Sister Relationship: बचपन में छोटी बहन को स्कूल पहुंचाने वाली बड़ी बहन कब उस की हमउम्र बन जाती है, पता ही नहीं चलता. मां की डांट से बचाने वाली, कौपीकिताब संभालने वाली बड़ी बहन धीरेधीरे राजदार, सलाहकार और दोस्त में बदल जाती है. रात को लाइट औफ करने से पहले कई अनकही बातें बहन के कानों तक पहुंच ही जाती हैं.
बिना संकोच का भरोसा
पहली बार ब्रा खरीदनी हो, अचानक पैड की जरूरत पड़ जाए, कुरते पर दाग तो नहीं है या मुंह से बदबू तो नहीं आ रही ऐसे सवाल दुनिया से नहीं पूछे जा सकते. पर बहन से सबकुछ पूछा जा सकता है. यही सहजता इस रिश्ते की ताकत है. 2 बहनें हों तो वार्डरोब से ले कर ड्रैसिंगटेबल तक शेयर कर ली जाती है. कभी दीदी का टौप छोटी पहन लेती है, कभी छोटी की स्कर्ट दीदी की ड्रैस बन जाती है.
दीदी का बैग ले कर छोटी अपनी सहेलियों में अमीरी की शान बताती है और दीदी छोटी की ज्वैलरी पहन कर प्रशंसा बटोर लेती है. नया फैशन सीखना हो, कोई हेयरस्टाइल ट्राई करना हो या साड़ी में पिन लगानी हो बहनें एकदूसरी की पक्की मददगार होती हैं.
जमाने की नजर में रिश्ता
जमाने में जो उपमाएं दी जाती हैं वे बहनों के रिश्ते को कम महत्त्व देती हैं. मामा की जगह पर है चांद, चंदा मामा. ऊंचा, चमकदार और सब का प्यारा, वहीं मौसी का सिंबल है बिल्ली, बिल्ली मौसी. साधारण और कमतर. साइकोलौजिकल अंतर दिखता है न. समाज भाईबहन के रिश्ते को तो गौरव और महत्त्व देता है, पर बहनबहन के रिश्ते को उतनी गंभीरता से नहीं देखता.
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