बच्चा जब गर्भ में होता है उसी समय से बच्चे के भविष्य के बारे में मातापिता की उत्सुकता बनी रहती है, जैसे बच्चा कैसा होगा, उस की पढ़ाईलिखाई, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व आदि के बारे में. बच्चे के जन्म के बाद उस के पालनपोषण और व्यवहार पर ध्यान देना स्वाभाविक है. अगर आप का बच्चा मातापिता और अन्य निकट संबंधियों के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में असहज या भय महसूस करे तो बहुत संभावना है कि बच्चा आगे चल कर शांत और अंतर्मुखी (इंट्रोवर्ट) हो या अनावश्यक रूप से शर्मीला हो. यह बच्चे के व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास में बाधक हो सकता है.
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