क्या है इमोशनल एब्यूज

‘‘तुम्हें क्या बिलकुल अक्ल नहीं है कि किसी के सामने क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? यू आर सिंपली स्टूपिड रोहित,’’ नेहा जब अपनी सहेली के सामने अपने पति पर चिल्लाई तो बहुत आहत हुआ रोहित. यह कोई आज की बात नहीं थी. नेहा इसी तरह सब के सामने उस की बेइज्जती करती थी. कोई गलती न होने पर भी उस को गलत ठहराती थी. सब के सामने उस की बात काट देती. यहां तक कि बच्चों से जुड़े मुद्दों पर भी वह उस से रायमशवरा नहीं करती थी.

नेहा ने रोहित के बहुत कहने पर भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी. अपना ही नहीं उस का भी सारा पैसा वह अपनी मरजी से खर्च करती और रोहित को सिर्फ रोज के आनेजाने का किराया ही देती.

रोहित कमतर नहीं था पर फिर भी नेहा के अमानवीय व्यवहार, गालियों व असम्मानजनक शब्दों को उसे झेलना पड़ रहा था और यह भी सच था कि नेहा ने कभी उसे मन से नहीं अपनाया था.

1. भावनात्मक रूप से आहत किया जाना

रोहित इमोशनल एब्यूज का शिकार है. भावनात्मक रूप से जब कोई आहत होता है तो उसे समझ पाना ज्यादा कठिन होता है. ऐसी यातनाओं के लिए कानून की मदद भी नहीं ली जा सकती. यह शिकायत दर्ज कराना मुश्किल होता है कि आप की पत्नी आप के पैसे पर पूरा अधिकार रखती है और वह आप को जेबखर्च तक के लिए पैसे नहीं देती. उस ने आप को आप के परिवार वालों, मित्रों आदि से भी दूर कर दिया है या वह हमेशा आप पर अपनी बात थोपने की कोशिश करती है.

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2. प्यार न जताना

यह माना जाता है कि प्यार न जताना या साथी की हर बात से असहमत होना भी एक तरह का इमोशनल एब्यूज ही है. यह शारीरिक यातना से ज्यादा पीड़ादायक होता है. इसे केवल सहने वाला ही समझ सकता है. 32% पुरुष इस समस्या के शिकार हैं जिन्हें उन की पत्नियां बेइज्जत करती हैं, गालियां देती हैं व उन्हें नजरअंदाज भी करती हैं. यही नहीं अकसर वे चुप्पी को अपना हथियार बना लेती हैं, रिश्ते को कायम रखने के लिए किसी भी तरह के योगदान से मना कर देती हैं. फिर चाहे वह घर संभालना हो, पैसे का मामला हो या सैक्स संबंध हों.

बच्चों को भी पति को इमोशनल एब्यूज करने का माध्यम बनाया जाता है. बच्चों को ले कर चले जाने की धमकी पत्नियां अकसर देती हैं.

3. मजाक उड़ाना

‘‘मेरी पत्नी सब के सामने मुझे बेवकूफ कहती है. बारबार घर छोड़ कर जाने की धमकी देती है. मेरी पढ़ाई और मेरे मातापिता का मजाक उड़ाती है. मेरी नौकरी का मजाक उड़ाती है, क्योंकि वह अमीर घर से है. वह मुझे एब्यूज करती है और बारबार मुझ से कहती है कि मैं उस का एहसान मानूं कि उस ने मुझ जैसे आदमी से शादी की है,’’ यह कहना है 39 वर्षीय एक युवक का जो एक प्राइवेट कंपनी में ऐग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है.

किसी को बेकार कहना या उस के वजूद को नकारना कहीं न कहीं एक तरह से हीन भावना की ही अभिव्यक्ति होती है. ऐसी पत्नियां खुद को तो सुपीरियर साबित करने की कोशिश करती ही है, साथ ही साथी का अपमान कर उन का ईगो भी संतुष्ट होता है.

4. नियंत्रण करने की भावना

विशेषज्ञ मानते हैं कि किसी को मानसिक रूप से आहत करने के पीछे एक ही वजह होती है दूसरे पर कंट्रोल करने की इच्छा. अकसर एब्यूज करने वाला व्यक्ति अपने साथी पर इसलिए नियंत्रण करता है, ताकि केवल वही उस के जीवन का केंद्र बना रहे. उस के दोस्तों व परिवारजनों के साथ बुरा व्यवहार करने के पीछे भी कारण यही है कि वह उन से मिल न सके और सब से दूर हो जाए.

