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'हां, सीखा मैं ने जीना... जीना कैसे जीना... हां, सीखा मैं ने जीना मेरे हमदम...' नवनी एक प्रोजैक्ट रिपोर्ट में आंकड़े भर रही थी. पास ही रखे मोबाइल में बजते गाने पर उस के पांव भी ताल दे रहे थे. तभी अचानक गाना रुका और व्हाट्सऐप पर कुंतल का मैसेज का आया. लिखा था, 'लब्बू.' नवनी के होंठों पर मुसकान तैर गई. 'लव यू' को कुंतल 'लब्बू' ही लिखता है.

इस शब्द के पीछे भी एक बहुत रोचक घटना जुङी हुई है. हुआ यों कि एक रोज नवनी अपने एनजीओ के संयोजन में चल रहे कुटीर उद्योग में बने चने के स्पैशल पापड़ कुंतल को टैस्ट करवा रही थी. कुंतल चटखारे ले कर पापड़ खा रहा था और हाथ के इशारे से बता रहा था कि लाजवाब लग रहा है. तभी नवनी ने पापड़ का आखिरी टुकड़ा कुंतल के हाथ से छीन कर अपने मुंह में डाल लिया. कुंतल ने मजाकमजाक में उस से कहा था, “इस गुस्ताखी पर आप को सजा मुकर्रर की जाती है... 10 बार फटाफट बोलो... कच्चा पापड़... पक्का पापड़...” उस ने भी कुंतल के चैलेंज को स्वीकार कर के फटाफट “कच्चा पापड़ पक्का पापड़...” बोलना शुरू कर दिया था. 7वीं बार दोहराते समय जब उस के मुंह से “कच्छा पकड़ कच्छा पकड़...” निकलने लगा था तब कुंतल कितना जोर से खिलखिला कर हंसा था.

नवनी ने झूठमूठ मुंह फुलाने का नाटक किया था. कुंतल ने उसे प्यार से मनाते हुआ कहा था, “सौरी बेबी, आई लव यू.”

"ठीक है... तो फिर अब तुम फटाफट 10 बार इसे दोहराओ... “लव यू लव यू...” नवनी ने नाराजगी से मुंह घुमाते हुए कहा.

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