Mother’s Day 2025 : हर बच्चे के दिल से एक ही आवाज निकलती है कि मेरी मां के बराबर कोई नहीं क्योंकि मां ही एक ऐसी धरोहर है, जो अपने बच्चों को हमेशा खुश देखना चाहती है. फिर चाहे उस का वह बच्चा किसी भी उम्र का हो, अमीर हो गरीब हो या कोई सैलिब्रिटीज ही क्यों न हो.
एक मां की नजर में उस का बच्चा सिर्फ उस का जिगर का टुकड़ा ही होता है, जिसे वह हर हाल में खुश देखना चाहती है और हमेशा उस की सलामती की कामना करती है.
जहां एक ओर घरपरिवार का हर सदस्य उस से पूछता है कि उस ने कितना कमाया? उस वक्त सिर्फ मां ही होती है जो पूछती है कि बेटा, खाना खाया क्या?
तभी तो मां की गोद ऐसी जगह है जहां सिर रख कर सोने में दुनियाभर का सुकून मिलता है क्योंकि मां का प्यार निस्वार्थ होता है। वह अपने बेटे को हमेशा खुश और कामयाब देखना चाहती है. मां कभी बच्चे को अपने से दूर नहीं करना चाहती लेकिन हालात और पैसा कमाने के चक्कर में न चाहते हुए भी बच्चों को अपनी मां से दूर जाना पड़ता है जैसे कि पक्षी पर निकलते ही अपने घोंसले से उड़ जाते हैं, वैसे ही एक उम्र के बाद हर किसी को पैसा कमाने के लिए घर से दूर जाना ही पड़ता है.
बौलीवुड की कई नामचीन हस्तियां जिन की नजरों में उन की मां ही उन की दुनिया है, उनका मानना है कि मेरी मां के बराबर कोई नहीं और मेरी मां जितनी प्यारा और भोला कोई नहीं. वह सितारे जिन के लाखोंकरोड़ों फैंस हैं लेकिन वह अपनी मां के प्यार में पागल है, अपनी मां का सब से बड़ा प्रशंसक है.
बौलीवुड के किंग खान शाहरुख खान जिन्होंने अपनी मां की मौत के बाद दिल्ली शहर ही छोड़ दिया। हीरो नंबर-1 कहलाने वाले गोविंदा अपनी मां के पैर धो कर पीते थे. बौलीवुड के टाइगर कहलाने वाले सलमान खान जिन की शादी ही इसलिए नहीं हुई क्योंकि वे अपनी मां जैसी स्वभाव और खूबियों वाली पत्नी चाहते थे। फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली और करण जौहर जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपनी मां के साथ बिताना बेहतर समझा.
फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली अपनी मां से इतना प्यार करते हैं कि उन्होंने अपने पिता के बजाय अपनी मां का नाम अपने नाम के साथ लगाना गर्व की बात समझी. ऐसे ही कई सैलिब्रिटीज हैं जिन की नजरों में उन की मां सर्वश्रेष्ठ है.
मदर्स डे के अवसर पर खासतौर पर इन सैलिब्रिटीज ने अपनी मां को ले कर दिल की बातें कीं. तो फिर आइए, जानते हैं मां और बेटे के प्यारभरे रिश्ते की कहानी सैलिब्रिटीज बेटों की जबानी :
सलमान खान
मेरी मां दिल से जितनी भोली और मासूम हैं ऊपर से उतनी ही सख्त हैं. आज भी मेरी गलती पर वे मुझे थप्पड़ मार देती हैं। मुझे ही नहीं सोहेल और अरबाज को भी गलती करने पर मेरी मां पीट देती हैं. लेकिन हमें उस से कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि मजा आता है क्योंकि उन की मार में भी प्यार छिपा है. मुझे अपनी मां में जो खूबियां दिखीं वह किसी में नहीं दिखी। अगर किसी लड़की में मेरी मां की तरह 50% खूबियां भी होती तो मैं शादी कर लेता।
सलमान का मानना है कि मेरी मां की सब से बड़ी खूबी यह है कि हमारे घर से कोई भी आज तक भूखा नहीं गया. चाहे कितने ही लोग आ जाएं घर में, खाना मौजूद होता है. इस के अलावा जितनी अच्छी बिरयानी मेरी मां बनाती हैं वैसी बिरयानी मैं ने किसी और के हाथ की नहीं खाई. मेरी मां बहुत अच्छी पेंटर भी हैं। मेरे अंदर अच्छी पेंटिंग करने का हुनर उन से ही आया है.
