तो हमेशा रहेंगी Young & Beautiful

कोरोना के कारण हम ने अपनी स्किन केयर को अनदेखा करना शुरू कर दिया है खासकर युवाओं ने. उन्हें लगता है कि अभी हमें घर में ही तो रहना है, कहीं जाना नहीं है, कोई देखने वाला है नहीं है, किसी से मिलना नहीं है, इसलिए स्किन की देखभाल न भी करें तो क्या फर्क पड़ता है. जबकि वे इस बात से अनजान हैं कि उन की यह सोच उन की स्किन को खराब करने का काम कर रही है.

भले ही वे फेसबुक, इंस्टाग्राम या फिर किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर फिल्टर्स का सहारा ले कर खुद को खूबसूरत दिखा कर दूसरों की वाहवाही लूट रहे हों, लेकिन असलियत इस से काफी अलग है. ऐसे में अगर आप हमेशा नैचुरली यंग व ब्यूटीफुल स्किन पाना चाहती हैं तो समय से पहले हो जाएं सावधान वरना आप की स्किन छोटी उम्र में भी 60 जैसी दिखने लगेगी. तो आइए जानते हैं कि कैसे आप खुद को रखें यंग:

कब होती है  झुर्रियों की समस्या

उम्र के 20वें वर्ष में त्वचा अपने शबाब पर होती है. उस पर प्रौब्लम्स कम व चेहरे पर ग्लो, रौनक व आकर्षण ज्यादा होता है. लेकिन जब इस उम्र में त्वचा के प्रति लापरवाही बरती जाती है तो चेहरे पर फाइन लाइंस के साथसाथ  झुर्रियां भी नजर आने लगती हैं.

ये स्किन पर तब नजर आती हैं जब स्किन के अंदर, जो हमारी स्किन की ऊपरी लेयर को सपोर्ट करने वाली कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन की लेयर होती है, उस में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिस से स्किन अपना मौइस्चर व ब्यूटी खोने लगती है. इसलिए आप खुद को  झुर्रियों से दूर रखने के लिए स्किन केयर के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को फौलो करना न भूलें.

टैंशन को रखें खुद से दूर

आज चाहे बात घर की हो या फिर बाहर की, हर जगह स्ट्रैस का माहौल व्याप्त है. किसी को इस महामारी के कारण अपनों के जाने का डर व गम है, तो किसी को कैरियर की चिंता सता रही है तो किसी को जौब के जाने का खौफ खासकर के यंगस्टर्स काफी स्ट्रैस में हैं, जो उन की हैल्थ को बिगाड़ने का काम कर रहा है.

बता दें कि हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रैस  हारमोन होता है, जो हमारे ज्यादा चिंतित रहने के कारण उस का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस की वजह से चेहरे पर मुंहासे, फाइन लाइंस, मैटाबोलिज्म में असंतुलन होने लगता है, जिसे समय रहते कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. इसलिए जितना हो सके पौजिटिव सोचते हुए खुद को स्ट्रैस से दूर रखें वरना आप की यह टैंशन आप के चेहरे की रौनक को चुरा लेगी.

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घरेलू नुसखे भी असरदार

समय से पहले बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता. ऐसे में ये घरेलू नुसखे थोड़े ही दिनों में आप की  झुर्रियों को छूमंतर कर के फिर से आप को यूथफुल स्किन देने का काम करेंगे:

–  रोजाना ऐलोवेरा जैल से चेहरे की मसाज करने से न सिर्फ चेहरा मिनटों में खिल उठता है, बल्कि स्किन में कोलेजन बढ़ने से स्किन हाइड्रेट रहने के साथसाथ  झुर्रियां भी कम होती हैं.

–  केला न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह स्किन की भी रंगत बदल देता है, क्योंकि यह एंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के साथसाथ नैचुरल डीटौक्स का भी काम कर के चेहरे पर फाइन लाइंस व  झुर्रियों से बचाने का काम करता है. इस के लिए आप केले का पेस्ट बना कर उसे चेहरे पर अप्लाई करें, फिर आधे घंटे बाद चेहरे को पानी से क्लीन कर लें. आप को कुछ ही हफ्तों में सुधार नजर आने लगेगा.

