सोशल मीडिया पर नुकसानदेह वीडियो, मैसेज आदि इस तरह चल रहे हैं मानो इस देश के लोगों को सिवा झूठ और गप्प के कुछ और सुहाता ही नहीं है. फोटोशौप कर के शातिर लोगों ने केवल घरों में शर्मिंदगी बिखेर रहे हैं, वे देश की विदेश नीति तक को भी नहीं बख्श रहे.

सोशल मीडिया पर 1 फोटो को बदल कर मोदी को लेह दौरे के दौरान 3 कुत्तों के साथ दिखाया गया है, जिन में एक का चेहरा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का लगाया गया, दूसरा चीन के राष्ट्रपति का और जो सब से आपत्तिजनक बात थी कि तीसरा नेपाल के प्रधानमंत्री का लगाया गया था.

नेपाल के साथ भारत के संबंध खराब चल रहे हैं पर इतने खराब भी नहीं हैं कि उसे पाकिस्तान की तरह दुश्मनों की गिनती में डाल दिया जाए.

नेपाल में अभी भी जाने के लिए भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं है और अभी भी वहां भारतीय रुपए ही चल रहे हैं. लाखों नेपाली भारत में काम कर रहे हैं और हजारों भारतीय नेपाल में हैं. नेपाल के तराई के इलाके के मधेशी अपनेआप को भारत के ज्यादा निकट महसूस करते हैं, बनिस्बत पहाड़ों के गोरखों के. वे नेपाली की जगह हिंदी, बिहार की स्थानीय भाषा बोलते हैं. वैसे भी भारतीयों का व्यापार नेपाल से हजारो सालों से लगातार चला आ रहा है. सोशल मीडिया में डाले गए ऐसे बिगड़ैल पोस्ट से माहौल काफी बिगड़ सकता है.

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इसी तरह उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के मामले में एक ब्राह्मण हैंडल से उसे विल्लास बना दिया गया और उस के दादानाना मुसलमान घोषित कर दिए गए ताकि ब्राह्मणों की श्रेष्ठता पर कोई आंच नहीं आए.

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