"भविष्य उन लोगों का है जो अपने सपनों की सुंदरता में विश्वास करते हैं".

मुझे लगता है कि इस दुनिया में किसी व्यक्ति को छोटा सपना नहीं देखना चाहिए और अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी शक्ति और साहस के साथ प्रयास करना चाहिए .

हमारे स्वतंत्रता सेनानी, वे स्वतंत्रता, शांति ’और खुशी’ का सपना देखते थे या मैं कहूंगी कि वे भारत का सपना देखते थे. 1857 के महान विद्रोह ने हमारे राष्ट्र के नेताओं और ऐसे हजारों लोगों को जन्म दिया, जो स्वतंत्रता की कामना करते थे.

भारत की स्वतंत्रता विभिन्न रूपों में देश के कई हिस्सों में लंबे और लगातार संघर्ष का परिणाम है.देश के लिए विदेशी शासकों से लड़ना और निष्कासित करना आसान नहीं था . संघर्ष दशकों तक चला, जिसके परिणामस्वरूप आखिरकार देश को आजादी मिली.भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को स्वतंत्रता दिलाने में व्यापक भूमिका निभाई.

ये भी पढ़ें- इंटरनैट पर साइबर बुलिंग का आतंक

जहां एक तरफ गांधी अहिंसा और शांति की विचारधाराओं का पालन कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर युवाओं का एक ऐसा समूह था जिसका विश्वास था  कि केवल अहिंसा  से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त हो सकती. ये क्रांतिकारी राष्ट्र में काफी प्रभावशाली थे और इन्होने  कई लोगों को प्रेरित किया. चंद्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान और जोगेश चंद्र चटर्जी कुछ ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने काकोरी षड्यंत्र को अंजाम दिया था.भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु ने असेंबली हाउस में बम फेंका.घटना के बाद, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को मौत की सजा दी गई थी और उन्हें आज भी शहीद माना जाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...