वे सब को साथ ले कर चलती हैं। हमारे घर का हर सदस्य मां से प्यार और सम्मान करता है. मुझे अगर तकलीफ में देखती हैं तो लगभग बेहोश जैसी ही हो जाती हैं. उन को हमेशा मुझे ले कर टैंशन ही रहता है क्योंकि वे मुझे बहुत प्यार करती हैं. मैं भी अपनी मां से उतना ही प्यार करता हूं.
मां की बढ़ती उम्र मुझे चिंतित करती है क्योंकि मैं उन के बिना जीने के बारे में सोच भी नहीं सकता. मैं हमेशा कामना करता हूं कि मेरी मां लंबी उम्र जिएं और हमेशा स्वस्थ रहें.
शाहरुख खान
आज मैं कामयाब हूं. मेरे पास सबकुछ है, लेकिन वही नहीं है जिस के लिए मैं ने यह सब किया. मैं ने कामयाबी हासिल की. नाम, शोहरत, पैसा सब कमाया, लेकिन मेरी वह प्यारी मां नहीं है जिस के लिए मैं यह सब कुछ करना चाहता था. आज अगर वह जिंदा होती, तो मेरी कामयाबी देख कर सब से ज्यादा वही खुश होती. आज वह मेरे साथ नहीं है तो कई बार मुझे लगता है कि यह सबकुछ बेकार है. मुझे अपनी मां को खोने का इतना अफसोस होता है कि कई बार मैं अकेले में रो पड़ता हूं.
शाहरुख बताते हैं कि दिल्ली में जब मैं ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी और साधारण सी शक्ल के चलते जब मुझे कोई हीरो मानने को तैयार नहीं था, उसे वक्त मेरी मां ही थीं जो मुझे सुपरस्टार बुलाती थीं. वे हमेशा मुझ से कहती थीं कि देखना मेरा बेटा एक दिन जरूर बहुत बड़ा स्टार बनेगा और पूरी दुनिया पर राज करेगा. काश, आज मेरी मां जिंदा होतीं तो मेरी कामयाबी देख कर बहुत खुश होतीं.
बचपन में मैं उन को हीरो की तरह ऐक्टिंग कर के हंसाया करता था. उस वक्त मेरी मां मेरी हरकतें, मेरी नौटंकी देख कर बहुत खुश होती थीं. मैं कुछ भी अच्छा काम करता तो सब से पहले जा कर अपनी मां को ही बताता था क्योंकि उन को जितनी खुशी होती थी उतनी मुझे खुद को भी नहीं होती थी. लेकिन जब अचानक मां का देहांत हो गया तो बहुत ज्यादा दुखी हो गया. उस के बाद मुझे दिल्ली में अच्छा नहीं लगता था इसलिए मैं दिल्ली छोड़ कर मुंबई आ गया. यहां आ कर मैं ने फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष शुरू किया. कुछ समय बाद सफलता तो मिल गई, लेकिन मन की कमी आज भी खलती है. आज भी उन के साथ बिताई यादें मुझे विचलित कर देती हैं. मां की यादें हमेशा मेरे दिल में रहेंगी क्योंकि उन के जैसा दूसरा कोई हो ही नहीं सकता.
गोविंदा
मेरा मानना है कि जब तक हमारे सिर पर मांबाप का साया होता है तभी तक बचपन जिंदा रहता है. मांबाप के जाते ही अचानक ही हम बड़े हो जाते हैं. आज मेरी मां मेरे साथ नहीं हैं लेकिन उन का प्यार और आशीर्वाद मुझे हर मुसीबत से बचाता है. जब भी मैं किसी बड़ी मुसीबत में होता हूं तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरी मां की कामना ही मुझे बचाने के लिए आ जाती है. मैं अपनी मां से इतना प्यार करता हूं कि उन के पैर धो कर पिया करता था. ऐसा करने से मेरी मां मुझे रोकती थी, लेकिन मुझे उस में सुकून मिलता था.
