पिछले साल एक समाचार ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया जब बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लालू यादव (अब चारा घोटाले में कैद) के बेटे तेजप्रताप के लिए दुलहन ढूंढ़ने हेतु 3 शर्तें रख डालीं.

पहली शर्त यह कि वे अपनी शादी में दहेज नहीं लेंगे, दूसरी वे अंगदान करने का संकल्प लें और तीसरी यह कि भविष्य में किसी की भी शादी में तोड़फोड़ करने की धमकी नहीं देंगे.

गौरतलब है कि गत वर्ष के आखिर में सुशील मोदी के बेटे उत्कर्ष तथागत की शादी संपन्न हुई थी. दूसरे नेताओं और अन्य नामचीन लोगों के मुकाबले शादी सादगी से निबटाई गई. बिना बैंडबाजे और भोज वाली इस शादी में मेहमानों को ई निमंत्रण कार्ड से आमंत्रित किया गया था. मेहमानों से अपील की गई थी कि वे कोई गिफ्ट या लिफाफा ले कर न आएं. समारोह स्थल पर केवल चाय और पानी के स्टौल लगाए गए थे. यद्यपि तेजप्रताप ने पहले इस शादी में घुस कर तोड़फोड़ की धमकी दी थी पर बाद में उस ने पासा पलटा और दुलहन खोजने की बात कर दी.

तेजप्रताप की दुलहन खोजने हेतु सुशील मोदी द्वारा रखी गई शर्तें काबिलेगौर होने के बावजूद अधूरी हैं. कई और ऐसी महत्त्वपूर्ण बातें भी हैं, जिन के लिए शादी से पूर्व युवा लड़केलड़कियों और उन के परिवार वालों को राजी करवाना जरूरी होना चाहिए.

शादी में फुजूलखर्ची क्यों

हम शादियों में सजावट, बैंडबाजे, डीजे, रीतिरिवाजों और मेहमानों के स्वागतसत्कार में लाखों रुपए खर्च कर देते हैं. कईकई दिनों तक रीतिरिवाज चलते रहते हैं. पंडित और धर्म के तथाकथित ठेकेदारों की चांदी हो जाती है. वे मोटी रकम ऐंठते हैं. सजावट में लाखों रुपए बरबाद कर दिए जाते हैं. मेहमानों को तरहतरह के गिफ्ट दिए जाते हैं और कईकई दिनों तक उन के ठहरने के इंतजाम पर भी काफी रुपए बहा दिए जाते हैं. सीमित आय वाले परिवार बेटी की शादी में अच्छेखासे कर्ज में डूब जाते हैं. जहां तक संपन्न वर्ग, बड़े बिजनैसमैन्स और राजनेताओं का सवाल है, तो उन में दूसरों से बेहतर करने की होड़ लगी रहती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...