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‘‘भैया ये आप की किताबें... शानिका ने दी हैं,’’ रागिनी किताबें मेज पर रखती हुई बोली. अपने स्टडीरूम में बुकशेल्फ पर किताबों को ठीक करते हुए देवेश ने पलट कर एक नजर मेज पर रखी गई किताबों पर डाली. फिर पूछा, ‘‘क्या शानिका आई थी आज यहां?’’

देवेश की आंखों की चमक रागिनी की नजरों से छिपी न रह सकी. बोली, ‘‘भैया, कालेज में दी थीं.’’

‘‘अच्छा,’’ कह कर देवेश फिर किताबों में उलझ गया. रागिनी पल भर खड़ी रह पलट कर जाने लगी तो एकाएक देवेश बोल पड़ा, ‘‘आजकल तेरी सहेलियां घर नहीं आती हैं... तू बुलाती नहीं है क्या अपनी सहेलियों को?’’

रागिनी पल भर के लिए देवेश का चेहरा पढ़ती रही, फिर धीरे से बोली, ‘‘सहेलियां या फिर सिर्फ शानिका?’’ ‘‘मैं ने ऐसा तो नहीं कहा...’’

‘‘कुछ भी न कहा हो भैया पर क्या मैं समझती नहीं कि शानिका का नाम ही आप की आंखों को चमक से भर देता है... चेहरे पर इंद्रधनुषी नूर बिखर जाता है.’’ देवेश ने कोई जवाब नहीं दिया. किताबों को ठीक करने में लगा रहा.

‘‘भैया,’’ कह रागिनी देवेश के पास जा कर खड़ी हो गई, ‘‘बहुत पसंद करते हो न शानिका को?’’ ‘‘नहीं तो... मैं ने ऐसा कब कहा,’’ देवेश हकलाती सी आवाज में बोला.

‘‘भैया खुद को संभाल लो ताकि बाद में धक्का न लगे... उस राह पर कदम न बढ़ाओ. आप तो जानते हो शानिका मेरी क्लास में पढ़ती है. अभी सिर्फ 19 साल की है. 3 भाइयों की छोटी बहन है... उस की शादी की तो अभी दूरदूर तक कोई बात नहीं है और आप... शानिका को मैं जानती हूं. वह आप को पसंद भी करे, तब भी वह इतनी सीधी लड़की है कि अपने पिता व भाइयों के खिलाफ कभी नहीं जाएगी. ऐसा उस का स्वभाव ही नहीं... उस के पिता एक विवाहित और 4 साल के बच्चे के पिता के हाथ में अपनी बेटी का हाथ कभी नहीं देंगे.’’ ‘‘रागिनी,’’ देवेश लगभग चीख पड़ा. वह हताश सा कुरसी पर बैठ गया. बोला, ‘‘क्यों याद दिलाती हो तू और मां मुझे वे सब कुछ... मेरा विवाह नहीं, बल्कि मेरे जीवन का एक भयानक हादसा था वह... शनी मेरा बेटा नहीं, एक बहुत बड़ी दुर्घटना है मेरे जीवन की जो पिताजी की जिद्द और मेरी मजबूरियों की वजह से मेरे जीवन में घटित हो गई. मैं तो बस इतना जानता हूं कि मेरी उम्र अभी 28 साल है और मेरे अधिकतर दोस्तों की अभी शादियां तक नहीं हुई हैं.’’ ‘‘मैं सब कुछ जानती हूं भैया और आप के दिल को भी समझती हूं. काश, आप को खुशी देना मेरे हाथ में होता तो खींच लाती शानिका को अपने भैया की जिंदगी में या फिर वे सब आप के जीवन में न घटा होता तो मेरे इस खूबसूरत और योग्य भाई की बात गर्व से करती शानिका से... कोई भी लड़की खुद पर इतराती आप को जीवनसाथी के रूप में पा कर.’’

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