गोविंदा बताते हैं कि मुझे आज भी याद है कि मेरी मां हम लोगों को पालने के लिए नौकरी करती थीं. उस वक्त हम मुंबई के विरार स्टेशन में रहते थे जहां से औफिस तक जाने के लिए एक काफी समय लगता था और वे पूरे 1-2 घंटे ट्रेन में खड़ी हो कर जाती थीं क्योंकि ट्रेन भीड़ से खचाखच भरी रहती थी और उन को बैठने की जगह नहीं मिलती थी. इसलिए मैं मां से पहले विरार स्टेशन पहुंच जाता था ताकि मां के बैठने के लिए जगह पकड़ सकूं और वह बैठ कर सफर कर सके.
गोविंदा कहते हैं कि हमें कुछ बड़ा बनाने के चक्कर में हमारी मां ने बहुत संघर्ष किया है. वे सिर्फ अच्छी मां ही नहीं बल्कि अच्छी इंसान भी थीं. कभी किसी का बुरा नहीं चाहती थीं. वे अच्छी गायिका थीं इसलिए मैं ने उन से गाना गाना भी सीख लिया.
मां की मौत से मुझे गहरा सदमा लगा. काफी समय तक मैं संभल नहीं पाया था. उन के साथ बिताया हर पल मुझे याद आता है. मैं उन को बहुत मिस करता हूं. आज भी जब मैं किसी अच्छे काम के लिए बाहर जाता हूं तो मां की तसवीर को प्रणाम कर के निकलता हूं. आज मैं जो भी कुछ हूं अपनी मां के प्यार, आशीर्वाद और कड़ी मेहनत की वजह से ही हूं.
कार्तिक आर्यन
मेरी मां वर्किंग वूमन हैं. पैसे से डाक्टर और स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. मेरी बहन और मेरे पिता भी डाक्टर हैं. मैं ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, मगर उस में मेरा मन नहीं लगा तो मैं ने अभिनय कैरियर चुना। मेरी इस यात्रा में मेरी मां ने पूरा साथ दिया। वे मुझे बहुत प्यार करती हैं और मेरी हर इच्छा उन की इच्छा होती है, इसलिए जब मैं ने ऐक्टर बनने का सोचा तो उन्होंने मुझे सपोर्ट किया, क्योंकि शायद उन को भी पता था कि मैं ऐक्टर बन सकता हूं.
कार्तिक कहते हैं कि मेरी मां इमोशनल के साथसाथ प्रैक्टिकल भी हैं. मां का मानना है कि हम चाहे जो प्रोफेशन चुनें लेकिन शिक्षित होना बहुत जरूरी है. बिना शिक्षा प्राप्त किए हम किसी भी क्षेत्र में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकते, क्योंकि शिक्षा हमें मानसिक तौर पर मजबूत बनाती है.
मैं ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो पूरी कर ली थी, मगर मेरी मां ने मुझे मेरा पैशन पूरा करने के लिए पूरा सपोर्ट किया. जब भी मैं किसी बुरे दौर से गुजर रहा होता हूं या डिस्टर्ब रहता हूं तो मैं अपनी मां के पास ही चला जाता हूं क्योंकि वही हैं जो मुझे सही रास्ता दिखाती हैं. मेरी मां मेरी नजरों में एक परफैक्ट मदर है जो मुझे सिर्फ प्यार ही नहीं करती बल्कि मुझे सही गाइड भी करती है ताकि मैं अच्छा ऐक्टर होने के साथसाथ अच्छा इंसान भी बनू.
चाहे कितनी ही मुश्किलें आ जाएं मैं घबरा कर कोई गलत निर्णय न ले पाऊं इस बात का भी मेरी मां हमेशा ध्यान रखती हैं क्योंकि वे सिर्फ मेरी मां ही नहीं, मेरी अच्छी दोस्त भी हैं जिन से मैं सब कुछ शेयर कर सकता हूं.