एब्यूज करने वाली पत्नी साथी पर कंट्रोल करने के लिए उस की हर गतिविधि पर नजर रखती है. वह कहां जा रहा है? किस से बात कर रहा है या फिर क्या कर रहा है?

उस के मित्रों व परिवार के लोगों से भी उसे मिलने नहीं देगी और उस के हर काम में कोई न कोई गलती निकाल उस के अंदर लगातार गलत होने की गिल्ट भरती रहेगी. उस की सोशल लाइफ को भी बाधित कर देती है. एब्यूज करने वाली पत्नी साथी के टाइम, स्पेस, इमोशंस, फ्रैंडशिप और फाइनैंस सब पर कंट्रोल कर लेती है या कर लेना चाहती है. पूरी तरह से अपने ऊपर निर्भर करने की इच्छा उसे पति को हर तरह के सपोर्ट सिस्टम से काट लेने को प्रेरित करती है.

5. इमोशनल एब्यूज का शिकार

अधिकांश पुरुषों को यह समझाने में बहुत देर लग जाती है कि वे इमोशनल एब्यूज का शिकार हैं. वे जैसे भी जिंदगी काटते हैं उसी में संतुष्ट रहते हैं. महसूस होने पर या परिवार वालों को पता लगने पर भी उन में खिलाफ जाने या पत्नी को छोड़ देने की हिम्मत नहीं होती, क्योंकि वे चीजों के ठीक होने का इंतजार करते हैं.

6. लक्षण

अवसाद, लगातार सिरदर्द रहना, कमर में दर्द व पेट की समस्याएं उन्हें घेरे रहती हैं. जिस के कारण जीने व कुछ करने की इच्छा ही उन के अंदर से मिट जाती है. काबिल आदमी कई बार गुमनामी के अंधेरों में खो जाता है या अपने अस्तित्व को ही नकारने लगता है. बारबार उस का आत्मसम्मान आहत होने से वह अपने होने पर ही सवाल करने लगता है.

7. खुद से करें ये सवाल

पत्नी हमेशा आप की आलोचना करती है, अपमान करती है, आप की काबिलियत का मजाक उड़ाती है?

आप की भावनाओं को नजरअंदाज करती है?

आप को आप के मित्रों व परिवार के लोगों से संपर्क न रखने के लिए बाध्य करती है?

कई बार आप को लगता है कि उस का मूड अकसर बदलता रहता है.

क्या आप को लगता है कि आप का दूसरों से मिलनाजुलना और मजाक करना उसे नागवार गुजरता है?

8. आप मानसिक रूप से छले तो नहीं गए

देखा गया है कि हमारा समाज आसानी से इस बात को गले से नहीं उतार पाता कि एक मर्द एक औरत से दब गया या उस की ज्यादतियों का शिकार हो गया. दरअसल, हमारा भारतीय कानून महिलाओं के अधिकारों के लिए अधिक सशक्त है. यदि ऐसा पुरुष की तरफ से होता है तो समाज तुरंत उस पर प्रतिक्रिया करता है और यह बात चर्चा का विषय भी बन जाती है.

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9. इमोशनल एब्यूज है क्या

डाक्टर अंशु लहरी ने इमोशनल एब्यूज को ले कर कुछ बातें स्पष्ट की हैं:

बातों से या बिना कुछ कहे, अपने व्यवहार से साथी को दिया जाने वाला मानसिक तनाव या उसे तंग करने जैसी स्थिति पैदा करना भी इमोशनल एब्यूज है.

जब रिश्ते में यह स्थिति आ जाती है तो इस का अर्थ होता है कि युगल के बीच आपसी विश्वास नहीं रहा है, क्योंकि अगर एक साथी दूसरे साथी को भावनात्मक रूप से परेशान करता है तो उन के बीच सम्मान का सेतु टूट जाता है. यह इमोशनल एब्यूज नियंत्रण करने, अपने व्यवहार से उसे चिढ़ाने या अपनी तरह से उसे जीने के लिए बाध्य करने, अपेक्षा से अधिक उस से इच्छाएं रखने, अत्यधिक पजेसिव होने के रूप में हो सकता है.

इस से साथी के मन में अवसाद, अस्वीकृत व असहाय होने की भावना या एकाकीपन समा जाता है.

देखा गया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इस का अधिक शिकार होती हैं. घरेलू हिंसा व धमकियों के साथ ही अकसर इमोशनल एब्यूज किया जाता है.

युगल को किसी हैल्थ प्रोफैशनल से इस के बारे में सलाह लेनी चाहिए. तभी यह पता लगाया जा सकता है कि ऐसा होने की मुख्य वजह क्या है.

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