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इंसपेक्टर शर्मा चौंके. नरेश से उस का क्या संबंध था, जो वह उस की मौजूदगी में भी उस के फ्लैट में पूरी रात रुकता था. लेकिन कोई आदमी भला किसी गैरमर्द को कैसे अपने फ्लैट में पूरी रात रुकने देगा? यह बात उन की समझ में नहीं आई. बस इतना ही समझ में आया कि किसी बात पर दोनों में तकरार हुई होगी, जिस की वजह से नरेश को जान गंवानी पड़ी. तकरार की वजह रुपया भी हो सकता था और ऐश्वर्या की खूबसूरती भी.

अब इंसपेक्टर शर्मा के सामने चुनौती थी सलीम का पता लगाना. वह भी इस तरह कि ऐश्वर्या को पता न लग सके. इंसपेक्टर शर्मा गार्ड को साथ ले कर वाराणसी आ गए. काफी सोचविचार कर उन्होंने एक चाल चली. वह सीधे ऐश्वर्या के फ्लैट पर पहुंचे और उसे बताया कि खूनी का पता चल गया है. एकदम से चौंक कर ऐश्वर्या ने पूछा, ‘‘कैसे, कौन है हत्यारा?’’

‘‘आप की कागज वाली बात सच निकली. मांगी गई रकम न मिलने पर नरेश के औफिस के एक कर्मचारी ने उस की हत्या की है.’’ झूठ बोल कर इंसपेक्टर शर्मा ऐश्वर्या के चेहरे पर आनेजाने वाले भावों को पढ़ने की कोशिश करते रहे. उन्होंने देखा, ऐश्वर्या के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच आई थीं. उन्होंने पूछा, ‘‘कातिल के पकड़े जाने से आप खुश नहीं हैं क्या?’’

‘‘क्यों नहीं, मैं तो बहुत खुश हूं.’’ ऐश्वर्या ने कहा, ‘‘क्या आप ने उस कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है?’’

‘‘नहीं, वह फरार है.’’ इंसपेक्टर शर्मा ने कहा. इस तरह उन्हें आगे की जांच के लिए समय मिल गया. इस के बाद उन्होंने सादे कपड़ों में ऐश्वर्या के घर की निगरानी के लिए सिपाहियों को लगा दिया. अगले दिन ही दोपहर के आसपास ऐश्वर्या अपने फ्लैट से निकली और मुख्य सड़क पर आ कर एक जगह खड़ी हो गई. थोड़ी देर में काले रंग की एक कार आई, जिस पर बैठ कर वह चली गई. कार में कौन था, यह सिपाही नहीं देख पाया. लेकिन उस कार का नंबर उस ने नोट कर लिया था. नंबर से पता चला कि वह कार किसी सलीम की थी. इस तरह सलीम का पता चल गया.

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