एक मां का प्रेम कई रूपों में प्रकट होता है और उस का एहसास हर इनसान करता है. मगर उस प्रेम को क्या कहा जाए, जब मां अपनी बेटी की संतान को अपनी कोख से जन्म दे कर उसे मातृत्व का उपहार दे?

फरवरी, 2011 में शिकागो में जन्मे फिन्नेन के जन्म की कहानी कुछ ऐसी ही कुतूहल भरी है. लाइफकोच और राइटर कोनेल उन की जैविकीय मां हैं, मगर उन्हें जन्म देने वाली मां उन की अपनी नानी हैं. दरअसल, 35 वर्षीय कोनेल इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रही थीं. ऐसे में उन की 60 वर्षीय मां क्रिस्टीन कैसे, जो 30 साल पहले 3 बेटियों को जन्म दे कर मेनोपौज की अवस्था पार कर चुकी थीं, ने बेटी की संतान हेतु सैरोगेट मदर बनने की इच्छा जाहिर की.

हारमोनल सप्लिमैंटेशन के बाद सैरोगेसी के जरीए क्रिस्टीन ने कोनेल और उन के पति बिल की संतान को अपनी कोख से जन्म दिया. 7 पाउंड का यह बेहतरीन तोहफा आज 5 साल का हो चुका है, जो मां और बेटी के बीच पैदा हुए एक खूबसूरत बंधन की नाजुक निशानी है.

दरअसल, मातृत्व एक औरत के जीवन का बेहद खूबसूरत एहसास होता है. अपने नन्हे बच्चे की तुतलाती जबान से अपने लिए मां शब्द सुन कर उसे लगता है जैसे वह पूर्ण हो गईर् हो. लेकिन जो महिलाएं किसी तरह की शारीरिक परेशानी की वजह से मां नहीं बन पाती हैं, उन के लिए विज्ञान ने सैरोगेसी के रूप में एक नया रास्ता निकाला है.

इस की जरूरत तब पड़ती है जब किसी औरत को या तो गर्भाशय का संक्रमण हो या फिर किसी अन्य शारीरिक दोष के कारण वह गर्भधारण में सक्षम न हो. ऐसे में कोईर् और महिला उस दंपती के बच्चे को अपनी कोख से जन्म दे सकती है.

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