‘‘तुम्हें क्या बिलकुल अक्ल नहीं है कि किसी के सामने क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? यू आर सिंपली स्टूपिड रोहित,’’ नेहा जब अपनी सहेली के सामने अपने पति पर चिल्लाई तो बहुत आहत हुआ रोहित. यह कोई आज की बात नहीं थी. नेहा इसी तरह सब के सामने उस की बेइज्जती करती थी. कोई गलती न होने पर भी उस को गलत ठहराती थी. सब के सामने उस की बात काट देती. यहां तक कि बच्चों से जुड़े मुद्दों पर भी वह उस से रायमशवरा नहीं करती थी.

नेहा ने रोहित के बहुत कहने पर भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी. अपना ही नहीं उस का भी सारा पैसा वह अपनी मरजी से खर्च करती और रोहित को सिर्फ रोज के आनेजाने का किराया ही देती.

रोहित कमतर नहीं था पर फिर भी नेहा के अमानवीय व्यवहार, गालियों व असम्मानजनक शब्दों को उसे झेलना पड़ रहा था और यह भी सच था कि नेहा ने कभी उसे मन से नहीं अपनाया था.

1. भावनात्मक रूप से आहत किया जाना

रोहित इमोशनल एब्यूज का शिकार है. भावनात्मक रूप से जब कोई आहत होता है तो उसे समझ पाना ज्यादा कठिन होता है. ऐसी यातनाओं के लिए कानून की मदद भी नहीं ली जा सकती. यह शिकायत दर्ज कराना मुश्किल होता है कि आप की पत्नी आप के पैसे पर पूरा अधिकार रखती है और वह आप को जेबखर्च तक के लिए पैसे नहीं देती. उस ने आप को आप के परिवार वालों, मित्रों आदि से भी दूर कर दिया है या वह हमेशा आप पर अपनी बात थोपने की कोशिश करती है.

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