लेखक- पारुल श्री

सलोनी और नेहा दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में किराए के 2 कमरों के फ्लैट में रहती हैं. 25 साल की सलोनी नौकरीपेशा है और एक मार्केटिंग कंपनी में काम करती है. वहीं 23 वर्षीया नेहा पढ़ाई के साथसाथ अपने आर्ट व क्राफ्ट के काम में रुचि रखती है.  ऐसे तो 2 कमरों के फ्लैट में सलोनी और नेहा को किसी चीज की कमी नहीं है, लेकिन नीचे वाले फ्लोर पर रह रहीं मकान मालकिन से वे परेशान रहती हैं.

मिस्टर ऐंड मिसेज शर्मा ने अपने फ्लैट के ऊपर वाले हिस्से को किराए पर दिया हुआ है और नीचे वाले हिस्से में खुद रहते हैं. मिस्टर शर्मा सरकारी नौकरी से रिटायर्ड 62 वर्षीय शांत व सरल स्वभाव वाले व्यक्ति हैं, तो 54 वर्षीया मिसेज शर्मा तेजतर्रार महिला हैं. किराए के लेनदेन से ले कर बाकी सभी चीजों का इंतजाम वे खुद देखती हैं.

नेहा और सलोनी अपनी मकानमालकिन की हर बात पर रोकटोक वाले रवैए से परेशान हैं. रात में लेट नहीं आना, गैस्ट को नहीं बुलाना, पानी और बिजली का बिल अलग से देने के बावजूद इतना नहीं खर्च करना और ज्यादा इलैक्ट्रिक चीजें नहीं इस्तेमाल करनी जैसी बेवजह की दखलंदाजी से दोनों ही दुखी हैं.

शाम को नौकरी से लौटने पर सलोनी थोड़ा सुकून और शांति चाहती है लेकिन मकान मालकिन की तेज आवाजें उसे शांति नसीब नहीं होने देतीं. नेहा भी कालेज से आने के बाद पढ़ाई के बीच हर आधे घंटे पर किसी न किसी बात में मिसेज शर्मा की टोकाटाकी से परेशान हो जाती है.

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