नील मस्ती में गुनगुना रहा था,"मेरे रंग में रंगने वाली, परी हो या हो परियों की रानी..." तभी पीछे से उस की छोटी बहन अनु ने आ कर कहा, "भैया, शादी के बाद भी किसी से प्यार हो गया है क्या?"

नील बोला,"नहीं तो... पर गाना तो गा ही सकता हूं."

अनु मुसकराते हुए अंदर चाय बनाने चली गई. तभी घर के बाहर कार की आवाज सुनाई दी और अनु ने खिड़की से देखा, राजीव भैया और मधु भाभी आ गए थे.

अनु जब चाय ले कर कमरे में पहुंची तो राजीव भैया बोले,"अनु, मेघा भाभी नहीं आईं अब तक?"

अनु इस से पहले कुछ बोल पाती, मम्मी बोलीं,"अरे मेघा व्यस्त है. बैंक में बहुत काम चल रहा है. मुश्किल से ही रात में घर घुस पाती है, चेहरा एकदम से उतर गया है बेचारी का, काम के बोझ के कारण."

नील बरबस बोल उठा,"अरे मम्मी, बहू ही तुम्हारी काले मेघ जैसी है, तुम बेकार में ही काम को दोष दे रही हो."

तभी मेघा ने घर में कदम रखा और नील की बातें सुन कर वह एकदम से सकपका गई. नील खुद भी हंस पङा.

नील की मम्मी का माथा ठनका और बोलीं,"नील, हंसीमजाक करने का भी एक स्तर होता है."

नील बोला,"मम्मी, मेघा मेरी जीवनसाथी है, मेरे साथसाथ मेरे मजाक को भी समझती है."

कुछ देर बाद मेघा तैयार हो कर बाहर आ गई थी. गुलाबी सूट में वह बेहद ही सलोनी लग रही थी. पर नील बारबार मधु की तरफ देख रहा था.

राजीव नील का करीबी दोस्त था. अभी पिछले हफ्ते ही उन का विवाह हुआ था. मधु बेहद खूबसूरत थी पर
मेघा के तीखे नैननक्श भी कुछ कम नहीं थे.

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