कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

दुबई जा कर मोहित ने एक घर किराए पर ले लिया था. मोहित को घर का खाना पसंद है. मोहित घर के काम नहीं कर सकता है. मगर, नवेली प्यार के कारण सारे काम बिना किसी शिकायत के करती रही थी. नवेली को लगता था, ऐसा करने से वह अपने प्यार को सीमेंट की  दीवार की तरह मजबूत बना रही है. वक्त के थपेड़े उस दीवार को चाह कर भी गिरा नही पाएंगे.

रात को सैक्स करते समय मोहित ने प्रोटेक्शन इस्तेमाल करने से मना कर दिया.

"क्या तुम मुझ पर शक करती हो?" मोहित गुस्से से बोला.

नवेली बोली नहीं, मगर मैं अभी मां नहीं बनना चाहती हूं.

मोहित बोला, "विश्वास रखो, मैं तुम्हें किसी मुसीबत में नहीं डालूंगा."

मगर जब नवेली के यूरिन में इंफेक्शन हो गया, तो डाक्टर ने कंडोम यूज करने की सलाह दी थी, मगर डाक्टर की सलाह के बावजूद भी मोहित प्रोटेक्शन यूज करने को तैयार न था.

"मैं तुम्हारे और अपने मध्य किसी तीसरे को बरदाश्त नहीं कर सकता."

नवेली को लगता कि क्या प्यार ये ही होता है?

जब नवेली ने ये बात मोहित के दोस्त की पत्नी अनुकृति को बताई, तो उस ने कहा, "अरे, मोहित पागल है क्या?

वह बस तुम्हें दबा रहा है."

जब रात में नवेली ने मोहित से बात करनी चाही, तो मोहित बोला, "अगर तुम मुझ पर शक करती हो, तो मैं आज से तुम्हें छुऊंगा भी नहीं."

एक हफ्ता हो गया था. मोहित नवेली से दूरदूर रहता. वह ऐसे जताता जैसे नवेली ने कोई अपराध कर दिया हो.

नवेली को लगता, जैसे उस ने कुछ गलत कर दिया हो और फिर नवेली ने ही माफी मांगी. मोहित ने कुछ नहीं

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...