एरियल ऐक्सरसाइज को ऐंटीग्रैविटी फिटनैस के नाम से भी जाना जाता है. इस में कसरत का अभ्यास हवा में लटकते हुए किया जाता है. इस ऐक्सरसाइज को करने के लिए सब से पहले किसी कपड़े को बराबरी और बड़ी मजबूती से छत आदि से बांध दिया जाता है और फिर उस कपड़े को शरीर पर लपेट कर अलगअलग ऐक्सरसाइज पोज किए जाते हैं. लेकिन यह एरियल फिटनैस होती क्या है? इस से फायदा क्या होता है? क्या फिटनैस का यह ट्रैंड फीमेल्स के लिए फायदेमंद है? इस सब के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है.

ऐक्रोबैटिक फील

फिल्म स्टार टाइगर श्रौफ के पर्सनल कोच और फिटनैस कंसल्टैंट जिले सिंह ने बताया, यह एक तरह का स्किल है. जैसे आप साइकिल चलाना सीखते हैं और फिर उसे ऐंजौय करते हैं, वैसे ही इस में थोड़ा थ्रिल होता है और थोड़ा फन होता है. इस में हम हवा में लटक कर ग्रैविटी के अगेंस्ट जा कर ऐक्सरसाइज के अलगअलग पोज करते हैं.

‘‘इस फौर्म में हम एक सिल्क कपड़ा इस्तेमाल करते हैं, जो नायलौन नायक्रा से बना होता है और काफी मजबूत रहता है. यह कपड़ा काफी फ्लैक्सिबल भी होता है. इस से बौडी में कोई ?ाटका नहीं लगता है.

‘‘टीनएज लड़कियों के लिए यह बेहतरीन ऐक्सरसाइज है. यह उन की बौडी के हारमोनल डिसबैलेंस को ठीक करती है. उन के ग्रोथ हारमोन अच्छे से बनते हैं. यह माहवारी चक्र को सही रखती है और इस से स्किन ग्लो करती है. इस ऐक्सरसाइज से बौडी खिंचती है तो यह कद बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है.’’

ताकि फिट रहें आप

फरीदाबाद की रेडियोलौजिस्ट डाक्टर कुलवीन वाधवा ने खुद को फिट रखने के लिए इसी एरियल ऐक्सरसाइज को ऐक्सपीरियंस को शेयर किया. उन्होंने बताया, ‘‘जब मैं ने यह ऐक्सरसाइज शुरू किया थी, तब मेरे करीब हर बौडी जौइंट में जकड़न थी. अगर बौडी की स्टिफनैस दूर करनी हो तो एरियल ऐक्सरसाइज बहुत अच्छा औप्शन है. जो लोग घुटनों के दर्द की वजह से फ्लोर पर ऐक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, वे इस स्टाइल को ट्राई कर सकते हैं. इस में बैलेंस और फोकस का बहुत ही अच्छा मेल है.

‘‘प्रैगनैंसी और डिलिवरी के बाद बहुत सी महिलाओं का पैल्विक एरिया बहुत डिस्ट्रौय होता है. किसी महिला की पैल्विक और बैक मसल्स कमजोर हों तो उस में घुटने और एंकल की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है. अगर एरियल ऐक्सरसाइज को इन समस्याओं पर फोकस कर के किया जाए तो बहुत फायदा मिलता है. फिर हिप (कूल्हे) और नी (घुटने) रिप्लेसमैंट की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

‘‘अगर कोई ऐक्सरसाइज की इस तकनीक को अपनाना चाहता है तो वह यह ध्यान रखे कि कहीं उसे चक्कर तो नहीं आते हैं. सर्वाइकल की समस्या है, तो वे इसे करने से बचें.

‘‘एक बात और कहूंगी कि ऐक्सपर्ट की निगरानी में एरियल ऐक्सरसाइज करने का खर्च थोड़ा ज्यादा पड़ जाता है क्योंकि अभी यह बहुत कम जगह पर ही उपलब्ध है. ज्यादा सैंटर खुलने पर आम लोग भी इसे अपना सकेंगे.’’

ऐक्सरसाइज शुरू करने से पहले

ऐक्सपर्ट ट्रेनर के मुद्दे पर जिले सिंह ने बताया, ‘‘एरियल ऐक्सरसाइज को सिखाने के लिए ट्रेनर को बड़ा ऐक्सपीरियंस होना चाहिए. आप कम से कम 3 महीने का कोई कोर्स कर सकते हैं. इस में ट्रेनर को यह सीखना होता है कि ऐक्सरसाइज करने वाला गलतियां कहां करता है, साथ ही यह भी बताना होता है कि रिस्क कैसे कम होगा. जरा सी लापरवाही से बड़ा हादसा भी हो सकता है. जिस छत से आप ने हैमोक लगा रखा है, उस में फासनर अच्छे से लगे हुए हैं या नहीं, यह जांचना बहुत जरूरी है.

‘‘एरियल ऐक्सरसाइज करते हुए किसी तरह की ज्वैलरी न पहनें. कपड़ों में किसी तरह की जिप या बटन या फिर नुकीली चीज न हो.’’

2006 से फरीदाबाद के ‘मौडर्न दिल्ली इंटरनैशनल स्कूल’ में जिम्नास्टिक टीचर सुनीता ने बताया, ‘‘एरियल ऐक्सरसाइज करने से पहले और बाद में कुछ समय तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए. खाली पेट इस का रिजल्ट ज्यादा अच्छा मिलता है. इस ऐक्सरसाइज को करने के लिए कपड़े आरामदायक होने चाहिए ताकि पोस्चर एकदम सही रहे. हमेशा आसान ऐक्सरसाइज से थोड़ा मुश्किल ऐक्सरसाइज की तरफ जाएं. सब से जरूरी बात यह कि अपने रूटीन को तोड़ें नहीं.’’

एरियल ऐक्सरसाइज फिटनैस का नया ट्रैंड है और इस में ऐक्साइटमैंट भी ज्यादा है. अगर आप फन के साथसाथ खुद को फिट रखना चाहती हैं, तो इसे ट्राई करने में कोई हरज नहीं है.

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