Festival Special: हम रोजाना किचन का इस्तेमाल करते हैं. वहां रखे सामानों में से कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो सालोंसाल हम इस्तेमाल करते रहते हैं, लेकिन इन का लंबे समय तक इस्तेमाल करना सेहत के लिए अच्छा नहीं है और कई बार चीजें इतनी पुरानी हो जाती हैं कि दिखने में भी वे बेकार लगती हैं और इन को इस्तेमाल करना अनकंफर्टेबल भी हो जाता है.
लेडीज तो फिर भी ये चीजें यूज करती रहती हैं लेकिन जब हस्बैंड या भाई किचन में आते हैं और इन टूटीफूटी चीजों को बेतरीके और बेतरतीब से देखते हैं तो उलटे पांव भाग खड़े होते हैं.
इसलिए अगर आप भी चाहती हैं कि घर के जैंट्स भी किचन में आप की हैल्प करें, तो किचन को इस लायक बनाना आप की ही जिम्मेदारी है.
आइए, जानें कैसे कुछ कुछ समय में अपनी किचन में क्या बदलाव लाएं कि लोग वहां से भागे नहीं बल्कि उन का भी किचन में काम करने का मन मचल उठे :
पुराने बर्तनों के हैंडल ढीले या टूटे हुए न हों
पुराने बर्तनों के हैंडल ढीले या टूटे हुए होना एक आम समस्या है और यह खाना बनाते समय काफी खतरनाक हो सकता है. इस से बर्तन गिर सकता है, गरम खाना फैल सकता है या जलने का खतरा हो सकता है. ऐसे बर्तन को तुरंत इस्तेमाल करना बंद कर दें. यह भले ही आप का पसंदीदा बर्तन हो, लेकिन सुरक्षा सब से पहले है.
गैस पाइप की ऐक्सपायरी डेट चैक कर लें
ज्यादातर गैस पाइप पर उस की मैन्युफैक्चरिंग डेट या चेंज बीफोर की तारीख छपी होती है. वैसे भी आमतौर पर गैस पाइप की लाइफ 18 से 24 महीने (डेढ़ से 2 साल) ही होती है. अगर आप को पाइप पर कोई ऐसी तारीख दिखती है जो इस अवधि से ज्यादा पुरानी हो गई है, तो उसे बदल देना चाहिए. कुछ पाइपों पर सीधे ऐक्सपायरी डेट भी लिखी हो सकती है. इस के अनुसार इन्हें बदल दें.
पाइप में दरारें या कट होना, पाइप का सख्त या कड़ा हो जाना, पाइप का रंग बदलना या फीका पड़ना, पाइप पर तेल या ग्रीस के दाग होना, पाइप से गैस की गंध आना जैसे कोई भी चीज नजर आएं तो पाइप को तुरंत बदल दें.
नौनस्टिक पैन को बदलना जरूरी
खाना बनाने में नौनस्टिक पैन का इस्तेमाल बढ़ गया है लेकिन ऐसे बर्तनों को लंबे समय तक अगर इस्तेमाल करें तो इन की कोटिंग निकलने लगती है और ये बर्तन खाना बनाने लायक नहीं बचते. ऐसे में इन को किचन से दूर करना सही विकल्प है क्योंकि ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. पुराने और घिसे हुए कुकवेयर, जैसे पैन और अन्य बर्तनों को समयसमय पर बदलना चाहिए.
नौनस्टिक कोटिंग का उखड़ना या स्क्रैच होना खाना पकाने की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसलिए इन्हें समयसमय पर बदल लें. साथ ही कोटिंग उतरे हुए बर्तनों में खाना बनाने से खाना उन में चिपकता है और जलने लगता है, जिस वजह से हरकोई उन में खाना नहीं बना सकता. आपका हाथ उन कोटिंग उतरे बर्तनों पर सैट होगा पर हरकोई उन्हें इस्तेमाल कर लेंगे यह जरूरी नहीं है, इसलिए उन्हें बदल दें.
