीनमिजाज समीर क्यों उस से किनारा कर रहा है, क्यों उस के खर्चे बढ़ गए हैं. समीर इतना बड़ा व्यापारी और शख्सियत है, कौन लड़की उस के साथ उठनेबैठने और मौजमस्ती करने से इनकार करेगी. और फिर इतनी बड़ी हस्तियों पर प्रैस और मीडिया तो जैसे नजर गड़ाए ही रहते हैं. अखबारों और मनोरंजक मैगजींस में समीर व उस लड़की के संबंध के बारे में खुल्लमखुल्ला छपने लगा था.
शीना को यह सब बहुत अखरने लगा. एक तो पति की उस से दूरी, ऊपर से जगहंसाई भी. जो पैसा वह दिनरात मेहनत कर के कमाती रही और पति के जिस पैसे पर उस का हक है, उस पर कोई और मौज करे, यह बरदाश्त करना क्या आसान बात है और तो और, जब कभी पार्टी में जाती, समीर साथ न होता तो वह अन्य महिलाओं की हंसी का पात्र बन कर रह जाती. उसे ऐसा महसूस होता जैसे किसी ने उस के जले पर नमक छिड़क दिया हो.
सबकुछ उस की बरदाश्त से बाहर होने लगा था. सो, एक दिन उस ने गुस्से में आ कर ट्वीट कर डाला, ‘‘मेरे पति समीर के दूसरी लड़की से संबंध हैं, यह मैं आप सब के साथ साझा कर रही हूं क्योंकि मैं दुनिया के ताने सुनसुन कर परेशान हो गई हूं. बेहतर है मैं स्वयं ही इसे स्वीकार लूं.’’
यह ट्वीट तो ऐसा था जैसे मीडिया के हाथ गड़ा खजाना लग गया हो. समीर इसे बरदाश्त न कर पाया और उस रात दोनों में खूब ? झगड़ा हुआ. समीर ने कहा, ‘‘क्यों तुम हमारी जिंदगी बरबाद करने पर तुली हो? तुम भी चैन से रहो और मुझे भी रहने दो. यदि मेरे किसी और लड़की से संबंध हैं तो तुम्हें क्या? तुम से पहले भी तो मैं तलाकशुदा था. तब तो तुम्हें कोई तकलीफ नहीं हुई, फिर अब क्यों?’’
शीना बिफर कर बोली, ‘‘क्योंकि अब मैं तुम्हारी पत्नी हूं. तुम्हारे पैसे और तुम पर मेरा हक है. तुम उसे किसी और से बांटो और मेरी जगहंसाई करवाओ, मैं कैसे बरदाश्त करूं? सारी मीडिया आज तुम्हारी और उस लड़की की ही बातें कर रही है. मैं ने अपने मुंह से स्वीकार लिया, तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा.’’
‘‘कौन सा पहाड़ टूट पड़ा? मैं बताता हूं, अगले एक महीने बाद फिर से इलैक्शन आ रहे हैं. तुम्हारे इस ट्वीट से मेरी कितनी छवि खराब होगी तुम ने सोचा? कौन टिकट देगा मुझे और इस राजनीति में मैं जो अपने पैर जमा रहा हूं वह कल को हमारे बेटे के लिए ही तो अच्छा होगा. चलो, जो भी हुआ भूल जाओ. और अब हम अच्छे पतिपत्नी की तरह प्यारभरी जिंदगी जिएंगे.’’
शीना को लगा उस के जीवन में लगा ग्रहण हट गया है. उसे लगा जैसे उस का खोया प्यार उसे फिर से मिल गया है. सो, उस ने अगले दिन ही समीर से कहा, ‘‘समीर, चलो न हम एक कौमन ट्वीट फिर से कर देते हैं.’’
समीर कहां मना करने वाला था. दोनों ने मिल कर अगले ही दिन ट्वीट किया, ‘‘हम दोनों अपने जीवन से बहुत खुश हैं, और उस लड़की के बारे में जो भी कहा, वह मात्र एक गलतफहमी थी.’’
मीडिया में फिर से यह बात फैल गईर् थी. समीर की छवि एक बार फिर अच्छे राजनेता की बन गई.
एक महीना बीता. चुनाव हुए और समीर को कुरसी हासिल हो गई. अब समीर के तेवर फिर से बदल गए थे. शीना ने लाख कोशिशें कीं कि समीर गैर महिलाओं से संबंध न रखे, किंतु फितरत से शौकीन समीर को वह रोक न पाई. खूब जगहंसाई हुई. पति, प्यार, पैसा सब ही तो बंट गया था.
वह समझ गई थी कि वह दोबारा अपने ही पति द्वारा छली गई है. इस झटके को वह सहन न कर पाई और एक दिन अपने ही घर में मृत पाई गई. पुलिस आई, उसे लगा कहीं यह हत्या तो नहीं. लेकिन नहीं, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से मालूम हुआ कि उस ने जहर खा कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी.
वह तो चली गई, लेकिन जातेजाते एक सवाल छोड़ गई. एक पत्नी कैसे अपने पति के प्यार को बांट ले और कैसे रोजरोज जगहंसाई करवाए? दूसरी महिला उस के हक को छीन ले, उस के पैसे पर मौज करे, जिसे बदनामी और इज्जत की परवा ही नहीं. लेकिन एक पत्नी के लिए तो वह उस की इज्जत पर जैसे बड़ा प्रहार है, वह कैसे उसे सह सकती थी.