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रविवार की रात तीनों सहेलियां खूब ढंग से तैयार हुई थीं. वंशिका की पिंक कलर की साड़ी उस की ही रंगत में मिलजुल गई थी. वहीं कृतिका महरून रंग के पैंट सूट में बेहद मोहक लग रही थी. उस ने अपने बालों को ऐसे ही खोल दिया था और आंखों को काजल से बांध कर एकदम कमनीय बना दिया था. वहीं आरोही ने गाउन पहना था. प्रिंस टाइम से आ गया था और तीनों के लिए छोटेछोटे गिफ्ट लाया था.

वह जब डिनर कर के वापस गया तो तीनों का दिल अपनी मुट्ठी में बंद कर के चला गया था. अब चारों एकसाथ लंच करते थे. तीनो सहेलियों में प्रिंस को इंप्रैस करने का कंपीटिशन चल रहा था और जिस कारण तीनों आजकल एकदूसरे से कटीकटी रहने लगी थीं.

तीनों सहेलियां जो पहले रसोई से दूर भागती थीं, अब प्रिंस के लिए नित नई डिश बना कर लाती थीं. प्रिंस को भला क्या आपत्ति हो सकती थी. उसे तो इतनी इंपौर्टैंस कभी नहीं मिली थी. प्रिंस की गर्लफ्रैंड ने इंजीनियर का रिश्ता मिलते ही उसे टाटा कर दिया था.

प्रिंस प्रशासनिक सेवा की तैयारी ही कर रहा था पर जब 2 प्रयासों के बाद भी सफल नहीं हो पाया केंद्रीय स्कूल में चयन होते ही वह यहां चला आया. आज प्रिंस लैसन प्लान बनाने का प्रयास कर रहा था कि तभी आरोही आई और बोली, ‘‘यह मैं कर दूंगी. तुम परेशान मत हो.’’ प्रिंस बोला, ‘‘तुम सच मे बहुत प्यारी हो, आज मेरी तरफ से तुम्हें ट्रीट मिलेगी, कहीं बाहर चलोगी?’’

आरोही बेहद खुश हो गई. उस ने जानबूझ कर यह बात कृतिका और  वंशिका से छिपा ली क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि आज की मुलाकात फिर से कोई फ्रैंड्स का गैटटूगैदर बन जाए. अगर प्रिंस को सब को ले चलना होता तो वह अवश्य बोलता.

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