इस बार भारत 75 वीं स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है, लेकिन देश की जनता दुखी है, क्योंकि महामारी ने हर परिवार के किसी अपने को खोया है. आज समस्या और महंगाई दोनों ही आसमान छू रही है. 7 दशक बीत चुके है, लेकिन विकास जितनी होनी चाहिए थी, उतना नहीं है. देखा जाय, तो इतना समय विकास के लिए काफी होता है. इतने सालों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था, स्वास्थ्य की सुविधाएं आदि में विकास की मात्रा काफी कम है. जब देश अंग्रेजों के गुलाम था, तब लगता था कि देश आजाद होने पर देश की जनता भी आजाद होगी और वो सबकुछ उन्हें जिंदगी में मिलेगी, जिसके लिए हजारों ने अपनी जान गवाई और शूली पर चढ़े है,लेकिन आजादी के बाद हर चीज की समस्या आज भी है, जो दुःख की बात है.

कोविड महामारी ने देशवासियों को देश का असली चेहरा दिखा दिया है. अस्पताल की बेड से लेकर, दवाइयों की किल्लत, ऑक्सीजन की कमी, क्रीमेशन के लिए शवों की लम्बी कतारें आदि न जाने कितनी ही समस्या एक के बाद एक आती दिखाई पड़ी, जिससे देश की दुर्दशा को सारा विश्व ने देखा. इससे अर्थव्यवस्था चरमरा गयी, लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए, उन्हें  भरपेट खाना मिलना भी मुश्किल हो गया. भारत अब गरीब देश की श्रेणी में आ चुका है. इस आज़ाद देश में रहते हुए भी आज भी देशवासी अपनी बात कहने की आज़ादी उतनी नहीं है, जितनी होने की जरुरत है,क्योंकि आज के यूथ अपनी आवाज सोशल मीडिया पर अवश्य उठाते है,लेकिन उन्हें सोशल मीडिया पर लॉक कर दिया जाता है.हांलाकि भारत सबसे बड़ी डेमोक्रेटिक कंट्री हैऔर इस तरह की पाबंधियाँ देश को आगे बढ़ने से रोकती है. आज शायद आजादी की परिभाषा अलग है. कैसे अब देशवासी इससे निकलकर एक अच्छी जिंदगी जी सकेंगे? कैसे वे खुद को आजाद कहेंगे? ऐसे कई बातों पर सेलेब्रिटीस ने अपनी खट्टी-मीठी राय ज़ाहिर की है, आइये जाने, आज़ादी उनके लिए क्या है.

पारुल चौधरी

 

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सीरियल ‘भाग्यलक्ष्मी’ फेम अभिनेत्री पारुल का कहना है कि आज़ादी मेरे लिए सबकुछ है, क्योंकि अगर किसी ने मुझे अपने ही देश में लॉक कर दिया, तो मैं कही भी अपनी इच्छा से घुम फिर नहीं सकती, जिस काम को करना चाहती हूं, उसे नहीं कर पाती और मेरे पहनावे पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाता. मेरे हिसाब से किसी भी मानव के लिए आज़ादी सबसे बड़ी होती है. केवल फिजिकल आज़ादी ही नहीं, बोलने की भी आज़ादी होनी चाहिए, जो हमारे देश में मिली है.

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जब मैं आज़ादी लाने वाले महान व्यक्ति की कहानियों को पढ़ती हूं, तो पता चलता है कि ऐसे महान व्यक्तियों ने इसे पाने के लिए अपने परिवार, समाज और खुद की बलिदान देने में ज़रा भी संकोच नहीं किया, उनके त्याग का फल हमें मिला है. आज मैं कही भी जा सकती हूं, अपनी मर्ज़ी से हर काम कर सकती हूं. आज़ादी अनमोल है, इसे व्यक्ति किसी भी हालत में किसी दूसरे से एक्सचेंज नहीं कर सकता.

हरजिंदर सिंह

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वेब सीरीज में अभिनय करने वाले हरजिंदर सिंह कहते है कि आजादी मतलब हर काम में पारदर्शिता का होना, कुछ भी कहने, सुनने या लिखने पर आलोचनात्मक आँखों का डर न होना,कहीं जाने पर किसी जाति, धर्म और रंग भेद का सामना न करना पड़े और सामाजिक स्वीकारिता मिले.

7 दशक की आज़ादी के बाद आज भी मैं अनुभव करता हूं कि सामाजिक अंगीकरण और सामाजिक एंग्जायटी के बीच में हम सब फंसे हुए है. किसी भी सूरत में अगर देश को इन गन्दी विचारों से छुटकारा मिले , तो उसे ही मैं रियल फ्रीडम मानता हूं.

सलीम दीवान 

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फिल्मों और म्यूजिक विडियो में अभिनय करने वाले सलीम दीवान कहते है कि मेरे हिसाब से आज़ादी एक कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति को बात करने, एक्ट करने और खुश रहने के अवसर, बिना बाहरी प्रतिबन्ध के मिले. ये बहुत जरुरी है, क्योंकि यही व्यक्ति की क्रिएटिविटी को बढाती है, ओरिजिनल विचार को एनहांस करती है और एक अच्छी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है.

अंग्रेजों से फ्री होने के 7 दशक बाद आज भी हमें गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता,पक्षपात की भावना आदिकई चीजों से आजादी नहीं मिली है. इन सबसे आज़ादी मिलने के बाद ही कोई खुद को स्वतंत्रत समझ सकता है और आज़ादी की अच्छाइयों का आनंद ले सकता है. मेरी कामना है कि आने वाले समय में देश इन सबसे आज़ाद हो जाय, क्योंकि इन सबकी वजह से देश के विकास में समस्या आती है और अब ये एक बीमारी की तरह चिपकी हुईहै.

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जय सिंह

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धारावाहिक ‘इश्क पर जोर नहीं’ फेम अभिनेता जय सिंह कहते है कि आज़ादी वह है, जिसमें व्यक्ति को अपनी मर्ज़ी से जीने, खाने, घूमने और सीखने की आज़ादी हो. इस प्रकार आज़ादी के माइने कई है, जो जीवन के अलग-अलग पहलू में अलग-अलग तरीके से प्रयोग किये जाते है. आज़ादी केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह देश के हर नागरिक का सम्मान करने से है, जो उसे देश से मिलती है. मुझे ख़ुशी होती है कि 74 साल से हम आजाद हो चुके है और 75 वीं स्वतंत्रता दिवस मना रहे है. देश की जनता काफी सालों से स्पीच की आजादी और कुछ मौलिक अधिकार को एन्जॉय कर रही है, जो हमें एक अच्छी लाइफस्टाइल दे रही है.

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