–  नारियल के तेल में मौइस्चराइज व हाइड्रेट करने वाली प्रौपर्टीज होने के कारण ये स्किन की  इलास्टिसिटी को इंप्रूव कर के स्किन को सौफ्ट बनाने का काम करती हैं. इस के लिए आप रोजाना रात को इस से मसाज कर के सुबह चेहरे को क्लीन करें. इस से आप को धीरेधीरे  झुर्रियां कम होती नजर आने के साथसाथ आप का चेहरा भी निखर उठेगा.

–  और्गन औयल लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से अवशोषित हो जाता है. साथ ही इस में फैटी ऐसिड्स व विटामिन ई होने के कारण यह फाइन लाइंस व  झुर्रियों से बचाता है. इस के लिए आप रात को और्गन औयल से चेहरे की मसाज कर के छोड़ दें. आप को महीनेभर में रिजल्ट दिखने लगेगा.

कुछ खास हैबिट्स जो बचाएंगी ऐजिंग से

–  चाहे आप का बाहर आनाजाना हो या नहीं, फिर   भी आप रोजाना सीटीएम रूटीन यानी क्लींजिंग, टोनिंग व मौइस्चराइजिंग जरूर करें, क्योंकि इस से स्किन पर जमा गंदगी रिमूव होने के साथसाथ स्किन का नैचुरल पीएच लैवल बना रहता है, जो स्किन को यंग बनाने का काम करता है.

–  अधिकांश लोग यही सोचते हैं कि अगर घर से बाहर नहीं जाना तो सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है, जबकि आप को बता दें कि ऐसा नहीं है, क्योंकि जब हम घर में स्किन डैमेजिंग लाइट्स जैसे ब्लू लाइट, जो स्मार्ट डिवाइस से, अल्ट्रावायलेट रेंज के संपर्क में आते हैं, तो भले ही उस से स्किन टेन नहीं होती है, लेकिन यह कोलेजन व इलास्टिक टिशू को ब्रेक करने के कारण समय से पहले ऐजिंग व स्किन कैंसर का कारण बनती है. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करें.

–  ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिलकुल न करें, जो स्किन पर जलन पैदा करने का काम करते हों, क्योंकि इस से स्किन का नैचुरल मौइस्चर व ग्लो खोने लगता है व ऐजिंग की समस्या सामने आती है.

–  मेकअप रिमूव कर के ही सोएं वरना मेकअप में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स स्किन पर जल्दी ऐजिंग इफैक्ट्स लाने का काम करते हैं.

–  तलाभुना खाने के बजाय पौष्टिक डाइट लें. इस से आप की स्किन अंदर से भी खिल उठेगी.

–  जितना हो सके शुगर का इन्टेक कम करें, क्योंकि ब्लड शुगर लैवल बढ़ने से ऐजिंग का प्रोसैस जल्दी व तेजी से बढ़ता है.

जरूरी है ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट

थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से  किस तरह हमेशा यंग लुक रहता है, बता रही हैं डर्मैंटोलौजिस्ट, डाक्टर भारती तनेजा:

–  बात अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की की जाए तो कोलेजन को या तो अंदर से बनाया जा सकता है या फिर ऊपर से डाला जा सकता है. लेकिन सब से आसान तरीका जो है, जो पहले 30-40 की उम्र में लोग लेना शुरू करते थे, लेकिन आज छोटी उम्र में ही लेना शुरू हो गए हैं और इस में कोई खराबी भी नहीं है, क्योंकि आज बढ़ता प्रदूषण, मेकअप का ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण स्किन अपनी इलास्टिसिटी खोने लगती है, जिस से स्किन पर फाइन लाइंस दिखने लगती हैं.

–  ऐसे में इस प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए फिलर्स का सहारा लिया जाता है, जो आज के समय में बेहतरीन इलाज माना जाता है. इस के जरीए जहां पर भी यानी स्किन के नीचे जहां जगह बन गई होती है या फिर जहां कोलेजन खत्म हो गया है, वहां फिलर्स भर दिया जाता है. फिलर्स यानी ह्यालूरोनिक ऐसिड भर दिया जाता है, जो स्किन के अंदर जा कर कोलेजन व इलास्टिन को एकदम से बनाना शुरू कर देता है. इस से स्किन फिर से खिल उठती है. यह इलाज कुछ ही मिनटों में हो जाता है.

