"आज का पेपर पढ़ा आप ने?" सुलक्षणा अपने पति दर्शन से बोली.

"हां, सुबह पढ़ा था. कोई खास खबर है क्या?" दर्शन औफिस से आ कर चाय का कप उठा कर तीन सीटर सोफे पर बैठते हुए बोला.

"वो कामिनी देवी वाली खबर पढ़ी?" सुलक्षणा ने दूसरा प्रश्न किया.

"नहीं, मैं ने नहीं पढ़ी... कामिनी देवी वही ना, मशहूर कारोबारी रति प्रसादजी की पत्नी," दर्शन ने पूछा.

"हां, वही... आज एक खोजी पत्रकार ने खुलासा किया कि उन का एक 28 साल के एक युवक के साथ संबंध थे," सुलक्षणा कुछ झिझकते हुए बोली.

"अरे, इस में हैरानी कैसी? हो जाते हैं कई बार ऐसे संबंध," दर्शन बोला.

"पर, कामिनीजी की उम्र 42 साल है और रति प्रसादजी भी साउंड फिजिक वाले व्यक्ति हैं," सुलक्षणा दोनों की उम्र का रहस्य खोलते हुए बोली.

"ऐसी कोई कमी तो नहीं लगती उन में. स्त्रीपुरुष के व्यक्तिगत संबंधों में रूपरंग, कदकाठी जैसी चीजें माने नहीं रखती हैं, बल्कि अहम बात जो माने रखती है, वह है दोनों के बीच आपसी समझ और उस से मिली संतुष्टि," दर्शन सुलक्षणा को समझाते हुए बोले.

"यह क्या कोई खाने का व्यंजन है, जो खाने के बाद संतुष्टि देगा," सुलक्षणा मजाक में बोली.

"यह खाने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. खाए गए व्यंजन का स्वाद तो कुछ समय बाद समाप्त हो जाता है, लेकिन एक बार मिली सही तरह की संतुष्टि अगले कई दिनों तक याद रहती है. और उसी संतुष्टि को पुनः पाने के लिए फिर से संबंध स्थापित किए जाते हैं. यही संतुष्टि पतिपत्नी के बीच संबंधों को बनाए रखती है और दोनों के बीच प्रेम बढ़ाने में सहायक सिद्ध होती है," दर्शन समझाता हुआ बोला.

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