यह सितंबर, 2011 की बात है जब जम्मूकश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर यह स्वीकारा था कि उन के और उन की पत्नी पायल अब्दुल्ला के बीच अलगाव हो चुका है. लेकिन यह उन का व्यक्तिगत मामला है, इसलिए गुजारिश है कि लोग और मीडिया उन की निजता का ध्यान रखने का कष्ट करें.

सितंबर, 2016 तक झेलम का कितना पानी बह चुका, यह कोई नहीं नाप सकता, लेकिन ठीक 5 साल बाद उमर अब्दुल्ला और पायल के बीच कुछ खास नहीं रह गया था. जब पायल ने दिल्ली की एक अदालत में एक अर्जी दाखिल करते हुए अपने पति से बतौर गुजाराभत्ता क्व15 लाख महीने की मांग की. उस से पहले दिल्ली की ही अरुण कुमार आर्य की अदालत ने उमर अब्दुल्ला द्वारा दायर तलाक की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि वादी उमर ऐसी एक भी स्थिति दिखाने में नाकाम रहे हैं, जिस में प्रतिवादी पायल के साथ संबंध बनाए रखना उन के लिए असंभव हो रहा हो.

कलह और मतभेद

उमर अब्दुल्ला ने अपने वाद पक्ष में यह दावा किया था कि 2007 से उन के और उन की पत्नी के बीच किसी तरह के संबंध नहीं हैं. 1 सितंबर, 1994 को शादी करने के बाद वे दोनों 2009 से अलग रह रहे हैं. इन के 2 बेटे हैं जो मां के साथ रहते हैं. इस फैसले के खिलाफ उमर ने हाई कोर्ट में अपील की और पायल ने गुजाराभत्ते का दावा ठोंक दिया, जिस की बाबत अपनी बात रखने के लिए अदालत ने उमर अब्दुल्ला को 27 अक्तूबर की तारीख दी.

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