सवाल-

19 वर्षीय युवती हूं. मुझे मोबाइल फोबिया हो गया है. हर 3-4 महीने के बाद लेटैस्ट मोबाइल खरीदने का मुझे शौक है. देर रात तक मोबाइल पर गेम्स खेलना और चैटिंग करना मेरी आदत में शुमार है. इस वजह से पढ़ाई में भी मन नहीं लगता. इस से मेरा रिजल्ट भी प्रभावित हो रहा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

मोबाइल से चिपके रहना न सिर्फ शारीरिक रूप से नुकसानदायक है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर कर देता है. आप को अभी अपने कैरियर पर ध्यान देना चाहिए. इस के लिए मोबाइल को छोड़ पत्रपत्रिकाओं में ध्यान लगाएं. अच्छा साहित्य पढ़ें. इस से आप का सामान्य ज्ञान बढ़ेगा. रूटीन लाइफ और अच्छा साहित्य पढ़ना शुरू करेंगी तो स्वत: ही मोबाइल की गंदी लत से छुटकारा मिल जाएगा.

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कॉलेज में पढ़ाई का खर्च ज्‍यादा होता है. ऐसे में परिवार की फाइनेंशियल हालत अच्‍छी नहीं हो तो परेशानी आ सकती है. हालांकि, इस तरह के हालात से बचा जा सकता है. आप पढ़ाई के साथ कुछ घंटे काम करके कॉलेज के दौरान 10 से 20 हजार रुपए मंथली कमा सकते हैं.

सोशल मीडिया स्ट्रैटेजिस्ट

सोशल मीडिया के बढ़ते असर को देखते हुए कॉरपोरेट कंपनियां, पॉलिटीशियन, सरकारी महकमों आदि में सोशल मीडिया मैनेज करने वालों की मांग तेजी से बढ़ी है. इसमें वैसे लोगों की मांग बढ़ी है, जिनको फेसबुक, ट्विटर, लिंक्‍ग‍इन, यूटूब आदि की समझ हो और इसको अच्‍छे से मैनेज करने की क्षमता रखते हों. अगर, आप कॉलेज स्‍टूडेंट हैं तो इस काम को पढ़ाई के साथ बेहतर तरीके से कर सकते हैं. इसके लिए कोई एक्‍सट्रा नॉलेज या स्‍पेस की जरूर नहीं होगी. आपको कंटेंट और टेक्‍नोसेवी होना होगा.

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