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–  जिस तरह से लेजर ट्रीटमैंट के जरीए चेहरे से अनचाहे बालों को हटाया जाता है, उसी तरह लेजर के जरीए  झुर्रियों का भी इलाज किया जाता है, क्योंकि यह स्किन को रीजनरेट करने का काम करती है. यह ट्रीटमैंट बहुत सालों से  झुर्रियों के लिए दिया जाता है. इस में बस काफी दिनों तक रैग्युलर ट्रीटमैंट लेने की जरूरत होती है. इस से स्किन फिर से खुद से कोलेजन बनाना शुरू कर देती है, जो  झुर्रियों को खत्म करने का काम करता है और यंग स्किन देता है.

–  स्किन को ऐक्सफौलिएट करने से भी  झुर्रियों की समस्या का निदान होता है. ऐक्सफौलिएट करने के लिए अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की बात करें तो एक कार्बन ऐक्सफौलिएशन होता है, साथ ही इस के साथ मिला कर लेजर का इस्तेमाल भी किया जाता है.

–  आजकल हाइड्रोडर्मा विजन का भी काफी चलन है. इस में वाटर के साथसाथ खास तरह के सीरम का इस्तेमाल कर के स्किन को ऐक्सफौलिएट किया जाता है. इस से स्किन से  झुर्रियों की समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है.

–  हम हाइड्रोनिक ऐसिड, सीरम व कोलेजन को जब भी स्किन के अंदर डालना चाहते हैं तो उस के लिए सब से अच्छा तरीका होता है अल्ट्रासोनिक मशीन का इस्तेमाल करना. यह किसी भी चीज को स्किन के अंदर पेनिट्रेट करने में मदद करती है. इस तरह आप ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट की मदद से  झुर्रियों से छुटकारा पा सकती हैं.

  किस को ज्यादा रिस्क

जिन की स्किन ड्राई व डीहाइड्रेट होती है, उन्हें  झुर्रियों का खतरा सब से ज्यादा होता है. ड्राई स्किन का मतलब जिस में औयल की कमी होती है और डीहाइड्रेट स्किन का मतलब जिस में पानी की कमी होती है, क्योंकि पानी और औयल दोनों का बैलेंस ही स्किन को खूबसूरत बनाता है, रिंकल्स फ्री बनाता है और स्किन देखने में पल्म व टाइट नजर आती है. इसलिए स्किन की ड्राइनैस व पानी की कमी को पूरा करने के लिए खुद को हाइड्रेट रखने के साथसाथ फेस पर स्किन टाइप के हिसाब से मौइस्चराइजर भी जरूर अप्लाई करें.

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एक्सपर्ट्स से जानें उम्र बढ़ने के साथ कैसे करें स्किन की देखभाल

उम्र बढ़ने के साथसाथ चेहरे की त्वचा अपना आकर्षण खोने लगती है. झुर्रियां, आंखों के आसपास काले घेरे, झांईयां और दागधब्बे त्वचा की प्रमुख समस्याएं हैं जो बढ़ती उम्र के साथ नजर आने लगती हैं. वैसे इन सब बातों का प्रभाव महिलाओं और पुरुषों दोनों की त्वचा पर समान रूप से पड़ता है लेकिन महिलाओं की त्वचा पुरुषों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील और नाजुक होती है. इसलिए उसे देखभाल की अधिक आवश्यकता होती है.

30 की उम्र में हारमोन लैवल कम होना शुरू हो जाता है और कोलेजन और इलास्टिन का निर्माण भी कम हो जाता है, जिस से त्वचा अपना लचीलापन खोने लगती है. उम्र बढ़ने के साथ रक्त संचरण भी प्रभावित होता है, जिस से त्वचा का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. 30 के बाद अगर आप अपनी त्वचा का ठीक प्रकार से ध्यान नहीं रखेंगी तो 40 तक आतेआते आप की त्वचा बूढ़ी दिखने लगेगी.

यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं ताकि 30 के बाद भी आप की त्वचा स्वस्थ और चमकदार रहे:

अच्छा खाएं

त्वचा की रंगत और स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों, मौसमी फलों, ड्राईफ्रूट्स और दही को शामिल करें. जंक फूड, सौफ्ट ड्रिंक, अधिक तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें. दिन में कम से कम 5 प्रकार के फल और सब्जियां खाएं. इन में ऐंटीऔक्सिडैंट्स होते हैं जो फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं. आटे की बजाए साबूत अनाज खाएं. ग्रीन टी का सेवन करें, क्योंकि इस में ऐंटीऔक्सिडैंट्स होते हैं जो सुंदर त्वचा के लिए वरदान हैं.

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ऐक्सरसाइज करें

व्यायाम और योग करने से शरीर में रक्त का संचरण बढ़ता है, तनाव कम होता है जिस से त्वचा की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. जो महिलाएं नियमित रूप से व्यायाम करती हैं उम्र बढ़ने के साथ भी उन की त्वचा का लचीलापन बरकरार रहता है.

खूब पानी पीएं

हमारी त्वचा को दमकने के लिए पानी की आवश्यकता होती है. ढेर सारा पानी पीएं. इस से आप की त्वचा साफ, मुलायम और बेदाग रहेगी. पानी शरीर से टौक्सिन बाहर निकालता है जिस से त्वचा चमकीली होती है. पानी पीने से त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं और गंदगी साफ होती है.

त्वचा को साफ रखें

दिन में 2 बार किसी अच्छे साबुन या फेस वाश से चेहरा धोएं. धूलमिट्टी से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं जिस से मुहांसे होने लगते हैं.

तनाव न पालें

तनाव से त्वचा को नुकसान पहुंचता है और वह अतिसंवेदनशील हो जाती है. तनाव से हार्मोंस का संतुलन भी बिगड़ जाता है जो मुहांसों और त्वचा से संबंधित अन्य समस्याओं का  कारण बन जाता है.

यूवी किरणों से त्वचा को बचाएं

सूरज की पराबैंगनी किरणें हमारी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं. धूप में सनस्क्रीन लगा कर और शरीर को अच्छी तरह से ढक कर घर से बाहर निकलें. सनस्क्रीन न सिर्फ त्वचा की रक्षा करती है, बल्कि कैंसर के खतरे को भी कम करती हैं. इस से पिगमैंटेशन भी कम होता है और झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़तीं.

मेकअप का इस्तेमाल सोचसमझ कर करें

अधिकतर महिलाएं सुंदर दिखने के लिए कई सारे कौस्मैटिक्स और मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. हालांकि ये प्रोडक्ट्स सुंदर दिखने में सहायता करते हैं लेकिन ये सभी सुरक्षित नहीं होते. इन में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसी महिलाएं जो नियमित रूप से मेकअप का इस्तेमाल करती हैं उन्हें मेकअप के कई हानिकारक प्रभावों का सामना करना पड़ता है. कौस्मैटिक्स के अत्यधिक उपयोग से त्वचा में जलन, धब्बे, मुहांसे इत्यादि की समस्या हो जाती है.

मेकअप खरीदते और करते समय इन बातों का ध्यान रखें:

– अच्छी गुणवत्ता के मेकअप प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें.

– जब जरूरत हो तभी मेकअप का इस्तेमाल करें.

– वाटर बेस्ड मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें ताकि त्वचा में नमी बनी रहे.

– घर पर बिलकुल भी मेकअप न लगाएं ताकि त्वचा को सांस लेने का समय मिल सके.

– आंखों के आसपास की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है इसलिए यहां अधिक मेकअप न करें.

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हाथों की त्वचा को बूढ़ा होने से बचाएं

अपने चेहरे की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए तो महिलाएं कई जतन करती हैं लेकिन हाथों का उतना खयाल नहीं रखतीं. कई बार तो उन्हें नजरअंदाज कर देती हैं. जबकि हाथों की नमी और चमक तो चेहरे से भी जल्दी खो जाती है. हम दिन में औसतन 7-8 बार अपने हाथ धोते हैं. जितनी बार हमारे हाथ पानी के संपर्क में आते हैं वे अपनी नमी खोते हैं. इस की वजह से जल्दी ही हाथों की त्वचा कठोर, खुरदुरी और झुर्रीदार हो जाती है. कई लोगों में हाथों पर पिगमैंटेशन की समस्या भी उभर आती है.

