हाल ही में मुंबई के पौश इलाके दादर की एक 40 वर्षीय महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उस के पति ने उसे बेटा पैदा करने के दबाव में 8 बार गर्भपात कराने को मजबूर किया. इस के साथ ही उस को 1,500 से अधिक हारमोनल और स्टेराइड इंजैक्शन दिए गए.

भारत में गर्भपात गैरकानूनी है, इसलिए उस का गर्भपात और उपचार बिना उस की सहमति के विदेश में करवाया. बेटे की ख्वाहिश में की जा रही इस मनमानी के खिलाफ आवाज उठाने पर उस के साथ मारपीट की.

पीडि़ता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि शादी के कुछ समय बाद ही पति ने वारिस के रूप में एक बेटे की जरूरत पर जोर दिया और जब ऐसा नहीं हो सका तो उस के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी. इसी वजह से विदेश में उस का 8 बार गर्भपात कराया. महिला के पिता सेवानिवृत्त जज हैं और उन्होंने अपनी बेटी का विवाह एक उच्च शिक्षित और प्रतिष्ठित परिवार में किया था. पीडि़ता के पति और सास दोनों ही पेशे से वकील हैं और ननद डाक्टर है.

2009 में पीडि़ता ने एक बच्ची को जन्म दिया. 2 साल के बाद 2011 में जब वह दोबारा गर्भवती हुई तो उस का पति उसे डाक्टर के पास ले गया और गर्भ में फिर से बेटी होने की खबर पा कर उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया.

आरोपी पति अपनी पत्नी को भ्रूण प्रत्यारोपित कराने ले गया और इस से पहले आनुवंशिक रोग के निदान के लिए बैंकौक भी ले कर गया. गर्भाधान से पहले भ्रूण के लिंग की जांच कर के उस का इलाज और सर्जरी की जा रही थी. इस के लिए पीडि़ता को 1,500 से अधिक हारमोनल और स्टेराइड के इंजैक्शन दिए गए. महिला की शिकायत के आधार पर पति के खिलाफ उत्पीड़न, मारपीट, धमकी और जैंडर सलैक्शन का केस दर्ज कर लिया गया.

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