आकाश की गिनती अपने औफिस के तेजतर्रार और स्मार्ट मार्केटिंग ऐग्जीक्यूटिव्स में होती है. बौस भी उस के काम से खुश हैं, लेकिन बिना पूछे बातबात में अपनी राय देने की उस की आदत से सब परेशान हैं. जहां औफिस के 4 लोग बैठ कर बात कर रहे हों वहीं पहुंच कर वह अपने विचार सब पर थोपने लगता. बौस के साथ मीटिंग होती है, तब भी सब से ज्यादा आवाज आकाश की ही हौल में गूंजती है. मानो मीटिंग में मौजूद दूसरे लोगों के कोई विचार या अनुभव ही न हों या फिर उन्हें कुछ आताजाता ही न हो.

अगर आप भी आकाश की तरह बिना मांगे सलाह देने लगते हैं या बातचीत में खामाखां बोलने लगते हैं, तो एक बात जरूर जान लें, आप की यह आदत भले ही खुद आप के या कुछ लोगों के लिए सुकून या गर्व की बात हो, पर ज्यादातर लोगों के लिए यह परेशानी का कारण बन सकती है. साथ ही कभी अपनी इस आदत की वजह से आप को भी किसी बड़ी मुसीबत में फंसना पड़ सकता है.

आकाश की तरह ही रवींद्र को भी बातबात में सलाह देने की बुरी आदत थी, लेकिन 8 दिन तक जेल की हवा खाने के बाद उस के सिर से यह भूत उतर गया है और उस ने कसम खा ली है कि जरूरत के हिसाब से ही बोलेगा और पूछने पर ही अपनी सलाह देगा. हुआ यों कि उस के औफिस में लाखों की चोरी हो गई. सभी कर्मचारियों को सुबह दफ्तर आने पर इस का पता चला. पुलिस भी मौके पर आ गई.

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