थोड़ी सी देखभाल से न केवल हम अपने हाथों का आर्कषण बरकरार रख सकते हैं, बल्कि उन्हें जल्दी बूढ़ा होने से भी बचा सकते हैं.

हाथों की सुंदरता बनाए रखने के टिप्स

– रात को सोने से पहले मौइश्चराइजर जरूर लगाएं.

– धूप में बाहर निकलने से पहले हाथों पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

– हाथों पर दिन में कम से कम 4 बार मौइश्चराइजिंग क्रीम लगाएं.

– अपने हाथों को धोने के बाद थपथपा कर सुखा लें ताकि फंगल इन्फैक्शन न हो.

– हफ्ते में एक बार मैनिक्योर जरूर करें. इस के बाद मसाज क्रीम से हाथों की मसाज करना न भूलें.

– ऐसा भोजन खाएं जो मिनरल्स, विटामिंस और प्रोटीन से भरपूर हो.

– रोजाना 3 अलगअलग रंगों के फल खाएं जो विटामिन ए,सी,ई और मिनरल्स से भरपूर हों.

-डा. गौरव भारद्वाज

कंसल्टैंट ऐंड एमडी, डर्मैटोलौजी,

सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल

Beauty Tips: उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर एजिंग के लक्षणों को ऐसे करें कम

फाइन लाइनों, पिग्मेंटेशन, डिस्कोलर्नेस , रूखी सूखी त्वचा और एक उम्र के बाद झुर्रियां हम सभी में काफी आम हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी त्वचा को सुस्त और वृद्ध दिखने से नहीं रोक सकती हैं . बढ़ते प्रदूषण के स्तर, तनाव , खराब पोषण और आत्म-देखभाल की कमी ने कारण भी समय से पहले बुढ़ापा आना आम हो गया है. कॉस्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, युवाओं में समय से पहले बूढ़ा होना एक बड़ी चिंता का विषय है . ऐसे कई लोग है जिन्होंने 25 वर्ष की उम्र में ही 80 साल के उम्र के लोगो जैसे एजिंग के लक्षणों का सामना किया है .

इन सभी एजिंग की समस्याओं को आप आसानी से हल कर सकती हैं . एक नियमित स्किनकेयर रूटीन को शामिल करके इन सभी उम्र बढ़ने के मुद्दों से बचा जा सकता है. जिसमें एंटी-एजिंग रूटीन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में शामिल है सनस्क्रीन . विशेषज्ञों का सुझाव है कि महिलाओं को 20 साल में कदम रखते ही अपनी त्वचा की देखभाल करनी  शुरू कर देनी चाहिए . ऐसे बहुत से तरीके हैं जिन्हें आप आसानी से अपना सकती हैं. बस आपको इन्हें अच्छे से समझना है. तो चलिए समझते हैं

यदि आप 20 वर्षीय हैं

इस आयु वर्ग में प्रमुख चिंता मुँहासे, पिग्मेंटेशन, ब्लैकहेड्स, ऑयली स्किन और सुस्त त्वचा है जो अक्सर शरीर में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होती है. हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण, कई महिलाएं इस उम्र में अपनी त्वचा में भीषण बदलाव देखती हैं, जैसे रूखी और सेंसिटिव त्वचा. यह आवश्यक है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें और हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार लें. बिस्तर पर जाने से पहले अपना मेकअप  जरूर हटाएं और मॉइस्चराइजर लगाना कभी न भूलें. अगर आप अपनी त्वचा को साफ और मॉइस्चराइज नहीं करतीं तो इससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं. जिससे पिगमेंटेशन और ब्लैक हेड्स की समस्या बढ़ जाती है .

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एक बार नही बार बार लगाए सनस्क्रीन :

जहां हम में से ज्यादातर महिलाएं रोजाना सनस्क्रीन लगाती हैं, वहीं बहुत कम महिलाओं को यह एहसास होता है कि एक बार लगाना काफी नहीं है. सन बर्न, टैनिंग, रैशेज, खुजली, यहां तक कि स्किन कैंसर भी सूरज की हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होते हैं. आपको यह जांचना होगा कि आपका सनस्क्रीन एचसीवी और आयरन ऑक्साइड के अलावा यूवीए और यूवीबी रेडिएशन से सुरक्षा प्रदान करता है या नहीं. आयरन ऑक्साइड आपकी त्वचा को लंबे समय तक नीली रोशनी के संपर्क में आने से बचाता है, जो यूवीए और यूवीबी रेडिएशन की तरह ही हानिकारक है.

