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फैमिली स्टोरी

मैं जहां हूं वहीं अच्छा हूं

अपनी विधवा मां के पुनर्विवाह के बाद विजय के साथ ऐसा क्या हुआ कि वह अपनी मां के घर में ज्यादा दिन टिक नहीं पाया. क्या उसे अपनी मां को किसी और पुरुष के साथ देखना बरदाश्त नहीं हुआ या बात कुछ और थी.

  • Digital Team
  • ,
  • Jan 19, 2023
भाग - 1

मेरी मां तो मेरी ही हैं, जो मेरा है उसे भला कैसे कोई छीन सकता है? लेकिन अफसोस भी इसी बात का है कि मां मेरी हो कर भी मेरी नहीं रह पा रही हैं.

भाग - 2

‘‘मुझे वहां रचबस कर क्या करना है मीरा? मेरे अपने पिता का घर है न मेरे पास... मेरी मां का घर है वह, उन्हें वहां रचनाबसना है और वह पूरी तरह रचबस भी गई हैं वहां.

भाग - 3

क्षण भर को लगा सब एक तरफ हो गए हैं और मैं अकेला एक तरफ. मैं ने मोनू को ताना मारा उस की मां का नाम ले कर?

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