जिंदगी रोशनी है, तो मौत अंधेरा. बड़ा ही मुश्किल फैसला होता होगा स्वयं अपने हाथों अपना वजूद मिटाने यानी आत्महत्या करने का. हैरत की बात यह है कि विश्व में सब से ज्यादा आत्महत्याएं भारत में होती हैं. यहां हर रोज औसतन 707 लोग अपनी मरजी से मौत को गले लगाते हैं. वर्ल्ड हैल्थ और्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर 40 सैकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. रिपोर्ट के अनुसार युवा और बुजुर्गों में आत्महत्या की प्रवृत्ति में तेजी से इजाफा हुआ है. आत्महत्या करने वालों में सब से ज्यादा तादाद कम और मध्य आयवर्ग के लोगों की है. यह करीब 39% है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2012 में 2,58,075 लोगों ने आत्महत्या करी थी. इन में 99,977 महिलाएं थीं. भारत में प्रति 1 लाख की जनसंख्या पर आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा 21.1% है. 2 वर्ष पहले बौलीवुड अभिनेत्री जिया खान ने प्यार में बेवफाई के चलते आत्महत्या कर ली थी. आदित्य पंचोली के बेटे सूरज के साथ उस के प्रेम संबंध थे.

जिया खान: सह न सकी बेवफाई

जिया ने मौत को गले लगाने से पहले लिखे अपने 6 पृष्ठों के पत्र में बिना किसी का नाम लिखे अपनी मानसिक तकलीफ के लिए किसी लड़के को जिम्मेदार ठहराया था और चूंकि लंबे समय से जिया की दोस्ती सूरज से ही थी और आत्महत्या करने से पहले अंतिम एसएमएस व बातचीत भी उसी के साथ हुई थी, इसलिए माना गया कि वह शख्स सूरज ही होगा. इस आधार पर सूरज की गिरफ्तारी भी हुई.

जिया ने पत्र में लिखा था, ‘‘मेरे पास जीने के लिए कुछ नहीं बचा. मैं ने तुम से जितना प्यार किया शायद ही कोई और लड़की तुम से उतना कर पाए. तुम ने तो मुझे प्यार में सिर्फ रुसवाई ही दी. मैं तुम से कितना प्यार करती थी, इस बात का एहसास तुम्हें अभी नहीं मेरे जाने के बाद होगा. बहुत तकलीफ होती है जब आप किसी को खुद से ज्यादा चाहते हो और वह आप को तवज्जो नहीं देता. बस अब और तकलीफ नहीं सह सकती. मैं जा रही हूं. पहले भी मेरे पास कुछ नहीं था और अब भी नहीं है. मैं ने सब कुछ खो दिया है. मैं क्या इस दर्द की हकदार थी? जब तक तुम इस खत को पढ़ रहे होगे मैं इस दुनिया से जा चुकी होंगी. तुम से मुझे जो दर्द मिला उस ने मेरा सब कुछ बरबाद कर दिया. यदि मैं यहां रही तो तुम्हारे लिए तरसती रहूंगी. इसलिए मैं अपने 10 साल के कैरियर और सपनों को अलविदा कहती हूं. अब मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं और सोने जा रही हूं. चाहती हूं कि अब कभी न उठूं.’’ जाहिर है, जिया अवसाद में थी. आत्महत्या का फैसला लेते वक्त उस ने अपने अच्छेखासे फिल्मी कैरियर और परिवार की भी कोई परवाह नहीं की. चोट लगी थी उसे. मगर क्या उस वक्त उस का यह सोचना वाजिब नहीं था कि घर वालों पर क्या बीतेगी? उसे जन्म देने, बड़ा करने और एक मुकाम तक पहुंचाने में मदद करने वाली मां का मन किस कदर छलनी हो जाएगा? मां के अरमान रहे होंगे, उसे सब से कामयाब हीरोइन बनता देखने के, उस की शादी कराने और बुढ़ापे में करीब रखने के, मगर जिया की मौत के बाद अब उन की स्थिति क्या है?

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