कुकिंग के शौकीन चिन्मय ने वीकैंड पर बटर पनीर मसाला बनाने के लिए जैसे ही किचन में  प्रवेश किया, कुछ देर बाद ही झुंझलाते हुए उस ने अपनी पत्नी जूही को आवाज लगाई, ‘‘अरे यार जब भी किचन में काम करने आओ कुछ मिलता ही नहीं है. कभी नमक नहीं होता तो कभी मिर्च नहीं होती. समझ नहीं आता तुम कैसे काम करती हो.’’

‘‘उफ, आज ही खत्म हुआ है मैं भरना भूल गई थी. अभी भर देती हूं,’’ पर तब तक चिन्मय का कुकिंग का मूड खराब हो गया था और फिर जूही को ही पूरा डिनर बनाना पड़ा.

श्यामली और उस के पति अनिमेष एक ही औफिस में काम करते हैं. शाम को औफिस से आ कर श्यामली ने आंच पर चाय चढ़ाई और अनिमेष से नाश्ता लगाने को कहा पर कुछ ही देर में दोनों में बहस हो गई, ‘‘अरे यार तुम्हारे इन नाश्तों के कंटेनर्स में कभी नाश्ता होता क्यों नहीं है? अरे हर संडे को रिफिल कर दिया करो.’’

‘‘तुम रिफिल कर दोगे तो क्या गुनाह हो जाएगा.’’

‘‘रिफिल करना कोई बहुत बड़ी प्रौब्लम नहीं है प्रौब्लम है चीजों का पता न होना. तुम्हारी रखी चीजें मुझे क्या अकसर तुम्हें ख़ुद नहीं मिलतीं,’’ और फिर इस बहस के बीच दोनों का सामंजस्य कहां गायब हो गया पता ही नहीं चला.

यह चिन्मय या अनिमेष की ही नहीं बल्कि अधिकांश पुरुषों की व्यथा है कि जब भी किचन में अपनी पत्नी का हाथ बंटाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें सामान ही नहीं मिलता. सदियों से घरों में किचन की व्यवस्था महिलाएं ही संभालती आई हैं और इसीलिए वे किचन और उस के सामान को अपने अनुसार मैनेज करती हैं. परिणामस्वरूप उन के लिए तो काम करना आसान होता है परंतु किसी दूसरे के लिए उतना ही मुश्किल.

आज जब अधिकांश दंपती कामकाजी होते हैं तो पत्नी की अपेक्षा होती है कि किचन की जिम्मेदारी भी दोनों मिल कर निभाएं. आजकल के पुरुष अपनी पत्नी के कामों में हाथ बंटाना भी चाहते हैं परंतु एक तो बचपन से उन्हें किचन का काम करना सिखाया नहीं जाता दूसरे जब भी वे किचन में काम करना चाहते हैं तो किचन की व्यवस्था में स्वयं को असहज पाते हैं. ऐसे में आज के समय में यह आवश्यक है किचन की व्यवस्था इस प्रकार की जाए कि उस में आप के पति भी आराम से काम कर सकें.

यदि आप चाहती हैं कि आप के पति भी किचन के कामों में आप की मदद करें तो आप अपनी किचन में निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:

कंटेनर्स हों पारदर्शी

स्नेहा और सुमित दोनों का ही वर्क फ्रौम होम है इसलिए आपसी सहमति से तय किया कि जिस की छुट्टी होगी वह कुकिंग कर लेगा. छुट्टी वाले दिन जब सुमित ने दाल बनानी चाही तो मिली ही नहीं. झुंझला कर वह स्नेहा के पास पहुंचा, ‘‘अरे यार आधा घंटा हो गया ढूंढ़तेढूंढ़ते दाल का डब्बा ही नहीं मिल रहा.’’

दाल का डब्बा न मिलने का कारण था कि स्नेहा ने सभी दालें स्टील के डब्बों में रखी थीं. आजकल बहुत कम कीमत में पारदर्शी किचन कंटेनर्स बाजार में उपलब्ध हैं इसलिए दालचावल, नमक, शकर और मसाले आदि को ट्रांसपैरेंट कंटेनर्स में रखें ताकि किचन में काम करने वाले को खाद्य वस्तुएं आसानी से दिख सकें.

लेबलिंग है बहुत जरूरी

नमिता कुछ दिनों के लिए मायके गई तो केतन ने खाना बनाया. लेबलिंग न होने का कारण उसे चना और अरहर दाल में फर्क ही समझ नहीं आ सका और वह चने की दाल को अरहर की समझ कर बनाता रहा. अरहर और चना दाल, नमक और बेकिंग सोडा, कालीमिर्च पाउडर और भुना जीरा पाउडर जैसी अनेक खाद्य वस्तुएं देखने में एकजैसी दिखती लगती हैं जिस से अकसर पुरुष कन्फ्यूज हो जाते हैं इसलिए किचन के प्रत्येक कंटेनर पर लेबल लगाएं ताकि चीजों को पहचानने में आसानी रहे, साथ ही समय भी बचे.

सैक्शंस निर्धारित करें

सौफ्टवेयर इंजीनियर रसिका कहती हैं, ‘‘मैं ने अपनी किचन के हर सामान के लिए एक खाना तय कर रखा है, साथ ही उस के ऊपर एक पतली सी स्ट्रिप में लिख भी दिया है कि किस जगह पर क्या रखा है जिस से मेरी किचन में मेरा हसबैंड तो क्या कोई अजनबी भी जा कर कुकिंग कर सकता है.’’

आप की किचन की स्पेस के अनुसार प्रत्येक चीज के लिए जगह निर्धारित करें. मसाले, दालें, चायपत्ती, नमक, स्नैक्स आदि को अलगअलग सैक्शंस में रखें. आधुनिक गैजेट्स का प्रयोग करें

सी ए प्रेरित कहते हैं, ‘‘मुझे कुकिंग करना बहुत पसंद है पर आटा गूंधना बिलकुल नापसंद.’’

वहीं सौफ्टवेयर इंजीनियर रचित को चौपिंग करना बिलकुल पसंद नहीं है. ब्लैंडर, चौपर, ब्रैड मेकर, इलैक्ट्रिक केटल जैसे अनेक किचन के उपकरण बाजार में उपलब्ध हैं जिन की मदद से किचन का काम काफी आसान हो जाता है. आप इन्हें अपनी आवश्यकतानुसार अपनी किचन में जगह दें.

फ्रिज को व्यवस्थित रखें

सम्यक ने जैसे ही दूध निकालने के लिए फ्रिज में से भगौना निकाला उस के ऊपर रखा दही का बाउल नीचे गिर गया और पूरी किचन खराब हो गई. आधुनिक समय में फ्रिज के बिना कुकिंग संभव ही नहीं है. फ्रिज में भी कोशिश करें कि एक बरतन के ऊपर दूसरा बरतन न रखें, पारदर्शी कांच के कंटेनर्स का प्रयोग करें, चीजों के सैक्शंस निर्धारित करें ताकि किचन में काम करना आसान हो सके.

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