सवाल-

मेरी उम्र 62 साल है. मुझे 6-7 वर्षों से उच्च रक्तदाब की समस्या है. मैं ने सुना है उच्च रक्तदाब के कारण स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मुझे क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब-

उच्च रक्तदाब के कारण रक्त का दाब बढ़ने से दिल की सामान्य कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है, जिस से उसे दूसरे अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इस स्थिति के कारण दिल पर दबाव पड़ता है, जिस से रक्तनलिकाओं को नुकसान पहुंचता है और स्ट्रोक की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है. एक बार जब रक्तनलिकाएं कमजोर हो जाती हैं तो वे आसानी से ब्लौक हो जाएंगी. इस में मस्तिष्क का रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है. इस स्थिति से बचने के लिए आप अपने रक्तदाब को नियंत्रित रखें, अपनी दवा नियत समय पर लें, नियमित रूप से वर्कआउट करें, तनाव न लें, अपना वजन न बढ़ने दें और अपने खानपान का ध्यान रखें.

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ब्लडप्रैशर या हाइपरटैंशन की समस्या आज आम समस्या बन गई है, जो जीवन शैली से जुड़ी हुई है, लेकिन कहते हैं न कि भले ही समस्या कितनी ही बड़ी हो लेकिन समय पर जानकारी से ही बचाव संभव होता है. ऐसे में जब पूरी दुनिया पर कोविड-19 का खतरा है, तब आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर हृदय रोग और हाई ब्लडप्रैशर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. इस संबंध में जानते हैं डा. के के अग्रवाल से:

हाइपरटैंशन क्या है

खून की धमनियों में जब रक्त का बल ज्यादा होता है तब हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसे हम ब्लडप्रैशर की स्थिति कहते हैं. ये 2 तरह के होते हैं एक सिटोलिक ब्लडप्रैशर और दूसरा डायास्टोलिक ब्लडप्रैशर. 2017 की नई गाइडलाइंस के अनुसार अगर ब्लडप्रैशर 120/80 से कम हो तो उसे उचित ब्लडप्रैशर की श्रेणी में माना जाता है. इस की रीडिंग मिलीमीटर औफ मरकरी में नापी जाती है.

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