Rakshabandhan Special: रक्षाबंधन का त्योहार भाईबहनों के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है. यदि किसी भाईबहन में अनबन हो गई है, तो रक्षाबंधन इसे सुलझाने का एक शानदार अवसर है. प्यार और सम्मान के साथ वे अपनी गलतफहमियों को दूर कर सकते हैं और अपने रिश्ते को फिर से मजबूत कर सकते हैं, कुछ इस तरह :
कम्युनिकेशन गैप को कहें बायबाय
कम्युनिकेशन गैप हर मसले की जड़ है. अगर आप ने भी बातचीत के सारे रास्ते बंद किए हुए हैं, तो उसे खोल दें. बात इतनी बड़ी नहीं होती जितनी बड़ी बात न करने से बन जाती है. लोग उस पर मसाला लगते हैं और 2 लोगों के बीच रिश्ता टूट जाता है. अगर कोई बात बुरी लगी है तो इस राखी आमनेसामने बैठ कर बात को सुलझा लें. शकवेशिकायते कर लें, लड़ लें. लेकिन बात करें, तभी किसी समस्या का हल निकलेगा.
एक चुप सौ को हराता है
अगर बहन जबान की थोड़ी तेज है और जल्दी गुस्सा हो जाती है तो आप ही चुप लगा जाएं. आखिर यह कहावत तो आप ने सुनी ही होगी,’एक चुप सौ को हराता है.’ अगर बहन से कोई लड़ाई चल रही है, तो अब उसे सुलझा लें और बहन की सारी बातें चुपचाप सुन कर मन से निकल दें और रिश्ता अच्छा कर लें.
इस बार माफी उपहार में दे दो न
अगर भाईबहन में झगड़ा और बोलचाल बंद है, बस फौर्मेलिटी में राखी बांध देते हैं तो इस बार उसे यहीं तक सीमित न रखें. इस बार दोनों एकदूसरे को माफ कर के नए सिरे से यह रिश्ता शुरू करें. एक बार आप ही पहल कर के देखें. हो सकता है कि बहन खुद भी लड़ाई खत्म करना चाह रही हो बस ईगो बीच में आ रही हो.
रिश्तों की अहमियत को समझें
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो जन्म से जुड़े होते हैं और उन्हें हम चाह कर भी नहीं तोड़ सकते. लेकिन कई बार आपस में मनमुटाव होना काफी आम बात है. लेकिन इस मनमुटाव को ज्यादा न बढ़ने दें और अगर रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं तो इस बात को समझें कि आप की जगह कोई और नहीं ले सकता.
कई बार पत्नी की इन्सिक्योरिटी की वजह से भी रिश्ते खराब हो जाते हैं
कई बार पत्नी को ऐसा लगता है कि पति अपनी बहनों की बातों में आ कर उन्हें अनदेखा कर देते हैं और उन की बात नहीं सुनते हैं. इसलिए वह हमेशा पति को अपनी बहनों से दूर करने की कोशिश करती रहती है. ऐसा करने से सब के बीच का रिश्ता खराब होता है और दूरियां आती हैं. अगर ऐसा हुआ है तो पत्नी को समझाएं और बहन से उस का रिश्ता मजबूत करवाएं.
भाभी और ननद अपना मनमुटाव दूर करें
भाभी और ननद कई बार बहनों की तरह प्यार से रहती हैं तो कहीं दूसरे की दुश्मन बन बैठती हैं. लेकिन इस रक्षाबंधन आप अपनी ननदों के साथ तुलना करने के बजाए उन के साथ अपनापन बढ़ाने की कोशिश करें. जब आप ऐसा करना शुरू करेंगी तो खुद से आप का रिश्ता अपनी ननदों के साथ अच्छा होगा और आप को भाईबहन के बीच के प्यार से जलन नहीं होगी.
ननदों के साथ ग्रुपिंग न करें
हो सकता है कि आप की सारी ननदों में कुछ के साथ आप के रिश्ते बहुत अच्छे हों और कुछ के साथ खराब हों. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि उन कुछ के साथ बाकियों के खिलाफ आप ग्रुपिंग करने लगें और आप बाकी ननदों को अलगथलग महसूस कराने लगें.
इस को ऐसे समझिए कि आप अकेली भाभी हैं तो सारी ननदें आप से बना कर रखना चाहेंगी. लेकिन आप कुछ के साथ ही रिश्ते बनाएंगी तो यह बात बाकी ननदों को गुस्सा तो दिलाएगा ही, उन्हें दुखी भी होगा.
किसी को दुख पहुंचा कर आप को अच्छा तो नहीं लगेगा न. इसलिए अकेली भाभी हैं तो ग्रुपिंग से बचें. सब को साथ ले कर चलने की कोशिश करें फिर चाहे सामने से आप को ऐसा व्यवहार मिले या नहीं.
इसलिए ध्यान कर के सब से बराबरी का व्यवहार करने की कोशिश करें. भाभी और ननद के रिश्ते में प्यार लाने के लिए छोटीछोटी परेशानी शेयर करें और उन्हें सुलझाने की कोशिश भी करें. इसी तरह रिश्ता मजबूत होता है. Rakshabandhan Special