प्रिंस फिलिप का 100 वें जन्मदिन से दो महीने पहले 9 अप्रैल 2021 को निधन हो गया. वह एक बहुत दिलचस्प और बहुमुखी प्रतिभा वाले इंसान होने के साथ नायाब पति थे जिन्होंने शादी के बाद सारी उम्र अपनी पत्नी का एक परछाई की तरह साथ दिया.

ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के साथ अपनी विवाहित ज़िंदगी के 70 साल गुजारने वाले फिलिप भले ही कभी किंग नहीं कहलाए, वे हमेशा प्रिंस फ़िलिप ही रहे, मगर सही मायनों में सारा साम्राज्य उन्होंने ही संभाला.

कैसा था फिलिप का बचपन

प्रिंस फिलिप का जन्म 10 जून 1921 को यूनान के कोर्फू द्वीप में हुआ था. वे यूनान के प्रिंस एंड्रयू और बैटनबर्ग की प्रिंसेस एलिस के सब से छोटे और इकलौते बेटे थे. इस तरह जन्म से फिलिप का संबंध ग्रीक और डेनिश शाही परिवारों से था. लेकिन एक साल बाद ही वहां तख्तापलट हुआ और पूरे परिवार को यूनान छोड़ कर इटली जाना पड़ा.

फ़िलिप का बचपन कुछ खास अच्छा नहीं बीता. बचपन में उन्होंने काफी कुछ खोया और दुख और निराशा का सामना किया. साल 1930 में नर्वस ब्रेकडाउन के कारण उन की माँ को एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र भेजना पड़ा. उन के पिता भी दूर हो गए क्योंकि उन्होंने फ्रांस की एक महिला के साथ बसने का फ़ैसला किया. ब्रिटेन में उन की मां के रिश्तेदारों ने उन की देखभाल की.

पढ़ाई के लिए उन का दाखिला गोर्डनस्टाउन के एक स्कॉटिश बोर्डिंग स्कूल में कराया गया. स्कूल के संस्थापक और हेडमास्टर का नाम कर्ट हैन था.
स्कूल में फ़िलिप ने मजबूत इंसान के तौर पर जीवन जीना सीखा. वे आत्मनिर्भर बने. सुबहसुबह उन्हें ठंड में उठना पड़ता और काफ़ी दूर तक दौड़ लगानी पड़ती. साल 1937 में फ़िलिप की चार बहनों में से एक, सेसिली की उन के जर्मन पति, सास और दो युवा बेटों के साथ एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई. वह उस समय गर्भवती थीं.

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