Vidya Balan: फिल्म ‘परिणीता’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाली विद्या बालन एकता कपूर के शो ‘हम पांच’ में बतौर बाल कलाकार भी काम कर चुकी हैं.
बतौर हीरोइन ‘डर्टी पिक्चर’, ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’, ‘भूल भुलैया’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुकीं व राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विद्या बालन का कहना है कि जो चार्म और आकर्षण 60 और 70 की दशक की हीरोइनों में नजर आता था, वह आज की हीरोइनों में नजर नहीं आता.
वे कहती हैं,”मधुबाला, मीना कुमारी, साधना, वहीदा रहमान, हेमा मालिनी, परवीन बौबी, मुमताज, जीनत अमान आदि हीरोइनों का क्रेज हमेशा बरकरार रहा.”
विद्या की इच्छा
पिछले दिनों एक इंटरव्यू के दौरान विद्या बालन ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मेरी दिली तमन्ना थी कि मैं उस दौरान जन्म लेती जब 60 और 70 दशक की हीरोइनों ने जन्म लिया था, क्योंकि मैं उस दौरान की हीरोइन बनने की ख्वाहिश रखती हूं.
वे कहती हैं कि उस समय की सभी हीरोइनें बेहद खूबसूरत हुआ करती थीं और सभी मेरी पसंदीदा हीरोइनें हैं. वे इतनी ग्रेसफुल और खूबसूरत थीं कि फिल्मों में काम करने के दौरान उन की खूबसूरती और उन की नायाब शख्सियत उन के किरदारों से बाहर झलक कर आती थी. उन हीरोइनों का स्टाइल, पहनावा, अदाएं इतना दिल लुभाने वाली होती थीं कि ऐसा लगता था कि उन को बस देखते ही रहें. इसी वजह के चलते मैं हमेशा सोचती थी कि काश मैं उसे समय पैदा हुई होती.
खास वजह
गौरतलब है कि बंगाल की मशहूर अभिनेत्री माधवी की शक्ल विद्या बालन से काफी कुछ मिलती है. इस के बारे में कई लोगों ने विद्या से कहा. इसी बात को मद्देनजर रखते हुए विद्या का कहना है कि काश मैं उस दौरान पैदा हुई होती तो मैं भी माधवी की तरह एलिगेंट और खूबसूरत नजर आती.
इस दशक की हीरोइन के बनने की ख्वाहिश के पीछे एक खास वजह विद्या ने यह भी बताया कि वे अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन हैं. उस दौर की सभी हीरोइनों ने अमितजी के साथ काम किया है. अगर मैं उस वक्त पैदा होती तो मुझे भी यह मौका मिल जाता.
वे हंसती हुई कहती हैं कि मैं फिल्म ‘नमक हलाल’ में स्मिता पाटिलजी की तरह अमीतजी के साथ बारिश वाला रोमांटिक गाना ‘आज रपट जाए तो हमें ना…’ करना चाहती थी, लेकिन इस के बजाय फिल्म ‘पा’ में मुझे अमितजी की मां का किरदार निभाना पड़ा. अगर मैं उस दौरान हीरोइन होती तो 1-2 फिल्मों में अमितजी की हीरोइन तो बन ही जाती.
Vidya Balan
