सवाल-

मैं संयुक्त परिवार में रहती हूं. सासससुर अच्छे ओहदे पर थे. अब रिटायर्ड हैं जबकि मेरे पति और जेठजी अच्छी कंपनियों में काम करते हैं. ननद की शादी अभी नहीं हुई है. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है यानी हर सुखसुविधा है पर आएदिन रोजरोज की किचकिच और झगड़े से परेशान रहने लगी हूं. पति चाहते हैं कि हम सब एक ही परिवार में रहें इसलिए चाह कर भी उन्हें अलग फ्लैट में रहने के लिए नहीं कह सकती. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब-

घर में छोटीबड़ी बातों पर तकरार होना आम बात है. कहते हैं जहां तकरार होती है वहीं प्यार भी होता है. मगर जब मतभेद मनभेद में बदल कर बड़े झगड़े का रूप लेने लगें तो यह जरूर चिंता की बात होती है. फिलहाल, आप के घर में हालात इतने खराब नहीं हुए हैं कि पति के साथ अलग रहने की सोची जाए. घर का झगड़ा किसी बड़े झगड़े का रूप न ले, इस से बचने की पहल आप को खुद करनी होगी.

इस दौरान अगर कोई गुस्से में है अथवा कुछ बोल रहा हो तो फायदा इसी में है कि दूसरे को शांत रहना चाहिए. ताली एक हाथ से नहीं बजती.

संयुक्त परिवार में तकरार आमतौर पर कामकाज को ले कर भी होती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि घर के कामकाज को भी व्यवस्थित रूप से मिलजुल कर

करा जाए. छोटीबड़ी बातों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने में ही समझदारी है.

लोग एकल परिवारों में रहते हुए अपने सपनों को पंख नहीं दे पाते, जबकि संयुक्त परिवार इस के बेहतर अवसर देता है. संयुक्त परिवार में पलेबढ़े बच्चे भी आम बच्चों की तुलना में मानसिक व शारीरिक रूप से अधिक श्रेष्ठ होते हैं. इसलिए इस अवसर को आपसी झगड़ों में न गंवा कर मिलजुल कर रहने में ही भलाई है.

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