कोरोना काल में मांगलिक उत्सव जन्मदिन, पार्टियों, शादी-ब्याह, घूमना-फिरना बंद होने के चलते महिलाओं ने सजना संवरना बंद सा कर दिया है और अब इसे नियति सा ही मान लिया है और हर वक्त सजी-धजी रहने वाली महिलाओं ने इसके बिना जीना सीख लिया है. जिससे अब सौंदर्य इनके लिये गुज़रा दौर और गुजरी बात सी हो चली है. जिसकी मार इससे जुड़े व्यवसाय पर खासी देखने को मिल रही है.

कोरोना वैश्विक महामारी ने बड़े-बड़े उद्योग धंधे व्यापार तो सब बंद करा ही दिए हैं तो वही सौंदर्य प्रसाधन पर भी इसकी जबरजस्त मार पड़ी है. जिसके चलते रोजमर्रा और चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने वाली लिपिस्टिक भी इस संकट काल के चलते बर्बाद और बंद सी होने के कगार पर है.

छतरपुर: इस विभीषिका के दौर में महिलाओं का सबसे खूबसूरत सौंदर्य प्रसाधन लिपस्टिक बिजनेस खासा भी प्रभावित हुआ है. यह व्यवसाय अधिकांशतः महिला-पुरुष दोनों ही संचालित करते हैं. तो वहीं ब्यूटीशियन अधिकांश जगह महिला प्रोपराईटर ही रहतीं हैं या संचालित करती हैं. इसके अलावा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं से लेकर छोटे छोटे व्यापार के रूप में महिलाओं के लिए आर्थिक स्रोत का मानक जरिया बना हुआ है मसलन कोरोना त्रासदी ने महिलाओं के स्वावलंबन पर चोट पहुंचाई है.

lipstick

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महिलाओं/युवतियों की मानें तो महामारी के इस भीषण काल में जहां हर वक्त चेहरे और मास्क और हाथों में ग्लब्ज़ (दस्ताने) लगाने पड़ रहे हैं तो ऐसे में लिपिस्टिक/नैलपालिस लगाने का क्या औचित्य है, गर लगा भी ली तो वह दिखनी नहीं है और मास्क में छुप और छुट जाना है जिससे मास्क भी खराब हो सकता है.

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