अधिकांश छात्र 12वीं कक्षा के बाद कालेज में ऐडमिशन लेते समय कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिन का खमियाजा उन्हें आगे चल कर भुगतना पड़ता है. तब उन के पास पछताने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता. दरअसल, होता यह है कि ऐडमिशन के समय छात्र कालेज, इंस्टीट्यूट के लुभावने विज्ञापनों, अन्य छात्रों से सुनीसुनाई बातों पर विश्वास कर के गलत कालेज का चुनाव कर लेते हैं, जो उन के कैरियर के लिए गलत साबित होता है.

रुद्राक्षी ने 12वीं कक्षा के बाद अपने दोस्त शिवम के कहने पर एक ऐसे कालेज में ऐडमिशन ले लिया जो न तो मान्यताप्राप्त था और न ही उस में वे सब सुविधाएं उपलब्ध थीं जो ऐडमिशन के समय बताई गई थीं. लेकिन अब रुद्राक्षी के पास पछताने के अलावा और कोई उपाय नहीं बचा था, क्योंकि अब तो ऐडमिशन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी और फिर उस ने पूरी फीस भी डिपौजिट करवा दी थी. अगर आप भी इस साल कालेज में ऐडमिशन लेने जा रहे हैं, तो कालेज का चुनाव करने से पहले निम्न महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि आप के साथ भी रुद्राक्षी जैसा धोखा न हो:

कालेज की मान्यता

अकसर दूसरे राज्यों से आए छात्र बड़े कालेजों की चमकदमक से प्रभावित हो कर बिना जांचपड़ताल किए ऐडमिशन ले लेते हैं, जिन की डिग्री की कोई मान्यता नहीं होती और यह उन्हें तब पता चलता है जब वे नौकरी के लिए आवेदन करते हैं. हर साल हजारों छात्र ऐसी फर्जी यूनिवर्सिटी या कालेजों के झांसे में आ कर उन का शिकार बन जाते हैं. इसलिए भावी छात्र होने के नाते कालेज में ऐडमिशन लेने से पूर्व आप को कालेज की मान्यता के बारे में पूरी रिसर्च करनी होगी ताकि आप के साथ ऐसा धोखा न हो.

यह भी जान लें कि अगर वह संस्थान ऐफिलिएटेड है तो संस्थान की ऐफिलिएशन किस आधार पर है. जिस आधार पर कालेज या यूनिवर्सिटी को मान्यता मिली है वह उस पर खरा उतरता है या नहीं. यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) यूनिवर्सिटीज पर नजर रखने के साथसाथ उन्हें मान्यता भी प्रदान करता है. इसीलिए यदि आप किसी कालेज या यूनिवर्सिटी से कोई भी एकैडेमिक या प्रोफैशनल डिग्री लेने की सोच रहे हैं तो सब से पहले यूजीसी की वैबसाइट पर जांचिए कि उक्त कालेज या यूनिवर्सिटी मान्यता प्राप्त है या नहीं.

प्लेसमैंट व इंटर्नशिप

कोई भी अभिभावक यह सोच कर अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाता है कि शिक्षा पूरी होने के बाद उन का बच्चा अच्छी नौकरी कर सकेगा. लेकिन कई बार डिग्री हासिल करने के बाद भी छात्रों का भविष्य अधर में लटका रहता है, क्योंकि डिग्री हासिल करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिलती. कालेज की शिक्षा पर इतना खर्च करने के बाद आप को उस का पूरा फल मिले, इस के लिए किसी भी संस्थान में ऐडमिशन लेने से पूर्व यह जान लें कि वह संस्थान उसे डिग्री देने से पहले इंटर्नशिप या प्लेसमैंट उपलब्ध करवाएगा अथवा नहीं. आप चाहें तो उस संस्थान से पासआउट छात्रों से भी यह जानकारी हासिल कर सकते हैं या फिर पिछले 5 वर्षों का प्लेसमैंट रिकौर्ड व प्लेसमैंट देने वाली कंपनियों की लिस्ट से जानकारी हासिल कर सकते हैं.

मूलभूत सुविधाएं

चूंकि आप को उस शिक्षा संस्थान में अपनी जिंदगी के बहुमूल्य साल गुजारने हैं और वहां प्राप्त शिक्षा व सुविधाओं के आधार पर ही आप का भविष्य तय होगा, इसलिए ऐडमिशन के लिए किसी भी संस्थान का चुनाव करने से पहले कालेज द्वारा प्रस्तावित ऐकैडेमिक प्रोग्राम, कालेज द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाला स्टडी मैटीरियल, अगर होस्टल सुविधा लेंगे तो होस्टल में दी जाने वाली सुविधाएं (खानपान, सुरक्षा), अगर डे स्कौलर हैं, तो ट्रांसपोर्ट की सुविधा, रिसर्च के लिए लाइब्रेरी, लैबोरेटरी, प्लेग्राउंड, इंटरनैट आदि की जानकारी ले लें. कुल मिला कर आप जिस संस्थान में ऐडमिशन लेने जा रहे हैं वहां छात्र के लिए शिक्षा ग्रहण करने का सुरक्षित व आरामदेह माहौल है या नहीं, इस की जांच अवश्य कर लें. आप चाहें तो इस की वास्तविक जानकारी मौजूदा छात्रों व संस्थान की वैबसाइट पर मौजूद स्टूडैंट फौरम से भी हासिल कर सकते हैं.

फैकल्टी

किसी भी शिक्षा संस्थान से छात्र कैसी शिक्षा ले कर निकलेंगे ये उस संस्थान के शिक्षकों यानी फैकल्टी पर भी निर्भर करता है. यदि किसी संस्थान की फैकल्टी यानी वहां के शिक्षक पूर्ण प्रशिक्षित व योग्य हैं तो छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए इंस्टिट्यूशन का चुनाव करते समय संस्थान के शिक्षकों की शिक्षा, उन का अनुभव, उन की विशेषज्ञता आदि का पता कर लें ताकि आप का भविष्य शिक्षित व विशेषज्ञ अध्यापकों के हाथों संवर सके. कुछ संस्थानों में किसी विषय विशेष की फैकल्टी यानी शिक्षक ज्यादा योग्य व अनुभवी होते हैं. इसलिए आप जिस विषय में महारत हासिल करना चाहते हैं उस विषय के विशेषज्ञों वाले कालेज में दाखिला लें. साथ ही, यह भी देख लें कि उक्त संस्थान में अध्यापकों व छात्रों का अनुपात क्या है, क्योंकि कई बार छात्र अधिक होते हैं व शिक्षक कम जिस से छात्रों को सही शिक्षा व गाइडैंस नहीं मिल पाती.

कालेज व कोर्स में से एक को चुनना हो तो अपनी पसंद के कोर्स को अहमियत दें, क्योंकि जिस कोर्स या विषय में आप की रुचि होगी आप उसी में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. कई बार छात्र अपने दोस्तों की देखादेखी ऐसे कालेज या विषय में दाखिला ले लेते हैं, जिस में उन की रुचि नहीं होती. ऐसा करना गलत है, क्योंकि हो सकता है वह कालेज और वह कोर्स आप के उस दोस्त को बेहतर भविष्य दे सकता हो, पर यह जरूरी नहीं कि वह आप के लिए भी सही ही हो.

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