यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन (यूटीआई) एक आम बीमारी है. इस बीमारी से दुनियाभर के लाखों लोग ग्रस्त हैं. यह बीमारी तब होती है जब बैक्टीरिया मूत्रपथ में प्रवेश करते हैं. इस से असहज लक्षण और संभावित मुश्किलें होती हैं. यूटीआई का इलाज संभव है. लेकिन रोकथाम इस बीमारी में बहुत महत्त्वपूर्ण है. यूटीआई को प्रभावी ढंग से रोकने और मैनेज करने के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में जानना जरूरी है.

यूटीआई की रोकथाम के लिए क्या करें

  1. हाइड्रेट रहें

यूटीआई को रोकने का सब से सरल और सब से प्रभावी तरीकों में से एक है पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहना. खूब पानी पीने से मूत्रपथ से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है और मूत्र पतला हो जाता है जिस से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. अगर आप शारीरिक गतिविधि करते हैं या गरम जलवायु में रहते हैं तो प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने जरूर पीएं.

2. अच्छी साफसफाई रखें

को रोकने के लिए अच्छी साफसफाई करनी चाहिए. शौचालय का उपयोग करते समय गुदा क्षेत्र से बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग तक पहुंचने से रोकने के लिए हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछना चाहिए. इस के अलावा प्राइवेट पार्ट को साफ और बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए नियमित रूप से नहाएं.

3. ब्लैडर को नियमित रूप से खाली करें

बैक्टीरिया को जमा होने से रोकने के लिए ब्लैडर (मूत्राशय) को नियमित रूप से खाली करना जरूरी है. लंबे समय तक यूरिन न रोके रहें क्योंकि इस से बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है.  पेशाब महसूस होने पर पेशाब करें और हर बार मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करें.

सैक्सुअल इंटरकोर्स से पहले और बाद में पेशाब करें: सैक्स करने से पहले और सैक्स करने के बाद पेशाब करने से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है. ऐसा करने से सैक्स के दौरान मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया प्रवेश नहीं कर सकते हैं. महिलाओं को खासकर ऐसा करना चाहिए. उन का मूत्रमार्ग छोटा होता है और उस में बैक्टीरिया के जाने की संभावना ज्यादा होती है. इस के अलावा सुरक्षित सैक्स करने से यूटीआई के खतरे को और कम किया जा सकता है.

4. ब्रीथेबल अंडरगार्मैंट्स पहने

ब्रीथेबल कपड़ों से बने अंडरवियर पहनें जैसे कौटन से बने कपड़े. इन से प्राइवेट पार्ट (जननांगों) में हवा जा पाती है और जननांग क्षेत्र सूखा रहता है. टाइट फिटिंग कपड़ों और सिंथैटिक मैटीरियल से बने कपड़े न पहनें क्योंकि इन में नमी रह जाती है और बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं.

 यूटीआई रोकथाम के लिए क्या न करें

पेशाब ज्यादा देर तक न रोकें: लंबे समय तक पेशाब को रोकने से यूरीनरी स्टैसिस (मूत्र संबंधी ठहराव) हो सकता है, मतलब मूत्र मूत्राशय में स्थिर रह सकता है, जिस से बैक्टीरिया पनपने में मदद मिलती है. जब आप को पेशाब करने की इच्छा महसूस हो तो अपने मूत्राशय को खाली करने की आदत बना लें और टौयलेट जाने में देरी न करें.

बहुत ज्यादा हार्श पर्सनल हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें: प्राइवेट पार्ट में हार्श साबुन, सुगंधित प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से बचें.  ये प्रोडक्ट्स बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को बाधित कर सकते हैं और मूत्रमार्ग में परेशानी पैदा कर सकते हैं, जिस से यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे प्रोडक्ट्स के बजाय हलके, खुशबू से मुक्त क्लींजर चुनें और बहुत ज्यादा धुलाई या स्क्रबिंग न करें.

इरिटेटिंग गर्भनिरोधक उपायों का प्रयोग न करें: कुछ गर्भनिरोधक जैसेकि स्पर्मिसाइड (शुक्राणुनाशक) या डायाफाम का उपयोग करने से यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप यूटीआई से ग्रस्त हैं तो वैकल्पिक गर्भनिरोधक विकल्पों पर विचार करें या आप के लिए जो गर्भनिरोधक सब से सही हो, उस के बारे में डाक्टर से कंसल्ट करें:

सैक्स के बाद पेशाब न रोकें: सैक्स के बाद पेशाब करने में देरी नहीं करनी चाहिए. सैक्स के दौरान मूत्रपथ में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया को तुरंत बाहर निकालना जरूरी होता है. सैक्स के 30 मिनट के अंदर पेशाब करने से यूटीआई का खतरा काफी कम हो सकता है.

ऐंटीबायोटिक का सेवन ज्यादा न करें:यूटीआई के इलाज के लिए ऐंटीबायोटिक्स जरूरी हैं, लेकिन इन का बहुत ज्यादा और अनावश्यक सेवन ऐंटीबायोटिक रिजिस्टैंस पैदा कर सकता

है.  खुद से दवा न करें और सही डायग्नोसिस तथा इलाज के लिए हमेशा डाक्टर से कंसल्ट

करें. डाक्टर संक्रमण पैदा करने वाले खास बैक्टीरिया के आधार पर सब से उपयुक्त ऐंटीबायोटिक लिखेंगे.

यह याद रखना बहुत जरूरी है कि रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है. इन सब दिशानिर्देशों का पालन कर के आप यूटीआई को होने से रोक सकते हैं. अगर आप दर्द, बारबार पेशाब आना या धुंधला पेशाब जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो उचित डायग्नोसिस और इलाज के लिए तुरंत डाक्टर से सलाह लेनी जरूरी है. उचित देखभाल और ध्यान से आप अपने मूत्रपथ की रक्षा कर सकते हैं और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं.

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