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‘‘रूपा जल्दी आओ.’’ ‘‘वन मिनट प्लीज.’’ रोहन भुनभुना उठा, ‘‘वन मिनट, वन मिनट करते हुए आधा घंटा हो गया.’’ अम्मां सम  झाते हुए बोलीं, ‘‘धीरज रखो. लड़कियों को सजने में देर लगती है.’’
‘‘अम्मां जाम में फंस गए तो होगा यह कि होस्ट ही आखिर में पहुंचेगा.’’

रूपा तैयार हो कर अपने कमरे से निकली. उस ने अम्मां का हाथ पकड़ा और गाड़ी में जा कर बैठ गई. रोहन उसे अपलक निहारता रह गया. लाल साड़ी में वह बहुत सुंदर लग रही थी. वह तेजी से गाड़ी चला कर होटल पहुंचा. वहां लोगों का आना शुरू हो चुका था.

आज उस ने होटल अशोक में शानदार पार्टी का आयोजन किया था. यह उस की ऐडवर्टाइजिंग कंपनी का वार्षिक समारोह था. साथ ही उसे अपनी पत्नी रूपा को सब से मिलवाना था. यह उस के लिए दोहरी खुशी का दिन था.

रोहन माइक पकड़ कर बोला, ‘‘माई डियर फ्रैंड्स, आज खुशी के अवसर पर मैं आप सब के सामने बड़े भाई जैसे दोस्त समीर का सच्चे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मु  झे जीने की राह दिखाई. मैं निराश हो कर टूटे हुए दिल से पुणे आया था, लेकिन उन की मदद से यह कंपनी बनाई और आप के सहयोग से आज हम कहां हैं आप सब जानते हैं. और ये हैं मेरी पत्नी रूपा जो मेरे बगल में खड़ी हैं. इन्हें मैं आप सब से मिलवाना चाह रहा था, जिस के लिए आज का दिन मु  झे उपयुक्त लगा.

रोहन का दोस्त ऋषभ बोला, ‘‘क्यों यार, बड़े छिपे रुस्तम निकले, शादी कर ली, लेकिन किसी को हवा भी नहीं लगने दी.’’ हिमांशु उस के कान में फुसफुसाया, ‘‘बहुत सुंदर है भाभी, कहां छिपा रखी थी?’’
वह हंस पड़ा. ज्ञान बोला, ‘‘रोहन तू बड़ा लकी है. चमकता हुआ बिजनैस और दमकती हुई बीवी दोनों एकदूसरे के लिए ही बने हो.’’

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