सवाल-

मैं 31 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. हमारे 2 बच्चे हैं और हम एक ही छत के नीचे सासससुर, जेठजेठानी व उन के बच्चे के  साथ रहते हैं. मेरी जेठानी बातबेबात मु झ से  झगड़ती हैं  और सासूमां के कान भी भरती रहती हैं. मैं खुले विचारों वाली महिला हूं जबकि जेठानी दकियानूसी विचारों वाली और कम पढ़ीलिखी हैं. वे आएदिन मु झ से  झगड़ती रहती हैं. घर में जेठानी से बारबार लड़ाई होने की वजह से क्या हमें अलग घर में रहना चाहिए? सासूमां इस के लिए मु झे मना करती हैं पर जेठानी की बात सहते रहने के लिए भी कहती हैं. पति से इस बारे में बात करना चाहती हूं पर कभी कर नहीं पाई क्योंकि, वे अपने मातापिता को छोड़ अलग रहना नहीं चाहते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सुलह के सभी रास्ते बंद हों और गृहक्लेश आएदिन हो तो अलग रहने में कोई बुराई नहीं मगर इस से पहले अगर आप एक सार्थक पहल करें तो घर में सुकून और शांति का वातावरण स्थापित हो सकता है.

पहले आप के लिए यह जानना जरूरी होगा कि आपसी  झगड़े की असल वजह क्या है? आमतौर पर गृहक्लेश बजट की हिस्सेदारी को ले कर, रसोई में कौन कितना काम करे, घर के कामकाज के बंटवारे आदि को ले कर होता है. कभीकभी एकदूसरे से ईर्ष्या रखने पर भी आपसी मनमुटाव का वातावरण पैदा हो जाता है.

बेहतर होगा कि  झगड़े की असल वजह जान कर सुलह की कोशिश की जाए. सास और पति से जेठानी के  झगड़ालू बरताव की वजह जानने की कोशिश भी आपसी संबंधों को सही कर सकती है. जेठानी कम पढ़ीलिखी हैं तो संभव है यह भी एक वजह हो. आप को ले कर उन में हीनभावना हो सकती है. आप के लिए बेहतर यह भी होगा कि जेठानी से उपयुक्त समय देख कर बात करें. अगर सास आप को अलग घर लेने से मना कर रही हैं तो जाहिर है वे आप को व जेठानी को बेहतर रूप से जानतीसम झती हैं, इसलिए सही निर्णय आप की सास ही ले सकती हैं. यदि 1-2 बातों को नजरअंदाज कर दें तो संयुक्त परिवार आज की जरूरत है, जहां रहते हुए हरकोई अपने सपनों के पंखों को उड़ान दे सकता है.

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