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“एंड द विनर इज…….”

‘शीना, प्लीज प्लीज….शीना,’ एक अन्य प्रतिभागी का हाथ पकड़े खड़ी शीना मन ही मन कह रही थी. उस के चहरे पर घबराई हुई मुस्कान थी लेकिन दिल की धड़कनें इतनी तेज थीं कि लग रहा था मानो सीना चीरते हुए बाहर आ जाएंगी.

“एंड द विनर इज… मिस नेहा कौशिक,” नाम सुनते ही पूरा औडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया.

शीना ने चेहरे पर मुस्कान सजाए रखी और अपनी साथी प्रतिभागी को जीत की बधाई देने लगी. साथी प्रतिभागी को अब अन्य प्रतिभागियों ने भी घेरना शुरू कर दिया था. शीना फर्स्ट रनरअप आई थी, जीती होती तो इस समय शायद लोगों ने उसे घेरा हुआ होता.

अपनी मम्मी शोभा के साथ ओडिटोरियम से बाहर निकलते हुए शीना कुछ उदास दिख रही थी, सिर्फ इसलिए नहीं कि वह हार गई बल्कि इसलिए भी कि अब वह अपने दोस्तों के साथ घूमने नहीं जा पाएगी क्योंकि घूमने जाने की शर्त ही मम्मी ने यह रखी थी कि शीना मिस डीवा दिल्ली का यह कौंपीटीशन जीते.

“हे, हाय शीना, कौंगरेट्स यार,” शीना की कार के पास आ नेहा ने कहा.

“जीती तो तुम हो, फिर मु…” शीना आगे कुछ कहती उस से पहले ही उस की मम्मी ने उस की बांह पकड़ उसे चुप कराने का इशारा किया और कहने लगीं, “ओह, कोंगरेट्स नेहा, तुम ने भी काफी अच्छा परफोर्म किया.”

“अरे आंटी, थैंकयू, अब सब खूबसूरती का तो खेल नहीं होता, परफौर्मेंस भी माने रखती है, क्यों शीना?” नेहा ने शीना की तरफ देखते हुए कहा. “वैसे तुम्हें न थोड़ा पढ़नालिखना भी चाहिए, तुम्हारा जवाब तो बहुत ही बुरा था आज, हाहाहाह,” शीना के मुंह पर हंसती हुए नेहा निकल गई.

“कैसी छिपकली जैसी शक्ल है और कैंची जैसी जबान, जाने क्या देख कर क्राउन दे दिया इस को,” झल्लाकर शोभा ने कहा.

“जवाब सुन कर मम्मी. उस की बौडी भी कितनी पर्फेक्ट है और बाल देखे आप ने नैचुरली सुंदर दिखते हैं,” शीना ने उदास होते हुए कहा.

“इस बार डांस के साथसाथ तेरा सोशल साइंस का ट्यूशन भी लगवा देती हूं, अच्छेअच्छे जवाब दे पाएगी तभी,” शोभा ने कुछ सोचते हुए कहा.

“इतना बुरा जवाब था क्या मेरा?”

“बेटा, आप की प्रेरणा कौन है सवाल का जवाब ऐश्वर्या राय नहीं होता बल्कि कहा जाता है कि प्रेरणा मां है. जजेस को भावुक करने की जरूरत होती है. जहां कोई जवाब न आए वहां मां को घुसा दो, बस हो गया काम. बचपन से समझाया है फिर भी आखिर में ऐश्वर्या राय बोल कर आ गई. इतनी सुंदर शक्ल के साथ थोड़ी बुद्धि भी होती तो बात बन जाती.”

“मम्मी आप न मेरा हौसला तोड़ रही हो.”

“लोगों की माएं उन के सपने तोड़ती हैं, मैं तो फिर भी बस हौसला तोड़ रही हूं,” शोभा ने कहा और कार में जा बैठ गई. शीना भी कार में बैठी और दोनों घर के लिए निकल गईं.

शीना को 7 साल की उम्र से ही उस की मम्मी छोटेमोटे ब्यूटी पेजैंट्स में ले जाती रही हैं. अधिकतर ब्यूटी पेजैंट्स उस ने जीते ही हैं. उस के पापा डाक्टर हैं तो अपनी बेटी को भी पढ़ाई में आगे जाता देखना चाहते थे, लेकिन शोभा अपनी बेटी की खूबसूरती को यों व्यर्थ करने के पक्ष में नहीं थी. उस का कहना था कि उस की बेटी ऐश्वर्या न सही जुही चावला ही बन जाए, मिस वर्ल्ड का न सही तो एक दिन मिस इंडिया का टाइटल तो लाए.

