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कराहती हुई ईमान बिस्तर के एक कोने से चिपक कर धीरे से लेट गई. आंसू अब भी कानों को गीला कर रहे थे. इस हादसे से ईमान बेहद डर गई. उस ने कभी अपने बुरे सपने में भी नहीं सोचा था कि उस का रेप हो सकता है और वह भी अपने ही घर में. हर रात जब ईमान सचिन की बलिष्ठ बांहों में सिमटती थी तो उसे कितना सुरक्षित लगता था पर आज जो हुआ वह किसी भी कोण से प्यार न था, वह थी हिंसा, वह था बदला, उसे उस की औकात दिखाई गई थी. आज ईमान की इतनी हिम्मत भी नहीं हो रही थी कि वह जोर से सांस ले सके. अपना दम थामे उस ने रात निकाल दी.

इस प्रकरण ने ईमान के भीतर एक कायरता को जन्म दिया. सुबह सचिन के उठने से पहले ही उठ कर उस ने नाश्ता तैयार कर दिया. न जाने कैसे सामना करेगी वह सचिन का. उस के उठने का इंतजार करने से बेहतर है कि वह किचन में काम निबटा ले.

तभी सचिन के उठने की आवाज से ईमान पुन: चौंक गई. हौले से पीछे मुड़ कर देखा तो सचिन चेहरे पर शर्मिंदगी के अनेकानेक भाव समेटे खड़ा था. आंखें जमीन में गढ़ी थीं.

मुख पर मलिन रंग ओढ़ सचिन बुदबुदाया, ‘‘मुझे माफ कर दो ईमान. मैं जानता हूं जो मैं ने किया वह माफी के लायक तो नहीं पर पता नहीं कल रात मुझे क्या हो गया था... तुम मेरे बौस को तो जानती ही हो. कल उस ने सारा दिन मेरा खून पीया, टीम मीटिंग में मुझे बेइज्जत किया... शायद इसी कारण कल रात मेरा दिमाग खराब हो गया था. प्लीज, प्लीज, मुझे माफ कर दो. आइंदा ऐसा कभी नहीं होगा,’’ सचिन तब तक माफी मांगता रहा जब तक ईमान पसीज न गई. सचिन ने क्षमायाचना में कोई कसर नहीं छोड़ी, ‘‘मेरा विश्वास करो, ईमान, आइंदा ऐसा कभी नहीं होगा.’’

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