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कपिल बच्चों पर बिना बात के चिल्लाता रहता. वंदिता की बातबात में इंसल्ट करता. खाने की थाली उठा कर फेंक देता. वंदिता ने दिल्ली में रहने वाले अपने भाई और मां से यह दुख शेयर किया तो उन्होंने फौरन कपिल को छोड़ कर आने की सलाह दी. वे बेहद नाराज हुए. उन्होंने कपिल से बात की तो कपिल ने उन की खूब इंसल्ट करते हुए जवाब दिए. संजय और साक्षी सब जान चुके थे. दोनों ने गुस्से में कपिल से बात करना बंद कर दिया था.

उस दिन वंदिता ने सारी स्थिति पर ठंडे दिमाग से सोचा. हर बात पर बारीकी से ध्यान दिया. उस ने सोचा कपिल को छोड़ कर मायके जाना तो समस्या का हल नहीं है. वह कोई नौकरी तो करती नहीं है... वहां जा कर भाई और मां कितने दिन खुशीखुशी उसे सहारा देंगे और वह स्वयं को इतनी कमजोर, मजबूर क्यों सम झ रही है? कपिल बेवफाई कर गया, इस की सजा वह क्यों परेशान, दुखी रह कर भुगते? वह क्यों अपनी हैल्थ इस धोखेबाज के लिए खराब करे और बच्चे? दोनों सुबह के गए रात को आते हैं. व्यस्त हैं, अपने पैरों पर खड़े हैं. नई जौब है. कपिल से नाराज रह कर उन का काम चल ही रहा है. कपिल अपनी ऐयाशियों में मस्त है, सिर्फ वही क्यों इस पीड़ा का दंश सहे?

वह 12वीं कक्षा तक के बच्चों को मैथ की ट्यूशन पढ़ती थी. पूरी सोसाइटी में उस के जैसी मैथ की टीचर नहीं थी. बच्चों से घिरी इतने रोचक ढंग से पढ़ाती कि बच्चों को मैथ जैसा विषय कभी मुश्किल ही न लगता उन के पेरैंट्स भी बहुत खुश रहते. मैथ की ट्यूशन की फीस भी उसे अच्छी मिलती. दिन के 4 घंटे तो उस के ट्यूशन में ही बीतते थे. अपनी जरूरतों के लिए वह इन पैसों को आराम से खर्च करती. नहीं,

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