पेजैंट्स और कुछ शूट्स से जो पैसे मिलते वे सब शोभा के पास ही रहते थे. शीना के पापा और मम्मी की अरेंज मैरिज हुई थी तो ‘शादी के बात भी प्यार हो जाता है’ का नुक्ता यहां नहीं चल पाया था और शोभा के लिए अपने पति के साथ रहना उन्हें झेलना भर था. शोभा बचपन से ही मौडल बनना चाहती थी लेकिन मम्मीपापा के ‘लोग क्या कहंगे’ के तर्क का जवाब नहीं दे पाई. कालेज के सेकंड ईयर में ही जिस लड़के से प्यार था उस से शादी करने के लिए मम्मीपापा से खूब लड़ाई की थी. नतीजा यह हुआ कि मम्मीपापा तो नहीं माने लेकिन शोभा के लिए उन के मन में जो प्यार था वो उस के प्रेमकांड के चलते कम हो गया.

कालेज का प्यार तो कालेज तक ही रहा लेकिन थर्ड ईयर में अच्छे नंबरों ने भी शोभा से मुंह मोड़ लिया. किसी अच्छे कालेज में मेरिट के आधार पर एडमिशन की नौबत तो आने से रही और इस गम में एंट्रैन्स में भी वह कुछ खास कर नहीं पाई. मम्मी के अनुसार, कालेज में जो गुल खिलाएं हैं उस के लिए अब आगे की पढ़ाई के लिए घर से तो पैसा मिलेगा नहीं, शादी करो और ससुराल जाओ. हुआ भी यही, जल्द से जल्द शादी की गई और दूसरे ही साल शीना ने जन्म ले लिया. पति से शोभा की कभी बनी नहीं, सो, शीना का एकएक खर्च उस के पापा के ऊपर था और शीना की खूबसूरती से आए पैसे शोभा के खर्च के लिए थे. क्योंकि कुछ हो न हो शोभा में स्वाभिमान तो खूब था.

घर पहुंच कर थकी हारी शीना सीधा अपने कमरे में जा लेट गई. उस ने आंखें बंद ही की थीं कि बाहर से मम्मी पापा के झगड़ने की आवाजें आने लगीं. पापा शीना के कालेज जाने की बात कर रहे थे और मम्मी का कहना था कि वह कालेज जाएगी तो डांस क्लास, सिंगिंग क्लास, जिम और शूट्स पर कौन जाएगा.

आवाजों के बीच शीना को धीरेधीरे नींद ने अपनी आगोश में घेर लिया.

अगली सुबह वह अपने कमरे से नीचे ब्रेकफास्ट के लिए आई तो मम्मी मुंह फुलाए बैठी थीं और पापा के चेहरे पर संतुष्टि की लकीरें छाई हुई थीं.

“शीना,” पापा ने कहा.

“हां, पापा,” शीना ने जवाब दिया.

“तुम्हारा फर्स्ट ईयर दो महीने पहले ही स्टार्ट हो चुका है और तुम ने उस के लिए कोई पढ़ाई स्टार्ट नहीं की है न ज्यादा क्लासेज ली हैं, तो कल से तुम रोज कालेज जाओगी और सुबह जिम, कालेज से आ कर डांस और सिंगिंग क्लास. जो एक दो शूट्स हों उन्हें वीकेंड में कर लेना. इस से आगे मुझे कुछ नहीं सुनना है.”

“ओके पापा, पर मम्मी….”

“मम्मी के कहने से कुछ नहीं होता, एक दो साल पढ़ लोगी तो कुछ नहीं बिगड़ेगा,” पापा ने कहा.

“कैसे नहीं बिगड़ेगा, कालेज में मटरगश्ती करेगी, धूप में रंग पक्का कर आएगी और पता नहीं कैसेकैसे लोगों से मिलेगी. वैसे भी मेरी बेटी सेलेब्रिटी है, ऐसे आम लोगों के साथ उठनाबैठना करेगी तो….” शोभा मुंह मटकाते हुए गुस्से में बड़बड़ाए जा रही थीं.

“तो क्या? कोई सेलेब्रिटी नहीं है तुम्हारी बेटी, दो तीन पत्रिकाओं में फोटो आ जाने से कोई सेलेब्रिटी नहीं हो जाता, इसे इतना सिर पर मत चढ़ाओ.”

“पापा, अगले महीने कालेज से ट्रिप जा रही है मैं भी जाऊं?” शीना ने मौके का फायदा उठाते हुए कहा.”

“नह…” मम्मी बोलने वाली ही थीं कि पापा ने कह दिया, “हां चले जाना.”

शीना का तो आज दिन ही बन गया था. दिन भर वह फेसपैक, हेयर मास्क, नेलपेंट आदि लगाने में व्यस्त थी. अब वह आखिर कालेज जाने वाली थी वो भी रोज. मम्मी पापा की बात इतनी जल्दी मान कैसे गईं यह उसे अब तक समझ नहीं आया था लेकिन जो भी था उसे खुशी खूब हो रही थी.

 

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