भारत में नेता पति के मरने के बाद उस की जगह पत्नी लेती है तो मोदीशाह की पार्टी डायनैस्टी डायनैस्टी चीखने लगती है कि गांधी परिवार की तरह उन्होंने राजनीति को विरासत का खेल बना डाला है. पर यह तो दुनियाभर में हो रहा है.

अमेरिका में गत नवंबर में हुए चुनाव में रिपब्लिक पार्टी के जीते ल्यूक लैटलो की जीतने के बाद कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई. डोनाल्ड ट्रंप की मेहरबानी से उस की पूर्व पत्नी जूलिया लैटलो को टिकट मिल गया और वह लुईसियाना की एक सीट से लड़ी. उसे 65% वोट मिले और विरोधी डैमोक्रेटिक पार्टी की सांड्रा क्रिसटोफे को सिर्फ 27%.

ये भी पढ़ें- जानें कैसा था प्राची तेहलान का नैटबौल की पूर्व कप्तान से एक्ट्रेस तक का सफर

राजनीति असल में पतिपत्नी दोनों मिल कर करते हैं. जहां औरतें ज्यादा मुखर होती हैं वहां पति बैकग्रांउड में रहते हुए भी बहुत कुछ करते हैं. घर का माहौल ही राजनीतिमय हो जाता है और नेता पति की पत्नी न चाहे तो भी राजनीतिक भंवर में फंस ही जाती है.

भारत में जो हल्ला मोदीशाह की पार्टी मचाती है वह असल में डर के कारण मचाती है. उन की पार्टी को मालूम है कि उन के यहां मोतीलाल के पुत्र जवाहर, जवाहरलाल की पुत्री इंदिरा, इंदिरा के पुत्र राजीव, राजीव की पत्नी सोनिया, सोनिया के पुत्र राहुल हैं ही नहीं.

मोदी ने शादी करी पर पत्नी छोड़ दी और बच्चे नहीं हुए. शाह

ने बेटे का कामधाम तो करा दिया पर वारिस नहीं बनाया क्योंकि असल में दोनों आरएसएस की देन हैं और उस के लीडर बहुत से गैरशादीशुदा ही रहे हैं. वे परिवारवाद को सहते हैं पर बढ़ावा नहीं देते.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...