चौपिंग बोर्ड का खराब होना
कई बार आप ने देखा होगा कि जिस चौपिंग बोर्ड पर आप सब्जी काटती हैं वह आप को ठीक लगता है लेकिन कोई और उसे हाथ भी नहीं लगाना चाहता क्योंकि आप का चौपिंग बोर्ड शायद अब उस लायक रहा ही नहीं.
दरअसल, किचन में सब्जी और फल काटने के लिए जो टूल इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे चौपिंग बोर्ड, यह अधिक इस्तेमाल से भी खराब नहीं होता है. ऐसे में इन्हें लोग लंबे समय तक किचन में रखते हैं. वैसे इस की शैल्फलाइफ 1 साल से अधिक नहीं होती तो इतने समय बाद इसे किचन से दूर कर दें. वैसे भी चौपिंग बोर्ड को समयसमय पर बदलना आवश्यक है, खासकर तब जब इस में खरोंच या दरारें आ गई हों. दरारें और खरोंच के बीच बैक्टीरिया या छोटे कीड़े अपना घर बना सकते हैं.
प्लास्टिक के फूड स्टोरेज कंटेनर
समय के साथ प्लास्टिक के कंटेनर दागदार हो सकते हैं और उन में गंध आ सकती है या वे कमजोर पड़ सकते हैं. खाने की स्वच्छता और ताजगी बनाए रखने के लिए इन्हें साल में एक बार बदल देना चाहिए. अगर आप ज्यादा टिकाऊ विकल्प चाहते हैं, तो कांच का कंटेनर बेहतरीन विकल्प है.
बर्तन साफ करने वाले स्पंज भी बदबू मारने लगते हैं
रसोई की महत्वपूर्ण चीजों में बर्तन साफ करने वाले स्पंज शामिल हैं जिन से बर्तन साफ किए जाते हैं. इन से काउंटरटौप या गैस चूल्हे भी साफ किए जाते हैं. ऐसे में इन में बैक्टीरिया होना लाजिमी है. इन स्पंज को हर 2 हफ्तों में बदलना सही होगा.
गंदा और पुराना स्पंज खाना पकाने के उपकरण को संक्रमित कर सकता है. साथ ही, यह हमेशा गीला रहता है, जिस के कारण इस में आसानी से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं.
किचन टौवेल
किचन टौवेल का नियमित उपयोग खाने के बचे हुए अंश और गंदगी को समेटने के लिए किया जाता है. इसे हर रोज धोना चाहिए और पुराना होने पर बदलना चाहिए. इस टौवेल से हम अपने हाथ भी पोंछते हैं और साफ बर्तन भी पोंछते हैं. लेकिन यह गंदे होंगे तो साफ बर्तन ही नहीं, बल्कि आप के हाथ भी स्मैली हो जाएंगे और ऐसी किचन में जाने से पहले कोई भी 10 बार सोचेगा. इसलिए इसे साफ रखें और समयसमय पर बदल दें.
डस्टबीन पर नजर रखें
अगर आप को लगता है कि बस डस्टबीन का पौलिथीन चैंज कर लेना ही काफी है, तो आप गलत हैं.
डस्टबीन बदले काफी समय हो गया है, यह पुराना हो गया, टूट तो नहीं रहा और उस में बैक्टीरिया तो नहीं पनप रहा, अगर ऐसा कुछ नहीं है तब भी साल में 1 बार डस्टबीन बदल लें. यह बहुत ज्यादा महंगा नहीं है.
कैबिनेट भी रिपेयर करा लें
अधिक समय से रसोईघर में कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, तो किचन के कैबिनेट टूटने लगते हैं. इसलिए समय पर रिनोवेट कर लेना चाहिए. इस से किचन का लुक भी अच्छा होगा.
