वैसे तो लोग अक्सर बड़ी बहन को मां की परछाई मानते हैं. लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं है बल्कि मेरे साथ तो उल्टा ही हाल है क्योंकि मेरे लिए मेरा छोटा भाई ही मां की परछाई है. जो न सिर्फ मां की तरह मेरा  ख्याल रखता है बल्कि मुझसे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का ख्याल रखता है. मेरी पसंद, नापसंद और मुझसे जुड़ी हर चीज के बारे में उसे पता है.

बचपन से ही समझदार…

अगर बचपन की बात करूं तो वो कभी बिगड़ैल भाई नहीं रहा बल्कि छोटे से ही अपनी हर चीज को संभालना, मेरे साथ शेयर करना और मेरी केयर करना उसके नेचर का हिस्सा था. बचपन में हम ज्यादा वक्त साथ नहीं बिता पाए क्योंकि मेरे पापा के निधन के बाद उसे होस्टल भेज दिया गया था. उसके बाद हम दोनों अपनी पढ़ाई में बिजी हो गए और हमारा मिलना कभी-कभी ही होता था. उस दौर में स्मार्ट फोन्स इतने एक्टिव नहीं थे. छुट्टियों में भी जब वो घर आता तो मां या बड़ी बहनों के साथ ही ज्यादा समय बिताता. कभी-कभी मुझे लगता था कि अब हम शायद पहले की तरह क्लोज नहीं थे लेकिन मैं कितनी गलत थी इसका एहसास मुझे बाद में हुआ.

हर मुश्किल में किया सपोर्ट…

ग्रेजुएशन के बाद मैं पढ़ने के लिए बाहर जाना चाहती थी लेकिन किसी ने मेरा सपोर्ट नहीं किया क्योंकि उस वक्त हमारे यहां लड़कियों को बाहर भेजना सही नहीं माना जाता था. उस वक्त मेरा छोटा भाई ही था जिसने मुझे पूरा सपोर्ट किया और मुझ पर भरोसा किया. मेरे दाखिले के लिए वहीं सबसे पहले मेरे कौलेज गया था. वो दौर काफी मुश्किल था पढ़ाई और करियर की टेंशन, पैसों की तंगी और डर इस बात का कि कहीं मेरा फैसला गलत न साबित हो जाए. उस वक्त भी वो मेरा सपोर्ट सिस्टम था. जब मां भी मेरे साथ नहीं थी तब मेरे भाई ने मुझे सपोर्ट किया.

अपनी जिंदगी की हर बड़ी खुशी मैंने सबसे पहले अपने भाई के साथ बांटी. क्योंकि वो भाई दोस्त भी था. दूसरे भाइयों की तरह नहीं जो हर वक्त हुक्म चलाए और बहनों को मजदूर ही समझे. जौब लगने के कई सालों बाद तक मेरा फोन वहीं रिचार्ज कराता था. पहली जौब से लेकर अपने ब्वौयफ्रेंड (जो अब पति हैं) को घरवालों से मिलवाने तक सबसे पहला राजदार वही था और आज भी है. लड़कियां अक्सर अपनी मां और अपनी बहनों के करीब होती हैं लेकिन मेरे लिए तो मेरा छोटा भाई ही मेरा पहला दोस्त था और आज भी है.

इस रक्षा बंधन पर मैं बस यहीं चाहती हूं कि तू हमेशा खुश रहे और हमेशा इस तरह मेरा दोस्त बनकर मुझे सपोर्ट करे. हर बहन को तेरे जैसा केयरिंग और सपोर्टिंग भाई मिले. तुझे लाइफ की हर खुशी मिले. लव यू बेटा…

गोलू (धनपुरी, मध्यप्रदेश)

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