त्वचा की समस्याओं को न करें नजरअंदाज

इस उम्र में त्वचा संबंधी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस उम्र में मुँहासे की समस्या सबसे अधिक होती है. आपके त्वचा की देखभाल के लिए एक बेहतर रूटीन की आवश्यकता है, क्योंकि यह उम्र आपके हार्मोनल परिवर्तनों की शुरुआत है .

यदि आप 30 वर्षीय हैं

इस समय के दौरान आप अपनी त्वचा में कई गहरे बदलाव महसूस करेंगी. आपके 30 के दशक में पोषण पर अधिक प्रयास और देखभाल करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यही वह समय होता है जब शरीर की आत्मसात धीमी हो जाती है और समस्याएं बढ़ने लगती हैं, उसके आधार पर आपको अपने कॉस्मेटोलॉजिस्ट और कस्टोमाइस्ड स्किनकेयर के साथ अधिक सेशन करने की आवश्यकता है. यह वह समय भी है जब त्वचा में अधिक सूजन आने लगती है . एजिंग की प्रक्रिया को झुठलाया नहीं जा सकता, इसलिए आपको अपने रूटीन को लेकर और भी ज़्यादा प्रोटेक्टिव होना पड़ेगा.

30वे साल के दशक में आपको  एजिंग के संकेत दिखने शुरू हो जाएंगे. आप देखेंगी कि आपकी त्वचा अब उतनी लचीली नहीं रही जितनी पहले हुआ करती थी. उम्र बढ़ने के साथ, हमारी त्वचा के इलास्टिन और कोलेजन का धीरे-धीरे ब्रेकडाउन होना शुरू हो जाता है. त्वचा की ऊपरी सतह को स्ट्रांग बनाने के लिए, हमें रात में बहुत सारा सेरैमाइड से भरपूर मॉइस्चराइज़र और दिन के लिए हल्की जेल-क्रीम का उपयोग करना चाहिए.

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यदि आप 40 वर्षीय हैं

अब आपकी स्किन मेच्योर स्टेज में प्रवेश कर रही है. आपके कोलेजन को एक्स्ट्रा बूस्ट की आवश्यकता है, और आप अत्यधिक ड्राइनेस की शिकार भी हो सकती हैं. आपको लगेगा कि आपकी स्किन थोड़ी लटकने लगी है.ह वह आयु समूह है जब आपको अधिक झुर्रियाँ , सुखी त्वचा का एहसास होता है. आपको कुछ एडवांस्ड स्किन ट्रीटमेंट प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है जो कोलेजन के निर्माण में मदद करती है . इस दशक में शरीर के वजन के बारे में अधिक चौकस रहने की जरूरत होती है. इस अवधि के दौरान शरीर का सही वजन बनाए रखना आवश्यक है. यह प्रक्रिया आपके 20 के दशक के अंत से शुरू हो जानी चाहिए क्योंकि यदि आपने अपने शरीर के वजन को 20 के दशक में नियंत्रित नहीं किया, तो आपके लिए अपने 40 के दशक में इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. अत्यधिक शरीर में फैट शरीर में सूजन को बढ़ाता है और डायबिटीज , हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण बन सकता है. यह देखा गया है कि जो महिलाएं स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखती हैं, उनके उपचार के परिणाम भी लंबे समय तक बने रहते हैं. शरीर के वजन को बनाए रखने के अलावा, एक स्वस्थ जीवन शैली और सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है. इस उम्र में आप अपने कॉस्मेटोलॉजिस्ट के साथ अधिक से अधिक संपर्क में रहने की कोशिश करें और महीने में एक बार या दो महीने में एक बार क्लिनिक उपचार के लिए जरूर जाएं.

आप इन उपायों को आजमाकर एजिंग के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकती हैं. स्किन की उचित देखभाल करने से चेहरे पर हमेशा चमक बनी रहती है.

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