कौफी मेकर है काम की चीज
हस्बैंड काफी पीने के शौकीन हैं और दिन कई बार वे आप को कौफी बनाने को ले कर परेशान करते हैं तो इस का हल है. इस बार आप अपनी किचन के लिए एक कौफी मेकर खरीदें. बेसिक से ले कर ऐडवांस तक कई तरह के कौफी मेकर उपलब्ध हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से चुनें. कौफी मेकर को किचन आइलैंड के किसी भी कोने में लगाएं और जब भी आप के हस्बैंड का मन करेगा वे आप को तंग नहीं करेंगे बल्कि खुद भी कौफी पीएंगे और आप को भी पीने देंगे.
मल्टीकुकर को किचन में जगह दें
मल्टीकुकर किचन में जरूर होना चाहिए क्योंकि इस में खाना बनाना आसान है. यह कई विशेषताओं और अटैचमेंट के साथ आते हैं जो सब्जियों और अन्य चीजों को भाप में पकाने में मदद करते हैं. आप को बस सामग्री और पानी डालना होगा, टाइमर चुनना होगा और बिना किसी परेशानी के खाना बन कर तैयार हो जायेगा. इस में आयल भी कम लगता है. इसे किसी भी कैबिनेट में स्टोर करें या डेली यूज के लिए किचन आइलैंड पर रखें.
वैजिटेबल पीलर और ग्रेटर (छीलने और कद्दूकस करने वाला)
इन की धार समय के साथ कम हो जाती है, जिस से काम मुश्किल हो जाता है. इसलिए इन्हें समयसमय पर बदलें.
मापने वाले कप और चम्मच (प्लास्टिक वाले)
प्लास्टिक के कप और चम्मच समय के साथ खराब हो सकते हैं. उन पर दाग लग सकते हैं या टूट सकते हैं, इसलिए इन्हें साल में 1 बार बदलना अच्छा है.
सिलिकौन स्पैटुला
सिलिकौन स्पैटुला का लगातार इस्तेमाल इन के घिसने और टूटने का कारण बन सकता है. इसलिए जब स्पैटुला घिस जाता है, तो उसे बदलना चाहिए. अगर इन का रंग बदल गया है, ये चिपचिपे हो गए हैं या टूट रहे हैं, तो इन्हें हर साल बदलना चाहिए.
चाकू को नजरअंदाज न करें
अगर आप चाकू का बहुत उपयोग करते हैं और यह बारबार धार लगाने के बाद भी तेज नहीं हो रहा, तो साल में 1 बार बदलने पर विचार करें.
चकलाबेलन भी बदलना जरूरी है
अगर चकले पर बहुत ज्यादा गहरे कट या दरारें आ गई हैं, तो उन में आटा या खाने के कण फंस सकते हैं, जिस से बैक्टीरिया पनप सकते हैं. ऐसे में इसे बदलना बेहतर है. इस के आलावा अगर चकले की सतह घिस कर या टेढ़ी हो कर असमान हो गई है, तो रोटी बेलना मुश्किल हो जाएगा और वह ठीक से गोल नहीं बनेगी.
कई बार लकड़ी के चकले से अजीब सी गंध आने लगी है जो धोने पर भी नहीं जाती, तो इस का मतलब है कि उस में नमी या बैक्टीरिया जमा हो गए है. ऐसे में नया चकलाबेलन लेना अच्छा रहेगा.
पुराने सामान का अंबार न लगाएं
कई लोगों की आदत होती है कि वे नया सामान ले लेते हैं लेकिन फिर भी पुराना सामान नहीं फेंकते. इस से किचन में बेमतलब के सामानों का अंबार लग जाता है, जो दिखने में बुरा तो लगता ही है साथ ही बारबार नए सामान की जगह वहीं पुराना सामान हाथ में आता है तो असुविधा होती है. इसलिए पुराना सामान फेंक कर ही नया सामान लें वार्ना नया सामान लेने का भी कोई फायदा नहीं होगा. Festival Special