पार्टनर द्वारा बेवफाई किए जाने का दर्द काफी गहरा होता है. बेवफाई का मर्ज हंसतेखेलते परिवारों को पल भर में मिटा सकता है, खुशियों पर ग्रहण लगा सकता है और आप को अपने अजीजों से दूर कर सकता है. पर इस का मतलब यह नहीं कि इस की जानकारी मिलते ही आप अपना होशोहवाश खो बैठें.

मुंबई के नालासोपारा की एक सच्ची घटना पर गौर करें;

एक दिन एक शॉपिंग सेंटर की दूसरी मंजिल पर रहने वाले होटल सुपरवाइजर की लाश मिलती है. उस लाश के साथ ही कमरे में उस के दो नन्हे बच्चों की लाशें भी थीं. साथ ही कमरे की दीवार पर मौत की वजह भी लिखी हुई थी. सुपरवाइजर ने आत्महत्या के साथ दोनों बच्चों की हत्या के लिए बेवफाई के दर्द को जिम्मेदार ठहराया था.

जरा उस व्यक्ति की मानसिक पीड़ा की कल्पना कीजिए जिस ने सुसाइड करने से पहले चैन की नींद सो रहे अपने दो मासूम बच्चों का गला दबाया होगा.

दीवार पर लिखी मौत की वजह

श्रीधर ने तकिए से बच्चों की हत‍या करने और खुद सुसाइड करने से पहले कमरे की दीवार पर पत्नी की बेवफ़ाई का किस्‍सा लिखा. दीवार पर श्रीधर ने लिखा, 'मेरी औरत साथ देती तो मैं ऐसा कदम नहीं उठाता. मेरी औरत बच्चों को छोड़ कर सामने वाले के साथ भाग गई इसलिए मैं ने यह कदम उठाया.'

जानकारी के अनुसार इस दर्दनाक घटना की पटकथा लिखने की शुरुआत वैलेंटाइन डे के दिन हुई थी. 42 साल के श्रीधर की पत्‍नी सोनाली अपने दो मासूम बच्चों के साथ 13 फरवरी को पड़ोस में रहने वाले तेजस के साथ भाग गई थी. हालांकि वह 16 फरवरी को वापस घर लौट आई जिस के बाद पतिपत्‍नी के बीच काफी झगड़ा हुआ. सोनाली ने श्रीधर से कहा की वह तेजस से प्यार करती है और उसी के साथ रहना चाहती है. झगड़े के बाद श्रीधर ने सोनाली से बच्चों को छोड़ कर चले जाने को कहा. इस के बाद सोनाली घर के पास ही तेजस के साथ रहने लगी.

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