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‘‘नेहा इधर तो आ,’’ मां ने आवाज लगाई तो मोबाइल पर आंखें टिकाए नेहा सामने आ कर खड़ी हो गई.

‘‘इस बार तु झे पीरियड्स नहीं आए?’’

‘‘हां, आई गैस 20 डेज ऐक्स्ट्रा हो चुके हैं,’’ नेहा ने सहजता से जवाब दिया.

‘‘कल तेरा जी भी मिचला रहा था?’’

नेहा ने मोबाइल उठा कर रख दिया. मां जिस तरफ इशारा कर रही थी वह बात सम झते ही वह चौकन्नी हो गई. फिर कौन्फिडैंस के साथ बोली, ‘‘अरे, ये आप कैसी बात कह रही हैं मौम?’’

‘‘तु झे जानती हूं इसलिए कह रही हूं. आजकल वैसे भी तेरा ज्यादा समय किस के साथ गुजरता है इस की भी खबर है मु झे. बेटी इस मामले में शायद तू नादान है, लेकिन मेरी बात सम झ. मैं अभी जानना चाहती हूं कि सब ठीक है या नहीं. ऐसा कर अभी जा कर प्रैगनैंसी टैस्ट कर. ये मैं कल ले कर आई थी. मु झे तु झ पर कई दिनों से शक है,’’  मां ने उसे प्रैगनैंसी टैस्ट किट देते हुए कहा.

‘‘मौम आप अपनी बेटी पर शक कैसे कर सकते हो?’’

‘‘क्योंकि तेरी संगत गलत है. अब जा,’’ मां ने थोड़े नाराज स्वर में कहा.

नेहा टैस्ट करने चली गई. थोड़ी देर में ही मुंह लटका कर लौटी. वह सच में प्रैगनैंट थी.

‘‘अभी मेरे आगे संजय को फोन लगा और सारी बात बता कर पूछ कि क्या वह तु झ से शादी करेगा और इस बच्चे को अपनाएगा?’’ मां ने और्डर दिया.

‘‘पर मां उसे अभी अचानक फोन कैसे करूं. पता नहीं कहां होगा. मैं बाद में कर के बताती हूं,’’ नेहा ने टालना चाहा.

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