सवाल-

मेरी मां को डिंबाशय का कैंसर था. लेकिन अब वे उपचार से ठीक हो चुकी हैं. हाल ही में मेरी चाची को भी डिंबाशय के कैंसर का पता चला है. मैं ने सुना है कि डिंबाशय का कैंसर आनुवंशिक रोग है, जिस के कारण मुझे इस की चपेट में आने की आशंका है. कृपया बताएं कि मुझे किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और क्या मुझे किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?

जवाब-

डिंबाशय के कैंसर के कुल मामलों में 5 से 10% मामले ही आनुवंशिक होते हैं. इस रोग का पारिवारिक इतिहास होने के कारण आप के समक्ष जीन के उत्परिवर्तित होने का उच्चस्तरीय खतरा रहता है. कैंसर के शीघ्र डाइग्नोसिस के लिए कुछ जांचें कराना जरूरी होता है. डिंबाशय के कैंसर के शुरू के चरणों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता, लेकिन यदि आप श्रोणिक्षेत्र अथवा आमाशय अथवा गैस, पेट फूलने जैसी आंत्रजठरीय समस्याओं जैसे लक्षणों को महसूस करती हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. अल्ट्रासाउंड के जरीए इस का डाइग्नोसिस किया जा सकता है.

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भारत में हर वर्ष करीब 1,60,00 महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी कैंसर का पता चलता है. सब से व्यापक सर्वाइकल कैंसर है लेकिन इस के अन्य प्रकार भी हैं- अंडाशय, गर्भाशय, योनी या जननांग संबंधी. कैंसर की वजह से ज्यादातर मौतें गैरजरूरी रूप से लक्षणों व जांच की जरूरत के बारे में जागरूकता की कमी के चलते होती हैं. ऐसे में इन कैंसरों के बारे में अपनी समझ को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है.

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